टांडा शिक्षा क्षेत्र के 60 विद्यालयों में अबतक चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो सका। ऐसे में इन विद्ययालयों में पढ़ने वाले छात्र खतरे की जद में हैं। उक्त शिक्षा क्षेत्र में कुल 160 प्राथमिक व 66 जूनियर विद्यालय स्थापित हैं। इनमें कुल 17 हजार 763 छात्र-छात्रएं अध्यनरत हैं। 1 इन विद्यालयों के भवन का तो निर्माण हुआ है, लेकिन अधिकांश में बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत चहारदीवारी का काम नहीं हो सका। ऐसे में 32 प्राथमिक व 28 जूनियर विद्यालयों को चहारदीवारी की दरकार है। बसखारी शिक्षा क्षेत्र में भी हजारों की संख्या में छात्र पंजीकृत हैं।
इस क्षेत्र के कुल 118 प्राथमिक विद्यालयों में से 90 विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण अब तक नहीं हो सका है। 42 जूनियर हाइस्कूलों में से 30 में भी चहारदीवारी नहीं बन सकी। कई ऐसे भी विद्यालय हैं, जो तालाबों, पोखरों तथा नदी के किनारों पर बने हैं। बच्चे अक्सर मार्गों पर ही खेलते-कूदते रहते हैं। आलम यह है कि चहारदीवारी न होने से हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। खंड शिक्षा अधिकारी एके गौतम ने बताया कि चहारदीवारी का निर्माण गांव की शिक्षा समिति तथा प्रधानाध्यापक मिलकर करवाते हैं।
इसके लिए शासन द्वारा बजट आवंटित किया जाता है। बजट आते ही सभी विद्यालयों को चहारदीवारी बनवायी जाएगी।
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