लखनऊ (डीएनएन)। आगामी जुलाई से अक्षय पात्र फाउंडेशन बख्शी का तालाब क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में भी मिड-डे-मील वितरित करेगा। संस्था के कार्यों को देखते हुए इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही अनुमति के लिए बीएसए के माध्यम से जिला प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा।मौजूदा समय में राजधानी के 2029 परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त एवं एडेड मदरसों में कक्षा एक आठ तक करीब दो लाख 9,886 छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील दिया जाता है। इनमें चिनहट, काकोरी, सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज के साथ-साथ नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे-मील वितरण की जिम्मेदारी अक्षय पात्र फाउंडेशन को दी गई है। वहीं, नगर क्षेत्र के सहायता प्राप्त विद्यालयों में इसका वितरण आठ एनजीओ करते हैं। इसके अलावा माल, मलिहाबाद, गोसाईगंज व बीकेटी में ग्राम प्रधान व प्रधानध्यापक बच्चों को मिड-डे-मील वितरित करते हैं। अक्षय पात्र की ओर से गुणवत्तायुक्त मिड-डे-मील दिए जाने के चलते उसके कार्य में विस्तार की तैयार की गई है। जुलाई से बीकेटी के परिषदीय विद्यालयों में अक्षय पात्र को मिड-डे-मील वितरित करने की जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है, जल्द ही इसे जिलाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा। गौरतलब है कि बीकेटी के नगर पंचायत के परिषदीय विद्यालयों में एक एनजीओ मिड-डे-मील वितरित कर रही है।
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी विद्यालयों के बच्चों को प्रत्येक सोमवार को फल वितरित किए जाने के लिए शासन ने बजट स्वीकृत कर दिया है। इस बार शैक्षिक सत्र 2017-18 के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई है। इनमें से पहली किश्त के रूप में 6605.62432 लाख रुपए जारी कर दिए गए हैं। शासनादेश के मुताबिक प्रत्येक छात्र पर प्रति फल 4 रुपए के हिसाब से खर्च किए जाएंगे। इनमें केला, सेब, आम से लेकर मौसमी फल वितरित किए जाने के आदेश हैं।...लेकिन बच्चों को दूध का रहेगा इंतजारभले ही शासन ने बच्चों को सप्ताह में एक बार फल देने के लिए बजट की पहली किश्त जारी कर दी है। लेकिन दूध का कोई पैसा नहीं दिया गया। लिहाजा बच्चों को दूध मिलना मुश्किल है। बीते सत्र में भी कुछ एक दिन छोड़ कर किसी भी एनजीओ ने बच्चों को दूध नहीं दिया। वहीं, अक्षय पात्र ने दूध की जगह बच्चों को खीर वितरित की। अब इस सत्र में भी दूध का बजट न देने को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।
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