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Tuesday, February 28, 2023

नए सत्र में स्कूल खुलते ही उपलब्ध होंगी शत प्रतिशत किताबें

नए सत्र में स्कूल खुलते ही उपलब्ध होंगी शत प्रतिशत किताबें, बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधान परिषद में दिया वक्तव्य


नए शैक्षणिक सत्र में स्कूल खुलते ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने सोमवार को विधान परिषद में बच्चों को कई माह बीतने के बाद भी पुस्तकें न उपलब्ध होने के सवाल पर यह घोषणा की।


लखनऊ : नए शैक्षणिक सत्र में स्कूल खुलते ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने सोमवार को विधान परिषद में बच्चों को कई माह बीतने के बाद भी पुस्तकें न उपलब्ध होने के सवाल पर यह घोषणा की। कहा कि पिछले सत्र में कुछ कारणों से बच्चों तक किताबें पहुंचने में विलंब हुआ था। दावा किया कि अबकी पहली बार स्कूल खुलते ही एक अप्रैल को शतप्रतिशत बच्चों के हाथों में किताबें हाेंगी। इस बार पुस्तकें उपलब्ध कराने के प्रबंध पहले ही कर लिए गए हैं और पचास प्रतिशत किताबें आ चुकी हैं।


शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 105 के तहत बच्चों को कई माह बीतने के बाद भी पुस्तकें उपलब्ध न होने का सवाल उठाया था। कहा कि वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले बच्चों को पुस्तक प्रदान किए जाने की व्यवस्था अब तक नहीं है। कहा कि 14 हजार मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों व 22 हजार वित्त विहीन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का क्या दोष है, जो उन्हें पुस्तकें नहीं मिलती। 


इस पर राज्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जानकारी की जाएगी और जो नियम होगा, वह किया जाएगा। कहा कि पूरी पारदर्शिता से काम किया जा रहा है। बच्चों की शेष शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान भी जल्द किया जाएगा। सभापति कुंवर मान्वेन्द्र सिंह ने सरकार को बाल शिक्षा अधिकार के अंतर्गत पात्रों को पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए प्रचार-प्रसार कराए जाने का निर्देश दिया। 



यूपी के परिषदीय स्‍कूलों के लिए Good News, सत्र के पहले ही दिन मिल जाएंगी किताबें


यूपी के सरकारी प्राइमरी स्‍कूलों के लिए गुड न्‍यूज, इस बार सत्र के पहले ही दिन मिल जाएंगी किताबेंयूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को इस बार नए सत्र के पहले दिन ही किताबें मिल जाएंगी। गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिलों में कक्षा चार से आठ तक की 17 से लेकर 86 फीसदी पुस्तकें आ चुकी हैं।

UP Primary Schools: यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को इस बार नए सत्र के पहले दिन ही किताबें मिल जाएंगी। गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिलों में कक्षा चार से आठ तक की 17 से लेकर 86 फीसदी पुस्तकें आ चुकी हैं। किताबों को विद्यालयों तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। क्रयादेश नहीं हो पाने के चलते कक्षा एक से तीन तक की पुस्तकों की आपूर्ति किसी जिले में नहीं हुई है।


वर्तमान शैक्षिक सत्र में आधा सत्र बीतने के बावजूद छात्रों को सभी पुस्तकें नहीं मिल पाई थीं। इससे सबक लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने इस बार विशेष तैयारी की है। देवरिया में 86 प्रतिशत पुस्तकों की आपूर्ति हो चुकी है। कक्षा चार से पांच तक की सभी पुस्तकें आ गई हैं। कक्षा छह से आठ तक की 33 में से 25 प्रकार की पुस्तकें आई हैं। महाराजगंज में 51.22 प्रतिशत पुस्तकों की आपूर्ति हो चुकी है। बीएसए आशीष कुमार सिंह ने बताया कि सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। गोरखपुर जिले में 41.55 प्रतिशत और कुशीनगर जिले में 24.86 प्रतिशत पुस्तकों की आपूर्ति हो चुकी है। सिद्धार्थनगर में 51.43 प्रतिशत और बस्ती में 56.10 प्रतिशत पुस्तकें आ चुकी हैं। संतकबीरनगर में 17.20 प्रतिशत पुस्तकें आई हैं।


गोरखपुर के बीएसए रमेन्‍द्र कुमार सिंह ने बताया कि नए सत्र के लिए पुस्तकें अभी से आनी शुरू हो गई हैं। जो किताबें नहीं आ पाई हैं उन्हें भी मंगाने का प्रयास हो रहा है। इस बार बच्चों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। देवरिया के बीएसए हरिश्‍चंद्र नाथ ने बताया कि नए सत्र में पहले दिन से छात्रों को किताबें मिले इसकी तैयारी शुरू हो गई है। जिले में 86 फीसदी किताबें आ चुकी हैं। जल्द ही अंग्रेजी व उर्दू माध्यम की पुस्तकें भी आ जाएंगी। बस्‍ती के बीएसए डॉ.इन्‍द्रजीत प्रजापति ने बताया कि हिंदी मीडियम की 56 फीसदी किताबें आ चुकी हैं। ढुलाई के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही बीआरसी पर किताबों की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।


अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की पुस्तकों का इंतजार
अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की पुस्तकें अभी तक किसी भी जिले में नहीं पहुंची हैं। इन पुस्तकों के भी जल्द आने की उम्मीद है। इसके अलावा कार्यपुस्तिका (वर्कबुक) की आपूर्ति भी नहीं हुई है। विभाग के अनुसार कार्यपुस्तिका की आपूर्ति के लिए 120 दिन का समय दिया जाता है।


जिलावार पुस्तक आपूर्ति की स्थिति
जिला मांग आपूर्ति प्रतिशत

देवरिया       1305569     1133836 (86)

बस्ती          1693260     950068 (56.10)

सिद्धार्थनगर  2204277    1133590 (51.43)

महराजगंज  1792594      918190 (51.22)

गोरखपुर      2487000      1033327 (41.55)

कुशीनगर      2212003      550000 (24.86)

संतकबीरनगर 1151289      198009 (17.20)

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