कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को दो अक्तूबर को मिलेगी छात्रवृत्ति
समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों की बैठक में लिया फैसला
लखनऊ । प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति दो अक्तूबर को पहुंचेगी। सोमवार को भागीदारी भवन में छात्रवृत्ति प्रणाली में सुधार के लिए समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों की समन्वय बैठक में यह फैसला लिया गया। तय किया गया कि दो अक्तूबर के बाद बच गए अभ्यर्थियों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम अगले कुछ महीनों में उनके खातों में भेजी जाएगी। पहले विद्यार्थियों को दिसंबर में छात्रवृत्ति मिलती थी।
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि तीनों विभागों की छात्रवृत्ति में एकरूपता लाने और पूरी प्रणाली को सुधारने की कवायद शुरू की जा रही है। हमारी मंशा है कि सभी विभागों में छात्रवृत्ति योजना के मानकों में एकरूपता रहे ताकि किसी भी वर्ग को नुकसान न हो। सभी विद्यार्थियों को समय से छात्रवृत्ति मिले।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर, वंचित और पिछड़े वर्ग के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिले।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में सुधार के लिए तीनों विभागों के मंत्री और अधिकारी मिलकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप छात्रवृत्ति प्रणाली को हम बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। बैठक में असीम अरुण, नरेंद्र कश्यप, ओम प्रकाश राजभर और दानिश आजाद अंसारी के अलावा तीनों विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मानकों में एकरूपता के लिए समिति
बैठक में तय हुआ कि मानकों में एकरूपता लाने के लिए तीनों विभागों के चार अधिकारियों की एक टीम गठित की जाएगी। ये सभी अधिकारी मिलकर सभी विभागों के मानक एक जैसे बनाने की कोशिश करेंगे। मानकों में उन बिंदुओं का परीक्षण किया जाएगा, जिनके आधार पर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए विद्यार्थियों की पात्रता तय की जाती है। अभी तक मानकों में कुछ अंतर है।
छात्रवृत्ति योजना में सुधार तीन चरणों में
इसके अलावा बैठक में यह भी तय किया गया है कि छात्रवृत्ति योजना में सुधार तीन चरणों में किया जाएगा। पात्रता की एकरूपता के बाद शैक्षिक संस्थानों के मानकों में एकरूपता लाने के प्रयास होंगे। इसके अलावा वास्तविक लाभार्थियों तक ही योजना का लाभ पहुंचे और इसमें फर्जीवाड़े की गुंजाइश समाप्त करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदम भी तय किए जाएंगे।
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