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Sunday, December 4, 2016

माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश देने का सख्त निर्देश, जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिया गया सख्त कदम उठाने का अधिकार, वेतन अटका तो प्रबन्ध समिति पर कार्रवाई

प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अब प्रबंध समितियों की मनमानी नहीं चलेगी। शिक्षकों का वेतन रोकने या काटने एवं भुगतान में जानबूझकर हीलाहवाली पर जिला विद्यालय निरीक्षक सख्त कदम उठाएंगे। शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमर नाथ वर्मा ने सभी डीआइओएस को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे सूबे के हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा।

सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापिकाओं, महिला प्रवक्ता एवं शिक्षणोत्तर महिला कर्मचारियों के इन दिनों हो रहे उत्पीड़न की लगातार शिकायतें बड़े अधिकारियों को मिल रही थी। शिक्षिकाओं के चिकित्सकीय अवकाश, मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश के प्रकरण उनके नियुक्ति प्राधिकारी की ओर से स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में शिक्षिकाओं का वेतन भुगतान समय पर नहीं हुआ है। अवशेष भुगतान की धनराशि लाखों रुपये में होने के कारण उनकी स्वीकृति शिक्षा निदेशालय स्तर से लेनी पड़ रही है। इसमें शिक्षिकाओं या फिर उनके परिवारीजन को अनायास भागदौड़ करनी पड़ती है साथ ही समय व धन की बर्बादी भी हो रही है।

अवकाश अनुमोदन समिति के हवाले इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम - 1921 में यह अवकाश स्वीकृत किए जाने का अधिकार प्रबंध समिति या फिर नियुक्ति प्राधिकारी को दिया गया है। मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक प्रबंध समितियां शिक्षिकाओं के इस प्रकार के प्रकरणों का निस्तारण समय पर नहीं कर रही हैं। ऐसे प्रकरणों की संख्या हजारों में है। उनमें से तमाम मामले शिक्षा निदेशालय में लंबित हैं। अफसरों का मानना है कि इससे शिक्षिकाओं का मानसिक उत्पीड़न होता है और उसका दुष्प्रभाव शिक्षण कार्य पर पड़ता है, जो उचित नहीं है।

वेतन वितरण अधिनियम के तहत हो कार्रवाई शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले की शैक्षिक संस्थाओं में कार्यरत शिक्षिकाओं व शिक्षणोत्तर महिला कर्मचारियों के देय अवकाशों का प्रकरण समय पर निस्तारित कराएं। यदि प्रबंध समिति किन्हीं प्रकरणों को जानबूझकर लंबित रखती है तो डीआइओएस अपने स्तर से नियमानुसार स्वीकृत कराएं। उसके बाद भी यदि प्रबंध समिति जानबूझकर देय अवकाश स्वीकृत नहीं करती है तो ऐसी समितियों के विरुद्ध वेतन वितरण अधिनियम-1971 के तहत अतिक्रमित कराने की कार्रवाई कराएं। शिक्षा निदेशक ने डीआइओएस को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।

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