कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय के खिलाफ एक्स पर ट्रेंड हुआ 'मधुशाला नहीं पाठशाला दो'
13 जुलाई 2025
लखनऊ: प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय के खिलाफ रविवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर 'मधुशाला नहीं पाठशाला दो' हैशटैग के साथ डिजिटल आंदोलन चला। शिक्षकों, शिक्षामित्रों, डीएलएड प्रशिक्षुओं और अभिभावकों ने इसमें हिस्सा लिया, जिससे यह ट्रेंड देश में नंबर-एक पर पहुंच गया।
अभियान में लोगों ने वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा की। रसोइयों के आंसू, बच्चों की शिक्षण व्यवस्था और महिलाओं की भावनात्मक अपीलों ने आंदोलन को बल दिया। पोस्ट में स्कूलों की संख्या घटाने के निर्णय, शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर सवाल उठाए गए।
सात लाख से अधिक हुए पोस्ट, इससे जुड़े फोटो-वीडियो भी शेयर किए
7 जुलाई 2025
लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के विलय (पेयरिंग) को लेकर विरोध व्यापक रूप ले रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर रविवार को वर्तमान और भावी शिक्षकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जस्टिस फॉर स्कूल चिल्ड्रेन अभियान चलाया।
ये दोपहर से देर शाम तक ट्रेंड करता रहा। इसमें सात लाख से अधिक पोस्ट करके शिक्षकों व युवाओं ने स्कूलों का विलय न करने की अपील की। इसके साथ ही अलग अलग हैंडल से इससे जुड़े फोटो व बच्चों के वीडियो शेयर करते हुए स्कूलों के विलय के नुकसान बताए। साथ ही बच्चों ने भावुक अपील भी की।
स्कूल बंद होने से काफी रसोइयों की सेवा समाप्त होगी। साथ ही भविष्य में शिक्षक बनने की उम्मीद में तैयारी कर रहे बीटीसी, बीएलएड अभ्यर्थियों को भी झटका लगेगा।
शिक्षकों की मांग है कि कोई भी विद्यालय बंद न हो। हर क्लास में एक शिक्षक व हर विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक जरूर नियुक्त हो। इस निर्णय के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ आठ जुलाई को बीएसए कार्यालय में धरने की तैयारी कर रहा है।
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