DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, March 15, 2019

कक्षा-6 से परास्नातक तक की शिक्षा देने वाले प्राइवेट संस्थानों को उनके कार्य प्रकृति के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना संविधान के अनुच्छेद-226 की न्यायिक पुनरावलोकन शक्तियों के अधीन, प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ भी याचिका संभव 


•एनबीटी ब्यूरो, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कक्षा-6 से परास्नातक तक की शिक्षा देने वाले प्राइवेट संस्थानों को उनके कार्य प्रकृति के कारण संविधान के अनुच्छेद-226 की न्यायिक पुनरावलोकन शक्तियों के अधीन माना है। कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद-12 के तहत प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल हो सकती है। यह फैसला तीन सदस्यीय पूर्णपीठ ने दिया है। अब तक प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ याचिका पोषणीय नहीं मानी जाती थी।

No comments:
Write comments