DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, May 19, 2022

हर स्कूल को मिलेंगे कंप्यूटर और प्रोजेक्टर, संचालित होगी उत्कृष्ट योजना

हर स्कूल को मिलेंगे कंप्यूटर और प्रोजेक्टर, संचालित होगी उत्कृष्ट योजना

विश्व बैंक देगा 500 मिलियन डालर, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों का भी होगा कायाकल्प


लखनऊ  :  प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए विश्व बैंक की सहायता से उत्कृष्ट (यूपी नालेज बेस्ड रिस्पांस टू स्कूलिंग एंड टीचिंग ) योजना संचालित की जाएगी। योजना के संचालन के लिए विश्व बैंक 500 मिलियन डालर (तकरीबन 3850 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता देगा। उत्कृष्ट योजना के तहत प्री प्राइमरी, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के ढांचे को डिजिटल टेक्नोलाजी से लैस करने के साथ शिक्षकों को भी डिजिटल शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार ने योजना के संचालन के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। प्रदेश में योजना के संचालन के लिए विस्तृत खाका तैयार किया जा रहा है।


प्री-प्राइमरी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को तकनीकी से लैस किया जाएगा। पढ़ाई शुरू करने वाले बच्चों के लिए टीचिंग-लर्निंग मैटीरियल उपलब्ध कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह माह के सेवारत प्रशिक्षण के माध्यम से उनका पेशेवर तरीके से विकास किया जाएगा। 


वहीं बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के सीखने-समझने की क्षमता में वृद्धि के लिए टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जाएगा। डिजिटल शिक्षा के लिए 1.35 लाख स्कूलों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर उपलब्ध कराए जाएंगे। विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चों के लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे। 


बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाने में शिक्षकों के लिए मददगार साबित होने वाले डिजिटल तकनीक पर आधारित ट्रेनिंग माड्यूल और शैक्षिक सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पालिटेक्निक के सहयोग से 2000 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं के कौशल विकास के लिए ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे जिनकी बाजार में मांग हो।


डायट बनेंगे स्मार्ट

शिक्षक प्रशिक्षण के राज्य और जिला स्तरीय संस्थानों को तकनीकी दृष्टि से सुदढ़ करना भी योजना का एक प्रमुख उद्देश्य है। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में स्मार्ट कलास विकसित किये जाएंगे। हर डायट में वाई-फाई सुविधा से युक्त कंप्यूटर लैब, विभिन्न विषयों के लैब और पुस्तकालय स्थापित किये जाएंगे। आवासीय प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक डायट में हास्टल भी बनाए जाएंगे।


योजना के ये भी हैं उद्देश्य

• कोरोना महामारी और आपदाओं के कारण बच्चों की पढ़ाई और उनके सीखने-समझने की क्षमता में के लिए शैक्षिक व्यवस्था को सक्षम बनाना।

• स्कूलों में बच्चों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में किशोर वय की छात्राओं के ड्रापआउट रेट में कमी लाना।

• राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की मंशा के अनुरूप आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक स्कूलों के बीच समन्वय स्थापित करना

No comments:
Write comments