सरकार की तरफ से परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दिए जाने वाले थाली और गिलास के वितरण पर आचार संहिता के चलते रोक लगाई जा चुकी है। अब सरकार की मुहर पर भी रोक लगा दी गई है। मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने थाली और गिलास पर लगाई जा रही मुहर को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। प्रदेश के अलग अलग जिलों में बर्तन आपूर्ति करने वाली संस्थाओं को पत्र जारी किया गया है।
मध्याह्न् भोजन योजना में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे जुगाड़ से खाना खाते थे। उनकी समस्या को देखते हुए सरकार की तरफ से उन्हें एक थाली और गिलास बर्तन का सेट उपलब्ध कराने की योजना चलाई गई। 113 रुपये 30 पैसे के सेट को वितरित करने के लिए शासन स्तर से मेसर्स पावरटेक इलेक्ट्रोइंफा प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ, मेसर्स अभिलाषा कामर्शियल प्राइवेट लिमिटेड नोएडा, मेसर्स दीवान एंड संस मुरादाबाद को अलग-अलग जिलों में बर्तन वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हरदोई में देखें तो तीन लाख 97 हजार 445 बच्चों को बर्तन सेट दिए जाने हैं। संस्थाओं की तरफ से समाजवादी योजना और मुख्यमंत्री का नाम की स्टैंप लगा कर जिलों को बर्तन भेजे जा रहे थे। आचार संहिता लगने के बाद बर्तनों के वितरण पर रोक तो लगा दी गई, लेकिन शासन स्तर से पूर्व में ही मिल चुकी हरी झंडी को देखते हुए संस्थाओं की तरफ से बर्तन तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम लिखे स्टैंप लगाई जा रही है। प्रदेश में चल रहे चुनाव को देखते हुए इस स्टैंप को भी रोक दिया गया है। मुख्य वित्त व लेखाधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव ने तीनों संस्थाओं को फरमान जारी किया है। इसकी सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी दी गई है।
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