केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा की कॉपी (उत्तर पुस्तिका) के मूल्यांकन की पद्धति में बड़ा बदलाव किया है। अब एक घंटे में एक शिक्षक मात्र तीन कॉपियों की ही जांच करेंगे। एक दिन में उन्हें केवल 20 कॉपी ही जांच के लिए दी जाएगी। मूल्यांकन करने वाले शिक्षक को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक मूल्यांकन केंद्रों पर रहना होगा।


पहले शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए समय की बाध्यता नहीं होती थी। मूल्यांकन कार्य में शून्य त्रुटि (जीरो एरर) अभियान के तहत सीबीएसई ने ये बदलाव किए हैं। सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के संरक्षक एके नाग का कहना है कि सीबीएसई ने इस वर्ष कॉपियों की सूक्ष्मता से जांच कराने का निर्णय लिया है। प्रत्येक कॉपी की निगरानी होगी। कॉपियों के मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने के लिए एक शिक्षक को मात्र 20 कॉपी ही दी जाएगी। उन्हें मूल्यांकन केंद्र के अंदर ही जांच करनी होगी।


सहायक मुख्य परीक्षक की होगी तैनाती

सीबीएसई ने इस वर्ष से मुख्य परीक्षक के नीचे एक सहायक मुख्य परीक्षक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। सहायक मुख्य परीक्षक अपने वरीय अधिकारियों को मदद करेंगे। ये दोनों पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) होंगे। खासकर विज्ञान एवं सामाजिक अध्ययन विषयों की जांच के लिए पीजीटी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।


शिक्षक नहीं भेजने पर रद हो सकती स्कूल की मान्यता

सीबीएसई ने स्कूलों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि मूल्यांकन के लिए बोर्ड द्वारा चयनित शिक्षकों को संबंधित स्कूल द्वारा मूल्यांकन केंद्र पर नहीं भेजने पर स्कूल की मान्यता तक रद्द की जा सकती है। बोर्ड जुर्माना भी लगा सकता है। शिक्षक नहीं भेजने वाले स्कूलों का परीक्षा परिणाम भी रोका जा सकता है। एक साथ तीनों कार्रवाई की जा सकती हैं। मालूम हो कि कई स्कूल शिक्षक नहीं होने की स्थिति में मूल्यांकन केंद्रों पर समय पर शिक्षक नहीं भेज पाते हैं। इससे बोर्ड का मूल्यांकन कार्य प्रभावित होता है।