मार्कशीट और डिग्री सुरक्षित रखने में विश्विद्यालय बेपरवाह।
लखनऊ : प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों ने मार्कशीट व डिग्री को सुरक्षित रखने के उपाय अभी तक नहीं किए। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) यानी डिजिटल लॉकर में डिग्री व मार्कशीट रखने के निर्देश दिए थे। दो साल में प्रदेश में सिर्फ 58 शिक्षण संस्थानों ने ही डिजिटल लॉकर की सुविधा ली है। इनमें से 44 निजी उच्च शिक्षण संस्थान हैं। राज्य विश्वविद्यालयों में सिर्फ सात ने ही अभी तक यह सुविधा ली है।
डिजिटल लॉकर में मार्कशीट व डिग्री रखने के दो फायदे हैं। पहला यह कि विद्यार्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और दूसरा ऑनलाइन सत्यापन करना बेहद आसान होता है।
डिजिटल लॉकर में अभी तक देश भर में 540 शैक्षिक संस्थानों ने अपने विद्यार्थियों की डिग्री व मार्कशीट रखी है। यूपी में छह केंद्रीय विश्वविद्यालय में से सिर्फ एक ने, 31 राज्य विश्वविद्यालय में से सिर्फ सात ने और 32 प्राइवेट विश्वविद्यालय और आठ हजार से अधिक कॉलेजों में से केवल 44 संस्थानों ने ही यह सुविधा ली है। छह अन्य केंद्रीय इंस्टीट्यूट में भी विद्यार्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र सुरक्षित रखे हैं।
राज्य विश्वविद्यालयों में सिर्फ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, पंडित दीन दयाल उपाध्याय वेटनरी विश्वविद्यालय मथुरा और सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ शामिल है। यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र सुरक्षित हैं।
वहीं दूसरी ओर आगरा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और रुहेलखंड विश्वविद्यालय आदि ने अभी विद्यार्थियों को यह सुविधा नहीं दी है।
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