परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। बजट के अभाव में शिक्षकों को वेतन मिलने के अभी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। फरवरी के वेतन के इंतजार में होली का रंग फीका हो चुका है। वेतन न मिलने का असर बच्चों के प्रवेश व शादी समारोहों पर भी पड़ रहा है। जिले में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या 53 सौ है। इन शिक्षकों को वेतन देने के लिए प्रतिमाह 18 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है लेकिन शासन से बजट न मिलने के कारण शिक्षकों को फरवरी माह का वेतन नहीं मिला, जबकि उन्हें उम्मीद थी कि 13 मार्च को संपन्न हुए होली पर्व से पहले वेतन मिल जाएगा। होली पर्व से पहले शिक्षकों को वेतन देने के लिए संबंधित अधिकारी शासनस्तर पर पत्र व्यवहार करते रहे लेकिन कामयाबी नहीं मिली। शासन से मिले आश्वासन के बाद शिक्षकों को उम्मीद थी कि 16 से 20 मार्च के बीच वेतन मिल जाएगा लेकिन यह समय भी निकल गया। मौजूदा समय में सभी स्कूलों में परीक्षा का दौर चल रहा है। अप्रैल में शिक्षकों को अपने पुत्र-पुत्रियों को दूसरे स्कूलों में दाखिला कराना है। जिसमें प्रवेश शुल्क भी जमा करना होगा। ऐसे में वेतन न मिलने से शिक्षकों की नींद उड़ गई है। कुछ शिक्षकों के यहां अप्रैल में शादी समारोह भी है। ऐसे शिक्षकों की भी चिंता गहरा गई है।
बजट के लिए लखनऊ रवाना हुई टीम : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थित लेखा विभाग के कर्मियों ने बताया कि बजट न मिलने की वजह से शिक्षकों को फरवरी में वेतन नहीं मिला। हालांकि बजट हासिल करने के लिए लेखा विभाग की टीम लखनऊ गई है। इस बार बजट मिलने की पूरी उम्मीद है।
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