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Thursday, September 9, 2021

झटका : निजी स्कूल नए सत्र से आरटीई के तहत नहीं लेंगे एडमिशन

झटका : निजी स्कूल नए सत्र से आरटीई के तहत नहीं लेंगे एडमिशन

-प्राइवेट स्कूलों ने आरटीई में एडमिशन लेने के लिए खड़े किए हाथ

-प्रदेश भर में सवा लाख छात्र निजी कॉलेजों में ले रहे हैं आरटीई की सुविधा


लखनऊ : शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने की तैयारी कर रहे प्रदेश के हजारों बच्चों का सपना टूट सकता हैं। अनएडेड स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों के साथ बैठक कर तय किया है कि सत्र 2021-22 में आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश नहीं लिए जाएंगे। एसोसिएशन ने इसके पीछे सरकार की उदासीनता को जिम्मेदार बताया है। आरटीई में कक्षा एक से आठ तक बच्चों की निशुल्क पढ़ाई होती है। सरकार की ओर से 450 रुपए प्रति छात्र फीस प्रतिपूर्ति के रूप में कॉलेज को दिया जाता है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि अपने निर्णय से हमने बेसिक शिक्षा मंत्री, बेसिक शिक्षा निदेशक को अवगत करा दिया है। अनिल अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2019 से आरटीई के तहत पढ़ने वाले सवा लाख बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति शिक्षा विभाग ने नहीं भेजी है और न ही वर्ष 2013 के बाद फीस रिवाइज की है। आज भी प्रत्येक बच्चा 450 रुपए प्रतिमाह की फीस पर पढ़ाई कर रहा है जबकि स्कूल संचालन का खर्च लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने की ही विनती कर रहे हैं। अनिल अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश भर में कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने तय कर लिया है कि इस साल आरटीई के तहत एक भी एडमिशन नहीं होगा। वर्तमान समय में आरटीई के प्रदेश भर में सवा लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इस फैसले से बच्चों पर क्या असर पड़ेगा इस सवाल पर एसोसिएिशन ने कहा कि अगले दो दिनों में हम निर्णल लेंगे कि जो बच्चे पढ़ रहे हैं उनका क्या किया जाए।

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