मिड-डे मील के लिए निश्शुल्क भोजन की थाली बांटी गई थी। लेकिन अब ये थालियां आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में हैं।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में दीवारों पर लगे राजनीतिक पार्टियों के होर्डिग्स और बैनर उतारने के साथ ही दीवारों पर लिखे स्लोगन भी मिटा दिए गए। लेकिन इसके बाद भी मिड-डे मील के दौरान बच्चों को दी जाने वाली भोजन की थाली के जरिए मौजूदा समाजवादी पार्टी का खूब प्रचार हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो के साथ ही स्लोगन समेत नाम भी लिखा है। लिहाजा ये आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में है।
अक्टूबर में प्रदेश सरकार की ओर से जिले में मिड-डे मील के लिए बच्चों को एक लाख 19 हजार भोजन की थाली बांटी गई थीं। इन थालियों का वितरण कई बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आचार संहिता लगने के बाद हुआ। इस पर एक तरफ स्टीकर के माध्यम से सीएम की फोटो है तो दूसरी ओर उनका प्रचार करता स्लोगन भी लिखा है। स्टीकर धुलाई के बाद हट भी जाएंगे लेकिन स्लोगन सरकार की याद दिलाता रहेगा। हालांकि बच्चे अभी मतदाता नहीं हैं लेकिन निर्वाचन आयोग ने शिक्षण संस्थानों से भी राजनीतिक पार्टियों की प्रचार सामग्री हटाने के आदेश जारी किए हैं।
रोक दिया बैग का वितरण : आचार संहिता लगने के तीन-चार दिन पहले स्कूल बैग आ चुके थे लेकिन बाद में इनका वितरण रोक दिया। लेकिन मिड-डे मील की थाली पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।भोजन की थाली पर मुख्यमंत्री के प्रचार वाले स्लोगन लिखे होने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो यह आचार संहिता के उल्लंघन में आता है। मिड-डे मील के लिए बच्चे मतदान खत्म होने तक पहले की तरह अपने घर से प्लेट व थाली लेकर आएंगे।
संजय सिंह, बीएसएमिड-डे मील की थाली आचार संहिता लगने से पहले बंट चुकी थीं लेकिन अब इन्हें कतई नहीं बांटने दिया जाएगा। इस पर कोई आपत्ति दर्ज कराता है तो मतदान पूरा होने तक ऐसी थाली में भोजन वितरण पर भी रोक लगा दी जाएगी।
-जुहैर बिन सगीर, डीएमबेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में मिड डे मील के लिए मिली थाली अब आचार संहिता के दायरे में आ गई है। मुख्यमंत्री का फोटो छपा है ’ जागरण
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