जिलाधिकारी अमित किशोर ने सात खंड शिक्षाधिकारियों और दो एडीओ को उड़नदस्ता प्रभारी से हटा दिया है। उनके स्थान पर बाट माप निरीक्षक और फूड इंस्पेक्टर को उड़नउस्ता प्रभरी बनाया गया है। बीईओ को प्रभारी बनाने से जहां बूथों की व्यवस्था नहीं सुधरपा रही थी, विभाग का काम भी प्रभावित हो रहा था। विधानसभा चुनाव की घोषणा चार जनवरी को की गई थी। दो दिन बाद ही डीएम अमित किशोर ने उड़नदस्तों का गठन किया था। जिले में 15 थाने हैं और हर थाना क्षेत्र में उड़नदस्ते का गठन किया था। इसमें सभी सात खंड शिक्षाधिकारियों को प्रभारी बनाया गया था। साथ ही दो एडीओ पंचायत को भी प्रभारी बनाया था, लेकिन वे कुछ खास काम नहीं कर सके। अब बैंक और कारोबारियों कैश ही हाथ आया। किसी नेता के कैश तक उड़नदस्तों के हाथ नहीं पहुंच सके। साथ ही सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा कराए जा रहे बूथों के सर्वे में स्थिति ठीक नहीं पाई गई। अधिकतर बूथ परिषदीय स्कूलों में ही हैं। कहीं रैंप नहीं बना है तो कहीं शौचालय चालू नहीं है और कहीं बिजली की व्यवस्था नहीं है, जबकि यह व्यवस्था बीईओ को ही कराना हैं।
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