बेसिक शिक्षा विभाग से स्कूलों में भेजे गए पैसे का हिसाब गायब है। खंड शिक्षाधिकारी और न्याय पंचायत समन्वयक कई साल से पैसे का हिसाब नहीं दे रहे हैं। समस्त खंड शिक्षाधिकारी, नगर शिक्षाधिकारी और एनपीआरसी को नोटिस दिए गए हैं। सर्वशिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा पर हर साल करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं। स्कूल भवन, शिक्षक और बच्चों की सुविधाओं के लिए भी पैसा दिया जाता है। इसमें से कुछ पैसा एनपीआरसी के खाते में भी दिया जाता है। हर साल 22 हजार रुपये एनपीआरसी के खाते में भी दिए जाते हैं, लेकिन इसका हिसाब विभाग को नहीं दिया जाता। पैसा खर्च करने के बाद विभाग को उपभोग प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। खातों में कुछ पैसा है, जिसे विभाग ने वापस मांगा था, लेकिन वापस भी नहीं दिया गया। अब वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना चल रहा है, जिससे शासन हिसाब मांग रहा है। इसलिए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी जयपाल सिंह ने बीईओ चमरौआ, स्वार, शाहबाद, मिलक बिलासपुर और नगर शिक्षाधिकारी को नोटिस जारी कर पैसे का हिसाब मांगा है।
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