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Wednesday, October 6, 2021

योग्यता परखने को डेढ़ मिनट! सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल, भर्ती पर याचिका दायर करने की तैयारी

योग्यता परखने को डेढ़ मिनट! सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल, भर्ती पर याचिका दायर करने की तैयारी


प्रयागराज : प्रदेश भर में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अस्थाई संविदा पर शिक्षकों की भर्ती तो की जा रही है, लेकिन योग्यता परखने के लिए तय किए समय से सवाल खड़े हो गए हैं। साक्षात्कार छह अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक सुबह दस से शाम पांच बजे तक लिया जाएगा।



साहित्य एवं व्याकरण विषय के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा, जबकि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से विशेषज्ञ न मिल पाने के कारण प्रयागराज में आधुनिक विषय का साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश भर में जिलों में अस्थाई संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जो पांच सदस्यीय चयन समिति बनाई गई है, उसमें संबंधित अशासकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक अध्यक्ष हैं।


 इनके अलावा संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपदीय अधिकारी सदस्य, मंडलीय उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं सदस्य, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित दो सदस्य एवं संबंधित जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव हैं। साक्षात्कार में शिक्षकों की योग्यता परखने के लिए उदाहरण के रूप में प्रयागराज की स्थिति को समझना होगा।


 साहित्य एवं व्याकरण विषय के लिए कुल 1127 आवेदन मिले हैं, जिसमें से 90 निरस्त हो गए हैं। चार दिवसों में सुबह दस से शाम पांच बजे तक साक्षात्कार की अवधि में मध्याह्न अवकाश एवं भिन्न-भिन्न विद्यालयों के लिए एक के बाद दूसरे विद्यालय के साक्षात्कार बोर्ड का गठन भी किया जाता रहेगा। इयदि छह घंटे रोज साक्षात्कार होगा तो चार दिन में 24 घंटे यानी 1440 मिनट लगेंगे। इस 1440 मिनट में करीब 1027 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाना है।


अब सवाल यह है कि लगभग इस डेढ़ मिनट में किसी शिक्षक की योग्यता कैसे परखी जाएगी? और वह कितनी न्यायसंगत होगी? इतने कम समय में शिक्षक के मूल्यांकन की प्रक्रिया को वायस आफ टीचर्स (वोट) के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ ने त्रुटिपूर्ण, अव्यवहारिक, दोषपूर्ण एवं औपचारिक बताया है।


संस्कृत विद्यालय में शिक्षक भर्ती पर याचिका दायर करने की तैयारी

प्रयागराज: सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पदों के सापेक्ष शासन द्वारा की जा रही अस्थायी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के विषय पर वायस आफ टीचर्स (वोट) ने बैठक की। सच्चा आध्यात्म संस्कृत महाविद्यालय नैनी के पूर्व प्राचार्य डॉ. चंद्रदेव मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में परंपरागत संस्कृत शिक्षक शामिल हुए। 


वोट के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ने की जा रही इस नियुक्ति को त्रुटिपूर्ण और अनुचित बताया। पूर्व प्राचार्य त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय डॉ. शम्भू नाथ त्रिपाठी अंशुल ने इसे संस्कृत संस्थानों से शिक्षकीय पद समाप्त करने की प्रक्रिया में बढ़ाया गया कदम बताया। अध्यक्षता करते हुए डा. चंद्रदेव मिश्र ने कहा कि इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जानी चाहिए, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया।

CBSE Exam 2022: बोर्ड ने किया बड़ा बदलाव, अब दोनों टर्म के लिए अलग-अलग होगी प्रैक्टिकल परीक्षा

CBSE Exam 2022: बोर्ड ने किया बड़ा बदलाव, अब दोनों टर्म के लिए अलग-अलग होगी प्रैक्टिकल परीक्षा



केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने काेरोना महामारी को ध्यान में रखकर 2021-22 शैक्षणिक सत्र में कई बदलाव किए हैं। हाल ही में बोर्ड द्वारा एक और बदलाव की घोषणा की गई। इस घोषणा के मुताबिक कक्षा 10वीं और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट और प्रैक्टिकल भी दो भागों में आयोजित किया जाएगा। यानी टर्म-1 के लिए इंटरनल असेसमेंट और प्रैक्टिकल परीक्षा अलग, वहीं टर्म-2 के लिए अलग आयोजित की जाएगी।


इतने अंकों की होगी परीक्षा
बोर्ड द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर जारी मार्किंग स्कीम और शेड्यूल के मुताबिक प्रत्येक वर्ष कक्षा दसवीं के लिए इंटरनल असेसमेंट की कुल 20 अंकों की होता है। किंतु इस वर्ष टर्म-1 के लिए 10 अंक और टर्म- 2 के लिए 10 अंक की परीक्षा होगी। वहीं बारहवीं कक्षा में थ्योरी 70 अंक और प्रैक्टिकल परीक्षा 30 अंक की होती है। इसलिए प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट को 15-15 अंकों में टर्म-1 और टर्म-2 में बांटा जाएगा। 


स्कूलाें को भेजी गई मार्किंग स्कीम
बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर टर्म और चैप्टर वाइज शेड्यूल जारी कर दिया है। अभ्यर्थी टर्म वाइज सिलेबस देखने के लिए इस डायरेक्ट लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज बताते हैं कि सैद्धांतिक परीक्षा की तरह प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट का भी शेड्यूल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। साथ में प्रैक्टिकल की मार्किंग स्कीम सभी सीबीएसई विद्यालयों को भेज दी गई है।


पूनर्मूल्यांकन कार्यक्रम के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के लिए पुनर्मूल्यांकन कार्यक्रम जारी किया है। सीबीएसई कक्षा 12वीं के अंकों का सत्यापन आज से शुरू होगा। उम्मीदवार सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर (रात 11.59 बजे) तक अंकों के सत्यापन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कक्षा 12वीं कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम 30 सितंबर को घोषित किया गया था। सुधार परीक्षा 25 अगस्त से 15 सितंबर, 2021 तक आयोजित की गई थी। उम्मीदवार सीबीएसई की आधिकारिक साइट cbse.gov.in पर शेड्यूल की जांच कर सकते हैं।

छात्र को डांटना खुदकुशी के लिए उकसाना नहीं, अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्र को डांटना कोई गुनाह नहीं : सुप्रीमकोर्ट

छात्र को डांटना खुदकुशी के लिए उकसाना नहीं, अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्र को डांटना कोई गुनाह नहीं : सुप्रीमकोर्ट


नई दिल्ली। स्कूल में छात्र को डांटने और उसकी शिकायत प्रिंसिपल से करने तथा उसके बाद उसके माता-पिता को स्कूल में बुलाने भर से यदि छात्र आत्महत्या कर लेता है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं होगा। 


यह कहते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा- 306 के तहत दर्ज केस समाप्त कर दिया। स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्र को डांटना कोई गुनाह नहीं है। 


अदालत ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला सिद्ध करने के लिए कुछ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आरोप होने चाहिए। महज परेशान करने के आरोप पर्याप्त नहीं हैं, इस परेशान करने के आरोपों के साथ कुछ ऐसी कार्रवाई के सबूत भी होने चाहिए, जिससे पता चले कि उसे आरोपी द्वारा उकसाया गया था। यह मामला राजस्थान का है, जहां एक शिक्षक द्वारा डांटे जाने पर एक 14 वर्षीय छात्र ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

यूपी : 68 लाख से अधिक युवाओं को मिलेंगे टैबलेट व स्मार्ट फोन, विशेषज्ञों की समिति गठित


यूपी : 68 लाख से अधिक युवाओं को मिलेंगे टैबलेट व स्मार्ट फोन, विशेषज्ञों की समिति गठित


उत्तर प्रदेश में स्नातक, परास्नातक, तकनीकी व मेडिकल शिक्षा के विद्यार्थियों, कौशल विकास व एमएसएमई के प्रशिक्षणार्थियों सहित कुल 68,30,837 युवाओं को टैबलेट व स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। सरकार ने इसका शासनादेश जारी कर किया और इनकी खरीद के लिए यूपी डेस्को को नोडल संस्था नामित करते हुए विशेषज्ञों की समिति भी गठित कर दी। यह खरीद जेम पोर्टल के जरिए की जाएगी।

प्रदेश सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पुरुष हेल्थ वर्कर, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के प्रशिक्षणार्थियों को भी इस योजना में शामिल किया है। लाभार्थियों का चयन संबंधित शिक्षण या अन्य संस्थान के प्रमुख और विभागाध्यक्ष के माध्यम से किया जाएगा। योजना में उन्हीं का चयन किया जाएगा जिन्हें सरकार (स्कूलों के विद्यार्थियों को छोड़कर) की किसी अन्य योजना से टैबलेट या स्मार्ट फोन नहीं मिला है। सभी विभागों से लाभार्थियों का डाटाबेस जुटाने के लिए विशेष वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा।

सरकार ने टैबलेट व स्मार्ट फोन खरीद के लिए नोडल एजेंसी को पांच करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया है। जबकि विशेषज्ञ समिति का गठन आईटी विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में किया गया है। लाभार्थी चयन के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।


■  चिह्नित विद्यार्थी व अन्य युवा

● उच्च शिक्षा : 50,21,277
● तकनीकी शिक्षा (डिग्री कोर्स) : 1,95,022
● तकनीकी शिक्षा (डिप्लोमा कोर्स) : 2,29,703
● कौशल विकास विभाग में प्रशिक्षणरत : 5,00,000
● कौशल विकास विभाग से प्रशिक्षित : 3,00,000
● सेवा मित्र पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिक : 100000
● आईटीआई में प्रशिक्षणरत : 1,29,000
● चिकित्सा शिक्षा : 1,34,655
● पैरामेडिकल व नर्सिंग : 1,71,180
● एमएसएमई की योजना के तहत : 50,000




बड़ा फैसला : यूपी में एक करोड़ छात्रों को मिलेगा स्मार्ट फ़ोन या टैबलेट

उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा, पॉलिटेक्निक के छात्रों को मिलेगा


लखनऊ : यूपी की योगी सरकार ने मंगलवार को छात्रों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में एक करोड़ छा-छात्राओं को टैबलेट देने का फैसला किया गया है। 


योगी सरकार टैबलेट योजना पर 3000 करोड़ खर्च करेगी। सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बैठक में 25 बिंदुओं पर मुहर लगी है। इसमें युवाओं को टैबलेट वितरण को लेकर प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा, पॉलिटेक्निक के छात्रों को टैबलेट दिया जाएगा। करीब 60 लाख से 1 करोड़ बच्चों को स्मार्ट फोन या टैबलेट मिलेगा। जेम पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया होगी, इसमें करीब 3000 के करीब बजट खर्च होगा।



बता दें कि यूपी सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि विद्याथियों के बीच टैबलेट का वितरण किया जाएगा। कुछ दिन पहले ही प्रदेश भाजपा ने ट्वीट कर बताया था कि अक्टूबर से टैबलेट बांटे जाएंगे। ट्वीट में बताया गया था कि 18-25 आयु के सभी विद्यार्थियों के लिए अक्तूबर में टैबलेट वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

प्रदेश सरकार ने राज्य के एक करोड़ नौजवानों को टैबलेट-स्मार्टफोन दिए जाने की घोषणा की थी। जिसके तहत स्नातक, परास्नातक, तकनीकी और डिप्लोमाधारी नौजवानों को इस योजना से जोड़ते हुए टैबलेट या स्मार्टफोन दिया जाना है। इस योजना के लिए प्रदेश सरकार ने बजट में तीन हजार करोड़ के कोष का गठन किया है।

छात्रों के अलावा योगी सरकार ने स्किल्ड वर्कर्स को भी सर्विस देने के लिए एक लाख नि:शुल्क टैबलेट देने का निर्णय लिया है। सरकार का कहना है कि इससे आम लोगों को रोजमर्रा की सेवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के एक करोड़ युवक-युवतियों को स्मार्ट फोन, टैबलेट या लैपटॉप देगी. ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या किसी डिप्लोमा में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को लैपटॉप या टैबलेट देगी। 


इसके लिए सरकार ने 3000 करोड़ का निधि कोष बनाया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों को भत्ता देने का फैसला भी किया गया है। यूपी सरकार ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या किसी डिप्लोमा में प्रवेश लेने वाले युवाओं को टैबलेट और स्मार्ट फोन देगी। इसी के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले युवाओं को भत्ता देने का भी फैसला सरकार ने किया है।


पिछले दिनों सीएम योगी ने प्रतियोगी परीक्षा दे रहे प्रत्येक छात्र-छात्रा को कम-से-कम तीन परीक्षाओं के लिए भत्ता देने की घोषणा विधानसभा में की थी। सीएम योगी ने कहा था कि सरकार निराश्रित महिलाओं के उत्थान योजनाओं को भी जल्द लेकर आ रही है। वकीलों को भी सामाजिक सुरक्षा देने के लिए योगी सरकार अब 5 लाख रुपए देगी। बता दें कि पहले ये राशि डेढ़ लाख रुपए थी, जिसे बढ़ाकर अब 5 लाख कर दिया गया है।

प्रवक्ता भर्ती : 50 की उम्र में नौकरी की आस, चेहरा उदास, 2595 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार शुरू

प्रवक्ता भर्ती : 50 की उम्र में नौकरी की आस, चेहरा उदास

● प्रवक्ता के 2595 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार शुरू
● पहले दिन गणित-अंग्रेजी के 325 अभ्यर्थियों को बुलाया

प्रयागराज : सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रवक्ता के 2595 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार मंगलवार से शुरू हो गया। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पहले दिन गणित और अंग्रेजी विषय के 325 अभ्यर्थी बुलाए।


पहली पाली में सुबह आठ बजे इंटरव्यू शुरू होना था, लेकिन अभ्यर्थी 7 बजे से जुटने लगे। 7:30 बजे इंट्री शुरू हुई। साक्षात्कार सुबह सवा आठ बजे से शाम सात बजे तक चलता रहा। भर्ती में अधिकतम आयु सीमा न होने से लाइन में कई अभ्यर्थी 45 या 50 की उम्र के भी थे। उनकी आंखों में एक अदद नौकरी की चाह और चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी। इंटरव्यू के लिए इन्हें दो से तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आईआईटी से एमएससी कर चुके कुछ अभ्यर्थी भी गणित का इंटरव्यू देने पहुंचे थे। इंटरव्यू बोर्ड ने सबसे पहले परिचय और वर्तमान में क्या कर रहे हैं जाना, इसके बाद प्रश्नों का सिलसिला शुरू किया। कई कठिन प्रश्न पूछे। विषय विशेषज्ञ ने अधिक सवाल पूछे। गणित के 130 अभ्यर्थियों के लिए दो और अंग्रेजी के 195 अभ्यर्थियों के लिए तीन बोर्ड बने थे। गणित के कुल 388 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार सात अक्तूबर तक चलेगा। अंग्रेजी के 1145 अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 10 अक्तूबर तक होना है। मनोविज्ञान का साक्षात्कार 11 से 13, कला का आठ से 10, तर्कशास्त्रत्त् व मिलिट्री साइंस 14, गृह विज्ञान व संगीत वादन 10 जबकि भौतिक और जीव विज्ञान का साक्षात्कार 11 से 14 अक्तूबर तक होगा।

डीएलएड : 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले तो उत्तर पुस्तिका का होगा गहन निरीक्षण

डीएलएड : 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले तो उत्तर पुस्तिका का होगा गहन निरीक्षण 

◆ बीटीसी व डीएलएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा
◆ सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने परीक्षकों को दिए मूल्यांकन संबंधी जरूरी निर्देश 

 बीटीसी एवं डीएलएड की विभिन्न सत्रों एवं सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बुधवार से शुरू होकर 18 अक्तूबर तक सूबे के निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों पर होगा। इसके लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सभी नियंत्रक, उप शिक्षा निदेशक एवं प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को जरूरी निर्देश दिए हैं।


मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होगा। साथ ही यदि किसी परीक्षार्थी को किसी विषय में 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिलते हैं, तो ऐसी उत्तर पुस्तिकाओं का गहन मूल्यांकन उप प्रधान परीक्षक करेंगे। उप प्रधान परीक्षक अपनी सहमति और असहमति की आख्या अंकित करते हुए मूल्यांकन की पुष्टि करेंगे। 


निर्देश में मूल्यांकन केंद्र पर उपस्थिति और अनुपस्थिति के विवरण के अनुसार उत्तर पुस्तिका की गणना जरूर कर लेने के लिए कहा गया है। परीक्षकों को मूल्यांकन केंद्र पर मोबाइल नहीं ले जाना है। साथ ही अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश पर भी रोक रहेगी। प्राचार्य की ओर से प्रतिदिन मूल्यांकित कॉपियों की जानकारी अपडेट की जाएगी।

मूल्यांकन के उपरांत खंडवार अंकों को मुख्य पृष्ठ पर अंकित करते हुए प्रत्येक प्रश्न का योग जरूर अंकित करना होगा। अशुद्ध उत्तर पर परीक्षक को शून्य अंक जरूर अंकित करना होगा। कहा गया है कि गलत मूल्यांकन करने वाले सहायक परीक्षक को चेतावनी देते हुए उप प्रधान परीक्षक सही मूल्यांकन करें। जानबूझकर अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मूल्यांकन किया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। 

Tuesday, October 5, 2021

बेसिक परिषदीय शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में उ0प्र0जू0हा0 शिक्षक संघ का महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) को ज्ञापन

बेसिक परिषदीय शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में उ0प्र0जू0हा0 शिक्षक संघ का महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) को ज्ञापन





 

'प्रोजेक्ट अलंकार' से राजकीय माध्यमिक कालेज का कायाकल्प, जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए योजना शुरू

'प्रोजेक्ट अलंकार' से राजकीय माध्यमिक कालेज का कायाकल्प, जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए योजना शुरू 


नई योजना

◆  माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों  के पुनर्निर्माण के लिए शुरू की योजना 
◆ 100 करोड़ रुपये स्वीकृत, कालेज का विस्तार व विद्युतीकरण भी होगा




राजकीय माध्यमिक कालेजों का कायाकल्प होने जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 'प्रोजेक्ट अलंकार' योजना शुरू की है, जिसके तहत जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के साथ ही कालेज का विस्तार और विद्युतीकरण भी किया जाएगा। इस योजना पर 100 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी चिह्नित कालेजों को अगले माह धन का आवंटन किया जाएगा।

प्रदेश में 2272 राजकीय कालेज संचालित हैं, उनमें से कई कालेज जर्जर स्थिति में हैं। सामान्य बजट में पुराने कालेजों के पुनर्निर्माण का प्रविधान न होने से वहां मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई जा सकी हैं। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने 'प्रोजेक्ट अलंकार' योजना के बाबत सभी जिलाधिकारी, शिक्षा निदेशक व डीआइओएस को निर्देश जारी किया है।

हर जिले में जनपदीय व उप समिति गठित : हर जिले में जनपदीय समिति जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी सदस्य, जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग तकनीकी सदस्य होंगे। डीएम की ओर से राजकीय निर्माण एजेंसी का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाएगा। कालेजों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए उप समिति बनी है। उप समिति कालेजों का निरीक्षण करके डीआइओएस के माध्यम से जिला समिति को प्रस्ताव भेजेगी।

शिक्षा निदेशक की समिति करेगी परीक्षण शिक्षा निदेशक माध्यमिक : की अगुवाई वाली समिति प्रस्ताव का परीक्षण करेगी। इसमें वित्त नियंत्रक, अपर शिक्षा निदेशक राजकीय, अपर राज्य परियोजना निदेशक सदस्य व शिक्षा निदेशक की ओर से नामित अफसर तकनीकी सदस्य व सदस्य सचिव होंगे। यह समिति प्रस्ताव शासन को भेजेगी।

समय सारिणी तय, अगले माह मिलेगा धन योजना शुरू करने की समय सारिणी तय कर दी गई है। आठ अक्टूबर तक जिला समिति एजेंसी का नाम तय करेगी। तीन नवंबर को शिक्षा निदेशक माध्यमिक शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। शासन 17 नवंबर को धनराशि स्वीकृत करेगा। गुणवत्ता की जांच के लिए तीन सदस्यीय टास्क फोर्स का भी गठन होगा। निर्माण में गड़बड़ी के लिए संबंधित डीआइओएस जिम्मेदार होंगे। चिह्नींकरण के लिए वर्षवार अंक व भारांक भी तय है।

हाईकोर्ट : 16448 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद तलब

हाईकोर्ट : 16448 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद तलब



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16448 पदों की सहायक अध्यापक भर्ती में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति न देने और कम मेरिट वालों को चयनित करने के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तलब किया है। कोर्ट ने सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है कि इस तरह की गड़बड़ी कैसे हो रही है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सिद्धार्थनगर के अजय यादव व 13 अन्य की याचिकाओं पर दिया है।


याचियों की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था कि याचियों ने 2016 की 16448 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन किया था। काउंसिलिंग में उनका चयन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों में से 47 ऐसे थे जिनके दस्तावेज फर्जी पाए गए और उन्हें चयन से बाहर कर दिया गया। याचियों ने 47 अभ्यर्थियों को बाहर करने से रिक्त हुए पदों पर नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट में याचिका की। कोर्ट ने ऐसी याचिकाओं पर परिषद को याचियों की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया लेकिन परिषद ने याचियों से कम मेरिट वालों को नियुक्ति दे दी और याचियों का प्रत्यावेदन रद्द कर दिया।


इसके खिलाफ दाखिल याचिका एकल पीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि कोई प्रतीक्षा सूची न बनने के कारण याचियों का कोई दावा नहीं बनता है। इस आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गई। कहा गया कि ओबीसी कटेगरी में उनका अंक अधिक होने के बावजूद चयन नहीं हुआ जबकि उनसे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी चयनित कर लिए गए। कोर्ट ने इस पर स्पष्टीकरण के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तलब किया है।

बीएड प्रवेश परीक्षा : पंजीकरण के लिए छह अक्टूबर तक का मौका

बीएड प्रवेश परीक्षा : पंजीकरण के लिए छह अक्टूबर तक का मौका

विद्यार्थियों को राहत, लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने इंटरनेट प्रभावित जनपदों को ध्यान में रखकर लिए फैसला


लखनऊ : बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी राहत दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, प्रदेश के कई जनपदों में इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण अभ्यर्थी च्वाइस- फिलिंग व सीट कंफर्मेशन (बैलेंस फीस) शुल्क नहीं जमा कर पा रहे हैं। ऐसे में उनकी समस्या को देखते हुए काउंसिलिंग के तीसरे चरण (स्टेट रैंक 2,00,001 से 3,50,000 तक) और पहली काउंसिलिंग के प्रथम व द्वितीय चरण के छूटे हुए अभ्यर्थियों के लिए पंजीकरण व च्वाइस-फिलिंग की प्रक्रिया को छह अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।


प्रवेश परीक्षा की राज्य समंवयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि अभ्यर्थी च्वाइस- फिलिंग प्रक्रिया में महाविद्यालय चयन के पूर्व वेबसाइट पर उपलब्ध महाविद्यालयों की सूची से अपनी पसंद के महाविद्यालयों के कोड नोट कर लें। उन्हें अपनी रुचि सावधानी से भरें। एक बार विकल्प के क्रम में भरें, जिससे वे अपनी लॉक हो जाने पर उनमें किसी पसंद के बीएड महाविद्यालय में प्रवेश भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा पा सकें। अभ्यर्थी अपने विकल्प सावधानी से भरें। एक बार विकल्प लॉक हो जाने पर उनमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।

विद्यार्थियों को मिला पुरस्कार

गायत्री परिवार की ओर से आयोजित गायत्री संस्कृति ज्ञान परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सोमवार को पुरस्कृत किया गया। कृष्णानगर के न्यू पब्लिक इंटर कालेज में हुए समारोह में जोन की मेरिट में स्थान पाने वाले आर्यन राठौर (कक्षा पांच) और लखन यादव (कक्षा छह) को प्रमाणपत्र और गुरुदेव का साहित्य प्रदान किया गया। परीक्षा के जिला संयोजक अनूप श्रीवास्तव ने विद्यालय के प्रबंधक डीजी सिंह, प्रधानाचार्य, ममता श्रीवास्तव को भी सम्मानित किया।

UP BEd JEE 2021 : लखीमपुर विवाद के चलते बीएड काउंसलिंग की तिथि बढ़ी

UP BEd JEE 2021 : लखीमपुर में किसानों की मौत से शुरू हुए बवाल का असर बीएड की काउंसलिंग प्रक्रिया पर भी पड़ा है। इसके चलते लखीमपुर व आसपास के जिलों में इंटरनेट सेवा बंद किए जाने से वहां के अभ्यर्थी च्वाइस-फिलिंग नहीं कर पा रहे और सीट कन्फर्मेशन शुल्क भी जमा नहीं कर पा रहे हैं।

इस समस्या को देखते हुए काउंसलिंग के तीसरे राउंड (स्टेट रैंक 200001 से 350000 तक) और पहले व दूसरे राउंड के छूटे हुए अभ्यर्थियों के लिए पंजीकरण और च्वाइस-फिलिंग प्रक्रिया की तारीख छह अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। यह जानकारी बीएड प्रवेश की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने दी। उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के प्रथम व द्वितीय चक्र में सीट आवंटित हुई है और वे किन्हीं कारणों से अपना सीट कन्फर्मेशन शुल्क अब तक जमा नहीं कर पाए हैं उनके लिये सीट कन्फर्मेशन शुल्क जमा करने की तारीख 8 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

ये सभी अभ्यर्थी लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लॉगिन करके शेष महाविद्यालय शुल्क राशि अतिशीघ्र जमा कर अपना एलॉटमेंट लेटर डाउनलोड कर लें नहीं तो सीट आवंटन निरस्त हो जाएगा। अभ्यर्थियों को अपने एलॉटमेंट लेटर व मूल प्रमाण-पत्रों के साथ आवंटित महाविद्यालय में रिपोर्ट करना है।

यूपी बोर्ड हाईस्कूल की अंकसुधार परीक्षा संपन्न, इसी माह घोषित होगा परिणाम

यूपी बोर्ड हाईस्कूल की अंकसुधार परीक्षा संपन्न, इसी माह घोषित होगा परिणाम 

प्रयागराज : यूपी बोर्ड हाईस्कूल 2021 की अंकसुधार परीक्षा सोमवार को संपन्न हो गई। इंटरमीडिएट की परीक्षा बुधवार को संपन्न होगी। परीक्षा 18 अक्तूबर को शुरू हुई थाी। जिले में यह आठ केंद्रों पर संपन्न हुई। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 9 अक्तूबर से शुरू होगा। इसी माह के अंतिम सप्ताह में परिणाम भी घोषित होने की संभावना है। 


यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटमीडिएट की बोर्ड परीक्षा-2021 के परिणाम 31 जुलाई को घोषित किए गए थे। परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने अंक कम मिलने को लेकर आपत्ति की थी। बोर्ड की ओर से पहले ग्रीवांस सेल के जरिए अभ्यर्थियों से आपत्ति ली गई थी। लेकिन बाद में अंकसुधार परीक्षा आयोजित की गई। 

Monday, October 4, 2021

हाथरस : एलिम्को कैम्प में 06 से 14 वय वर्ग दिव्यांग बच्चों के प्रतिभाग कराने के सम्बन्ध में

हाथरस : एलिम्को कैम्प में 06 से 14 वय वर्ग दिव्यांग बच्चों के प्रतिभाग कराने के सम्बन्ध में


 

हाथरस : शिक्षामित्र मानदेय के ससमय भुगतान हेतु बिल/उपस्थिति माह की तीन तारीख तक लेखाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

हाथरस : शिक्षामित्र मानदेय के ससमय भुगतान हेतु बिल/उपस्थिति माह की तीन तारीख तक लेखाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

 


बेसिक में सरप्लस तो माध्यमिक शिक्षा में 70 फीसदी शिक्षकों के पद खाली: PAB रिपोर्ट

बेसिक में सरप्लस तो माध्यमिक शिक्षा में 70 फीसदी शिक्षकों के पद खाली: PAB रिपोर्ट 



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केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों एवं प्रधानाध्यापकों के 10,903 पद स्वीकृत हैं 3,665 कार्यरत है और 7,238 पद खाली हैं। सहायक अध्यापकों के 9,417 पद सृजित हैं। इनमें से 2,622 सहायक अध्यापक कार्यरत हैं और 6,795 पद खाली हैं। वहीं प्रधानाचार्य के 1486 पद स्वीकृत हैं, 1,043 प्रधानाचार्य कार्यरत हैं और 443 पद खाली है।



स्कूलवार होना चाहिए आकलन

माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की कमेटी के सदस्य कृष्ण मोहन त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षकों की संख्या का आकलन स्कूलवार विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर होना चाहिए। कुल छात्र संख्या और कुल शिक्षक संख्या से सही आकलन नहीं हो सकता है। यूपी में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सृजित पदों के लिहाज से शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए।

महंगाई की मार से बेसिक स्कूलों का MDM बनवाना हुआ कठिन, दो वर्षों से कन्वर्जन कास्ट में नहीं हुई बढ़ोत्तरी

महंगाई की मार से बेसिक स्कूलों का MDM बनवाना हुआ कठिन, दो वर्षों से कन्वर्जन कास्ट में नहीं हुई बढ़ोत्तरी


महंगाई की मार से अब रसोई चलाना, घर बनाना दोनों ही और महंगे हो गए हैं। बीते एक सप्ताह में सब्जियों के दो दोगुने तक पहुंच गए हैं वहीं सीमेंट, बजरी, सरिया की कीमतों बढ़ने से भवन निर्माण की लागत बढ़ गई है।


टमाटर और प्याज के दाम आसमान पर चढ़ने लगे हैं। फुटकर बाजार में एक सप्ताह पहले (28 सितंबर) 20-30 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 50-60 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गया है। वहीं 25 रुपये किलो बिकने वाला प्याज 35 रुपये किलो पहुंच गया है। 

इसके अलावा आलू 35-40, लौकी 25-30, तौराई 30, बैंगन 30-35 रुपये किलो बिक रहा है। कई सब्जियों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक बारिश के कारण लोकल सब्जी खराब हो गई है। बाहर से सप्लाई कम हो रही है। 


सब्जियों के दाम बढ़ने से हेडमास्टरों के लिए MDM चलाना मुश्किल हो रहा है। थोक बाजार में टमाटर 30 रुपये किलो और प्याज 27 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है, जबकि फुटकर बाजार में टमाटर 40 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद 1056 रुपये भेजेगी छात्रों के अभिभावकों के खाते

दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूता-मोजा 1056 रूपये में कैसे खरीदें? अभिभावक चिंतित

21 रुपये में दो जोड़ी मोजा : दुकान तो बता दो सरकार, DBT पर उठ रहे सवाल


● यूनिफॉर्म के लिए 600 और स्वेटर के लिए 200 सरकार ने तय किए हैं रेट
● जूता 135, बैग 100, 21 रुपये मोजे के लिए खाते में आएंगे

DBT की तैयारी में दिन रात जुटा विभाग, अभिभावक पूछ रहे सवाल- साहब! 21 रुपये में दो सेट मोजे वाली दुकान तो बता दीजिए


प्रदेश सरकार सरकारी व सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में इस बार कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिसरी ट्रान्सफर) के माध्यम से ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूता-मोजा क्रय करने के लिए अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये भेजने की तैयारी में दिन-रात जुटी हुई है। 

शासन स्तर से जिला, ब्लाक व विद्यालय स्तर के प्रगति की रिपोटिंग सुबह से शाम तक हो रही है कि कितना प्रतिशत डीबीटी का कार्य पूर्ण हुआ। पर, सरकार जो पैसा जूता-मोजा, स्वेटर, ड्रेस, बैग के लिए भेजने वाली है उस दर पर फुटकर दुकानों पर सामान मिल जाएगा उसको लेकर अभी से सवाल उठाए जा रहे हैं। छात्र- छात्राओं के लिए दो जोड़ा मोजा खरीदने के लिए सरकार 21 रुपया देगी। 

अभिभावकों का कहना है कि अधिकारी उस दुकान का पता भी बता दें जहां 21 रुपया में दो सेट मोजा मिल जाए। क्योंकि सामान्य दुकानों या बाजारों में अभी इस दर का मोजा नहीं है।


जिले में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को पहली बार नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और बैग देने की बजाय सरकार सीधे अभिभावकों के खाते में रुपये भेजने जा रही है। प्रति जोड़ी 300 रुपये के हिसाब से दो सेट यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये, 200 रुपये स्वेटर,135 रुपये जूते, 21 रुपया मोजा और 100 रुपया बैग के लिए कुल 1056 रुपये दिए जाएंगे।



सवाल उठ रहा है कि क्या अभिभावक इतने रुपयों में गुणवत्तापूर्ण ये सामग्री बच्चों को दिला पाएंगे। स्कूलों से जब ये सामान मिलते थे या सरकार टेंडर करती थी। इससे काफी मात्रा होने के कारण सस्ते पड़ते थे। अब जब एक बच्चे के लिए दुकान पर ये सारे सामान लेने जाएंगे तो इस दर पर मिलना मुश्किल होगा। ऐसी भी आशंका है कि इन रुपयों से अभिभावक अपने घर की दाल-रोटी की व्यवस्था न करने लगे।


प्राथमिक शिक्षा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षकों को यूनिफॉर्म और स्वेटर बांटने से मुक्ति मिलने पर वे खुश हैं। अब न ऑडिट होगी और न रजिस्टर तैयार करना होगा। अच्छा हो कि मिड-डे-मील की राशि भी कोरोना काल की तरह बच्चों को भेजी जाए।


बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये सीधे भेजने के लिए खाता अपडेट करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) फीडिंग में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। बच्चे के अभिभावक का खाता संख्या, आधार नंबर आदि पूरा ब्योरा ऑनलाइन फीड करने में परेशानी हो रही है। इसके लिए स्कूल टाइमिंग के बाद भी काम करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात हैं, वहां फीडिंग सुविधाजनक तरीके से कराई जा सकती है। त्रुटि की आशंका भी न के बराबर होगी।

विश्व बैंक की सलाह : स्कूल खोलने के लिए टीकाकरण का इंतजार जरूरी नहीं, कोविड के कारण दुनिया में 1.6 अरब बच्चे हो गए थे स्कूलों से दूर

विश्व बैंक की सलाह : स्कूल खोलने के लिए टीकाकरण का इंतजार जरूरी नहीं, कोविड के कारण दुनिया में 1.6 अरब बच्चे हो गए थे स्कूलों से दूर

नई दिल्ली : विश्व बैंक ने सलाह दी है कि देशों को स्कूल खोलने के लिए पहले व्यापक टीकाकरण किए जाने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिक प्रमाण इस तरफ स्पष्ट संकेत करते हैं कि बच्चों में कोविड-19 के संक्रमण की आशंका कम है।


विश्व बैंक की शिक्षा टीम ने दुनियाभर के उन देशों के अनुभव के आधार पर एक नीतिगत नोट तैयार किया है, जहां स्कूल फिर से खोले जा चुके हैं। इसमें सुझाव दिया गया है कि एहतियात के साथ स्कूल खोलने से छात्रों, कर्मचारियों व समाज में संक्रमण फैलने का जोखिम बहुत कम है। क्योंकि, महामारी की चपेट में आने के एक साल बाद, वायरस और बीमारी दोनों के बारे में अब पर्याप्त जानकारी है, इसके अलावा संक्रमण के प्रभाव को कम करने के बारे में भी पर्याप्त जानकारी है। ऐसे में स्कूल बंद करना आखिरी उपायों में शामिल होना चाहिए। टीका विकसित होने से पहले फिर से स्कूल खोलने के वाले देशों के अनुभवों को देखते हुए कहा जा सकता है कि स्कूल खोलने के लिए व्यापक टीकाकरण की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं, इसके अलावा छात्रों के स्कूल लौटने से उनका डर भी दूर होगा।


कहा- स्कूल खोलने के बजाय बंद रखने के हैं ज्यादा नुकसान

नोट में कहा गया है कि स्कूलों को बंद रखना बीमारी का खतरा तो घटाता है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई, मनोसामाजिक स्वास्थ्य और समग्र विकास को खतरे में डालता है। स्कूल फिर से खोलने का फैसला इन्हें खोलने और बंद रखने के बीच के नफा-नुकसान की तुलना कर लिया बच्चों का विकास होता है प्रभावित जाना चाहिए। बहरहाल, अब तक के अनुभव से यही सामने आता है कि स्कूल बंद रखना ज्यादा नुकसानदेह है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में 80 फीसदी स्कूल चालू हैं। इनमें से 549% में छात्र व्यक्तिगत रूप उपस्थित हो रहे हैं 346 मिश्रित तरीके से चल रहे हैं, जबकि 10% सिर्फ दूरस्थ शिक्षण के लिए खुले हैं।

कोविड के कारण दुनिया में 1.6 अरब बच्चे हो गए थे स्कूलों से दूर

नोट के मुताबिक जहां सरकार व समाज डरते हैं कि स्कूलों को फिर से खोलने से संक्रमण फैल सकता है सिर्फ वहीं स्कूल बंद है। जबकि, स्कूलों को खोलने से जुड़े साक्ष्य इस धारणा के उलट हैं। इन देशों को स्कूल बंद रखने के नुकसानों का आकलन करना चाहिए, क्योंकि इस बात के सुबूत मौजूद है कि स्कूल बंद रखना, | स्कूल खोलने से जुड़े जोखिमों से कहीं ज्यादा है। पिछले साल कोविड़ के कारण 188 से अधिक देशों में स्कूलों को बंद कर दिया गया, जिससे 1.6 अरब बच्चे स्कूलों से दूर हो गए। उस समय यह | ठीक था, क्योंकि तब कोई महामारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हैं कि स्कूल बंद रखे जाएं।

छोटे बच्चों में संक्रमण की संभावना बेहद कम... विश्व बैंक कहता है निगरानी व अध्ययन से पता चलता है कि वयस्कों और किशोरों की तुलना में, छोटे बच्चे, विशेष रूप से दस वर्ष से कम के बच्चे, संक्रमण के लिहाज से काफी कम संवेदनशील हैं। ऐसे में उनमें संक्रमण की संभावना बहुत कम है।

परिणाम घोषित न होने पर शुल्क भरपाई के लिए कर सकेंगे आवेदन, छात्रवृत्ति पोर्टल पर दी गई विशेष सुविधा, 7 लाख से ज्यादा छात्र होंगे लाभान्वितकि

परिणाम घोषित न होने पर शुल्क भरपाई के लिए कर सकेंगे आवेदन, छात्रवृत्ति पोर्टल पर दी गई विशेष सुविधा, 7 लाख से ज्यादा छात्र होंगे लाभान्वित


लखनऊ : छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में पिछली कक्षा का रिजल्ट घोषित न होने पर भी विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे। जिन विद्यार्थियों की अभी परीक्षा होनी है, उन्हें भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके लिए छात्रवृत्ति पोर्टल पर विकल्प दे दिया गया है। इस फैसले से 7 लाख से ज्यादा छात्र लाभान्वित होंगे।


कोरोना संकट के कारण अवध विश्वविद्यालय समेत तमाम विवि के अभी कई कक्षाओं के रिजल्ट जारी नहीं हुए हैं। आईटीआई की सत्र 2020-21 की प्रथम वर्ष की परीक्षा भी नहीं हुई। बीएड और बीटीसी के परिणाम भी अब तक घोषित नहीं हुए। हैं। नतीजतन, छात्रों को अगली कक्षा में नवीनीकरण के लिए छात्रवृत्ति के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने में दिक्कत से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। दशमोत्तर कक्षाओं में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 21 अक्तूबर है।

छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन करने वालों के लिए एक कॉलम 'रिजल्ट नॉट यट डिक्लेयर्ड' (अब तक रिजल्ट जारी नहीं) दिया गया है। यह विकल्प चुनने पर छात्र से पिछली परीक्षा की डिटेल नहीं मांगी जाएगी। हालांकि, इस विकल्प को चुनने वाले छात्रों को 16 नवंबर से 26 नवंबर के बीच रिजल्ट अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही अपने शिक्षण संस्थान से भी रिजल्ट संबंधी डाटा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉरवर्ड करवाना होगा। जो छात्र निर्धारित समय में पोर्टल पर अपना रिजल्ट अपलोड नहीं करा पाएंगे, उनका आवेदन तब निरस्त कर दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक पीके त्रिपाठी का कहना है कि कोई भी पात्र छात्र योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे, इसलिए यह सुविधा दी गई है।

बहराइच : KGBV में शिक्षकों के चयन हेतु विज्ञप्ति जारी, देखें

बहराइच : KGBV में शिक्षकों के चयन हेतु विज्ञप्ति जारी, देखें।


डीएलएड के 106 कॉलेजों को नहीं मिले एक भी छात्र, प्रदेश के निजी कॉलेजों में इस सत्र भी बंपर सीटें खालीं

डीएलएड के 106 कॉलेजों को नहीं मिले एक भी छात्र, प्रदेश के निजी कॉलेजों में इस सत्र भी बंपर सीटें खालीं

NCTE द्वारा बीएड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य करने से DElEd का घटा क्रेज


● 2021 सत्र के लिए 1.32 लाख सीटें रह गई हैं खाली

● पूरे प्रदेश में 3087 प्राइवेट डीएलएड कॉलेज हैं।



क्यों घटा क्रेज

● 2018 में एनसीटीई ने बीएड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर दिया।
● अन्य प्रदेशों में 12वीं के बाद डीएलएड में प्रवेश होता है, यूपी में स्नातक के बाद।
● डीएलएड की काउंसिलिंग बीएड के साथ होने के कारण अभ्यर्थी बीएड की तरफ चले गए।

प्रयागराज : कभी नौकरी की गारंटी रहे डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (पूर्व में बीटीसी) कोर्स के प्रति युवाओं का रुझान घट रहा है। डीएलएड के 2021 सत्र में प्रवेश के लिए प्रदेश के 106 प्राइवेट कॉलेजों को एक भी छात्र नहीं मिले। सैकड़ों कॉलेज ऐसे हैं जहां बमुश्किल एक दर्जन छात्र भी नहीं मिले हैं। पिछले साल सत्र शून्य होने से प्रवेश नहीं हुआ था और इस साल आधी सीटें भी नहीं भरने से इन कॉलेजों की कमाई खत्म हो गई है। अब इनके सामने अस्तित्व का संकट है।

शिक्षकों और स्टाफ को वेतन देने से लेकर दूसरे खर्च उठाना नामुमकिन हो गया है। यूपी में 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में डीएलएड की 10600 सीटें हैं। प्राइवेट कॉलेजों की संख्या 3087 है। इनकी 218300 सीटों पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रवेश लेता है। अल्पसंख्यक कॉलेज 50 प्रतिशत सीटों पर स्वयं प्रवेश लेते हैं। इस साल आवेदकों की संख्या कम होने से तीन बार आवेदन की तिथि बढ़ानी पड़ी। इसके बावजूद 2,40,292 अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किया था। एक अक्तूबर को जारी अंतिम आवंटन में 96134 सीटें भरी जा सकी थी। आधी से अधिक 132766 सीटें खाली रह गईं। बीटीसी 2013 प्रशिक्षण की 45350 सीटों पर 6.68 लाख, 2014 में 54,500 सीटों पर 4.99 लाख और 2015 में 81750 सीटों के लिए 3.85 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

संस्थानों पर पड़ने लगे ताले

डीएलएड का क्रेज घटने के साथ ही प्राइवेट कॉलेजों पर ताले पड़ने लगे हैं। प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक कॉलेजों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को पत्र लिखकर संबद्धता वापस लेने का अनुरोध किया है। ये कॉलेज अब डीएलएड का प्रशिक्षण नहीं कराना चाहते।

Sunday, October 3, 2021

अमान्य परीक्षा संस्थाओं द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट परीक्षाओं के समकक्ष अवैध रूप से परीक्षाओं का संचालन किये जाने के संबंध में

अमान्य परीक्षा संस्थाओं द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट परीक्षाओं के समकक्ष अवैध रूप से परीक्षाओं का संचालन किये जाने के संबंध में



परिषदीय स्कूलों में चौकीदार की तैनाती अधर में, शासन ने DGSE के प्रस्ताव को अब तक नहीं दी हरी झंडी

परिषदीय स्कूलों में चौकीदार की तैनाती अधर में, शासन ने DGSE के प्रस्ताव को अब तक नहीं दी हरी झंडी

 
■ भेजा था प्रस्ताव

● स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शासन को भेजा था प्रस्ताव
● चार हजार रूपए के मानदेय पर चौकीदार रखने का था प्रस्ताव


फतेहपुर/खागा : शासन ने परिषदीय विद्यालयों में अनुचर की तैनाती के प्रस्ताव को अब तक ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है। दो वर्ष पूर्व स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने स्कूल की सुरक्षा के मद्देनजर परिषदीय स्कूलों में अनुचर की तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि मानदेय पर स्कूलों में अनुचर की तैनाती की जाएगी जो स्कूल सम्पत्ति एवं सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा।


जिले के परिषदीय स्कूलों में जल्द ही सफाई एवं सुरक्षा के लिए अनुचरों की तैनाती फिलहाल होती नहीं दिख रही है। इस समय सभी परिषदीय विद्यालयों में अनुचरों की तैनाती नहीं है। कुछ उच्च प्राथमिक स्कूलों में ही अनुचरों की तैनाती हुई जिनमें से अधिकतर मृतक आश्रित कोटे से हैं। यही स्थिति सूबे के अधिकांश जिलों में है।

 इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें कहा गया था कि सभी स्कूलों में सफाई एवं सुरक्षा के लिए अनुचरों की तैनाती की जाएगी। प्रस्ताव में तैनाती की शर्तों व कार्यों का भी विवरण दिया गया था। जिसके मुताबिक अनुचर के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम से कम कक्षा पांच उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। अभिभावकों को चयन में वरीयता दी जाएगी।


चयन प्रक्रिया के लिए थे दो विकल्प

प्रस्ताव में अनुचर पद की चयन प्रक्रिया के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। पहले विकल्प में आउटसोर्सिंग है। एसएमसी द्वारा पांच अर्ह आवेदकों के पैनल से सर्वश्रेष्ठ अभ्यर्थी का चयन एसडीएम द्वारा नामित चयन समिति द्वारा किया जाएगा। दूसरे विकल्प में एसएमसी द्वारा प्रस्तुत पांच अर्ह आवेदकों के पैनल से किसी अर्ह ग्रामवासी को ग्राम विकास विभाग द्वारा तैनात रोजगार सेवकों की भांति स्थानीय स्तर पर चयनित किया जाना था।



❇️  विद्यालयों में चौकीदार / अनुचर रखने का प्रस्ताव गत माह फरवरी में ही शासन को DGSE द्वारा भेजा गया था, जिसके बाद  अगस्त में  परियोजना स्तर पर एक बैठक भी सम्पन्न हुई थी। अभी तक वह प्रस्ताव शासन के समक्ष लंबित है।

♨️ संबंधित पुरानी खबरें / आदेश देखें


🗓️ (अगस्त 2020)
📌 प्रा0 एवं उच्च प्रा0 विद्यालयों में सफाई एवं सुरक्षा हेतु सफाईकर्मी कम चौकीदार की व्यवस्था हेतु 18 अगस्त को होगी परियोजना कार्यालय में बैठक, शिक्षा महानिदेशक का पत्र देखें


🗓️ (अगस्त 2020)
📌 परिषदीय स्कूलों में तैनात होंगे ‘चौकीदार, निर्णय हेतु मीटिंग 18 अगस्त को


🗓️ (फरवरी 2020)
📌 परिषदीय विद्यालयों में सुरक्षा हेतु 4000₹ नियत मानदेय पर चौकीदार/अनुचर का चयन किये जाने हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा शासन को प्रेषित प्रस्ताव देखें


🗓️ (फरवरी 2020)
📌 अब सरकारी स्कूलों में तैनात होंगे चौकीदार, विद्यालय प्रबंध समिति स्तर से होगा आवेदन


🗓️ (फरवरी 2020)
📌 हर परिषदीय विद्यालय में तैनात होंगे चौकीदार / अनुचर

शादीशुदा बेटी को आश्रित कोटे में नियुक्ति का हक नहीं : हाईकोर्ट ने बताए ये तीन कारण

शादीशुदा बेटी को आश्रित कोटे में नियुक्ति का हक नहीं : हाईकोर्ट ने बताए ये तीन कारण


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि विवाहिता पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने की हकदार नहीं है। कोर्ट ने इसके तीन कारण बताए हैं। पहला यह कि शिक्षण संस्थाओं के लिए बने रेग्युलेशन 1995 के तहत विवाहिता पुत्री परिवार में शामिल नहीं है। दूसरा आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती। तीसरा यह कि कानून एवं परंपरा दोनों के अनुसार विवाहिता पुत्री अपने पति की आश्रित होती है, पिता की नहीं।


कोर्ट ने इसी के साथ राज्य सरकार की विशेष अपील स्वीकार करते हुए विवाहिता पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति देने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। यह निर्णय कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार माधवी मिश्रा ने विवाहिता पुत्री के तौर पर विमला श्रीवास्तव केस के आधार पर मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की। याची के पिता इंटर कॉलेज में तदर्थ प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत थे। 


सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई थी। राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुभाष राठी का कहना था कि मृतक आश्रित विनियमावली 1995, साधारण खंड अधिनियम 1904, इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम व 30 जुलाई 1992 के शासनादेश के तहत विधवा, विधुर पुत्र, अविवाहित या विधवा पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने का हकदार माना गया है। 1974 की मृतक आश्रित सेवा नियमावली कॉलेज की नियुक्ति पर लागू नहीं होती। 


एकल पीठ ने गलत ढंग से इसके आधार पर नियुक्ति का आदेश दिया है। वैसे भी सामान्य श्रेणी का पद खाली नहीं है। मृतक की विधवा पेंशन पा रही है। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक शाहजहांपुर ने नियुक्ति से इनकार कर गलती नहीं की है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि सरकार ने कल्याणकारी नीति अपनाई है। विमला श्रीवास्तव केस में कोर्ट ने पुत्र-पुत्री में विवाहित होने के आधार पर भेद करने को असंवैधानिक करार दिया है और नियमावली के अविवाहित शब्द को रद्द कर दिया है।


■  हाईकोर्ट के आदेश के तीन प्रमुख कारण:

1 - शिक्षण संस्थाओं के रेग्युलेशन 1995 के तहत विवाहिता पुत्री परिवार में शामिल नहीं।
2 - आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती।
3 - कानून एवं परंपरा दोनों के अनुसार विवाहिता पुत्री पति की आश्रित होती है, पिता की नहीं।


सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि आश्रित की नियुक्ति का नियम जीविकोपार्जन करने वाले की अचानक मौत से उत्पन्न आर्थिक संकट में मदद के लिए की जाती है। साथ ही मान्यता प्राप्त एडेड कॉलेजों के आश्रित कोटे में नियुक्ति की अलग नियमावली है इसलिए सरकारी सेवकों की 1994 की नियमावली इसमें लागू नहीं होगी। साथ ही याची ने छिपाया कि उसकी मां को पारिवारिक पेंशन मिल रही है और वह याची पर आश्रित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने किया ऐलान : साथ पढ़ने वाली बहनों में एक की फीस होगी माफ, भरपाई करेगा विभाग

मुख्यमंत्री ने किया ऐलान : साथ पढ़ने वाली बहनों में एक की फीस होगी माफ, भरपाई करेगा विभाग

 
लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निजी स्कूल में अगर दो बहनें पढ़ रही हैं तो उनमें से एक की फीस प्राइवेट स्कूल माफ करें। अगर प्राइवेट स्कूल ऐसा नहीं करते तो सामान्य वर्ग व अनुसूचित जाति वर्ग की बालिकाओं के लिए समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक बालिका के लिए अल्पसंख्यक कल्याण और ओबीसी बालिका के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ट्यूशन फीस की भरपाई की व्यवस्था करेगा।


यह बात मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां लोकभवन में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण के शुभारम्भ समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बहुत लोग फीस दे पाने की स्थिति में नहीं हैं। बालिका शिक्षा की इस योजना से ऐसे लोगों को बड़ी मदद मिलेगी।


 इस योजना के तहत एक घर से दो या उससे अधिक बेटियां पढ़ रही हैं तो एक की फीस माफ करने के लिए निजी स्कूलों को प्रेरित किया जाएगा अन्यथा सरकार इसकी भरपाई करेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, सामान्य वर्ग के आवेदक छात्र-छात्राओं को 30 नवम्बर तक छात्रवृत्ति वितरण हर हाल में पूरा करें। आवेदन करने वाला कोई भी पात्र बच्चा छूटने न पाए। जिला स्तर पर इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएं।

हाईकोर्ट की फटकार पड़ी तो प्रवक्ता 2016 में चयनित को 48 घंटे में मिल गया स्कूल

हाईकोर्ट की फटकार पड़ी तो प्रवक्ता 2016 में चयनित को 48 घंटे में मिल गया स्कूल
 

■ शिक्षक भर्ती

● प्रवक्ता 2016 में चयनित सुमित श्रीवास्तव को मिली तैनाती

● 300 से अधिक चयनित शिक्षक सालभर से खा रहे ठोकरें


प्रयागराज  : हाईकोर्ट की फटकार पड़ी तो सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रवक्ता गणित के पद पर चयनित सुमित श्रीवास्तव को 48 घंटे में स्कूल आवंटित हो गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने न सिर्फ रिक्त पद खोज लिया बल्कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने दोबारा नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया।


यह तेजी देखकर तैनाती से वंचित 300 से अधिक चयनित शिक्षक हैरान हैं। उन्होंने सवाल किया है कि क्या तैनाती के लिए भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाए। सुमित श्रीवास्तव का चयन प्रवक्ता गणित 2016 के पद पर पं. जवाहर लाल नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज खजुरहट अयोध्या में 9 जुलाई 2020 को हुआ था।


डीआईओएस अयोध्या ने 23 जुलाई को चयन बोर्ड को सूचित किया कि उस पद पर भूपेश तिवारी पहले से काम कर रहे हैं और जिले में कोई पद खाली नहीं है। चयन बोर्ड का कहना था कि उसके पास रिक्त पद न होने से तैनाती नहीं कर सकता। इससे परेशान सुमित ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी। 29 सितंबर को कोर्ट ने तत्काल समायोजन कर 30 सितंबर तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए। आनन-फानन में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने 29 सितंबर को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस को पत्र लिखकर 30 सितंबर को रिक्त पद की सूचना भेजने के आदेश दिए थे।

जिसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा सदन इंटर कॉलेज झिंझाना शामली में खाली पद मिल गया और चयन बोर्ड के उपसचिव नवल किशोर ने एक अक्तूबर को सुमित श्रीवास्तव के उस पद पर समायोजन का आदेश भी जारी कर दिया। यानि रिक्त पद की सूचना मांगने और समायोजन आदेश जारी होने में मात्र 48 घंटे लगे।

सालभर से तैनाती के लिए भटक रहे शिक्षक
सुमित की तरह सैकड़ों चयनित कॉलेज आवंटन के 14 महीने बाद भी ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन कुछ नहीं हुआ। मनोज त्यागी का चयन प्रवक्ता शिक्षाशास्त्रत्त् के पद पर सरजू प्रसाद इंटर कॉलेज कुंडा प्रतापगढ़ में हुआ था। वहां पहले से तदर्थ शिक्षक होने से डीआईओएस ने 22 सितंबर 2020 को ज्वाइन कराने से इनकार कर दिया। अखिलेश का चयन प्रवक्ता नागरिक शास्त्रत्त् के पद पर जगदगुरु शंकराचार्य इंटर कॉलेज मेहदावल संतकबीरनगर में हुआ था। वहां एक अभ्यर्थी का पहले ही समायोजन होने से 18 अगस्त 2020 को डीआईओएस ने कार्यभार ग्रहण कराने से इनकार कर दिया। प्रिंसी देवी का चयन प्रशिक्षित स्नातक हिंदी के लिए श्रीराम पाल सिंह कनौजिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदोई में हुआ था। पिछड़ी जाति का कोटा पूरा होने से डीआईओएस ने 21 जून 2021 को लौटा दिया। इसी प्रकार रानू वर्मा की नियुक्ति प्रवक्ता रसायन विज्ञान के पद पर मूर्ति देवी इंटर कॉलेज बिजनौर में हुई थी। लेकिन अल्पसंख्यक विद्यालय होने से 7 अगस्त 2020 को डीआईओएस ने कार्यभार ग्रहण कराने से इनकार कर दिया।

हाईकोर्ट : स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अध्यापकों और कर्मचारियों को राहत

हाईकोर्ट : स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अध्यापकों और कर्मचारियों को राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों से संचालित स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अध्यापकों और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को राहत देते हुए कहा है कि 13 मार्च 2020 के शासनादेश के तहत इनकी सेवाएं पाठ्यक्रम जारी रहने या उनकी संतोषजनक सेवा तक जारी रहेंगी।


यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने डॉ मनोहर लाल व 36 अन्य और कई अन्य याचिकाओं पर दिया है। कोर्ट ने इसी के साथ 30 जून 2020 के बाद इन अध्यापकों की सेवा समाप्त मानते हुए वेतन भुगतान रोकने के आदेश को मनमाना और असंवैधानिक ठहराया है।

याचियों की नियुक्ति विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ाने के लिए संविदा पर हुई थी। पहले यह नियुक्ति एक वर्ष के लिए की गई। फिर 2015 तक हर साल कार्यकाल बढ़ाया जाता रहा। 2015 में याचियों की नियुक्ति पांच वर्ष की संविदा पर 30 जून 2020 तक के लिए की गई। अनुबंध पत्र में कहा गया कि पांच वर्ष सेवा की शर्त का मामला सरकार के पास भेजा गया और यह सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा। इस बीच राज्य सरकार ने 13 मार्च 2020 को शासनादेश जारी कर कहा कि स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अध्यापकों की सेवाएं पाठ्यक्रम के जारी रहने या उनकी संतोषजनक सेवा तक जारी रहेंगी। इस शासनादेश के आधार पर विश्वविद्यालयों को अपने नियमों व परिनियमों में परिवर्तन करने का निर्देश भी दिया गया। लेकिन विश्वविद्यालय ने 30 जून 2020 के बाद याचियों का अनुबंध समाप्त होने के आधार पर वेतन भुगतान रोक दिया और नए सिरे से अनुबंध करने को कहा। याचिका में इसे चुनौती दी गई। कहा गया कि विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने 13 मार्च के शासनादेश को स्वीकार कर लिया है लेकिन कुलपति ने इसे मंजूरी नहीं दी है। 

याचियों से अब भी सेवा ली जा रही है लेकिन उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि पांच वर्ष का अनुबंध करते समय यह भी कहा गया था कि पांच वर्ष सेवा का मामला सरकार को भेजा गया है और सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा। सरकार ने 13 मार्च के शासनादेश से पांच वर्ष का अनुबंध समाप्त कर दिया है और सेवा पाठ्यक्रम के जारी रहने या संतोषजनक कार्य तक के लिए कर दी है। ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा याचियों की सेवा पांच साल का अनुबंध समाप्त होने की तिथि तक ही मानना अविवेकपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत है। कोर्ट ने याचियों को सेवा में मानते हुए वेतन भुगतान का निर्देश दिया है।

Saturday, October 2, 2021

चार अक्टूबर से आंगनबाड़ी में फिर से शुरू होंगी प्री प्राइमरी कक्षाएं, सप्ताह में दो दिन खुलेंगे केन्द्र

चार अक्टूबर से आंगनबाड़ी में फिर से शुरू होंगी प्री प्राइमरी कक्षाएं, सप्ताह में दो दिन खुलेंगे केन्द्र


कोरोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से बंद चल रहे प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र अब फिर से गुलजार होंगे। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चार अक्तूबर से शुरू करने का फैसला किया है। अभी ये केंद्र सप्ताह में केवल दो दिन ही खुलेंगे।


महीने के तीसरे मंगलवार को होगा पीटीएम 

निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार डॉ. सारिका मोहन ने शुक्रवार को सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र भेजकर आंगनबाड़ी केंद्रों की आवश्यक सेवाएं पुन: शुरू कराए जाने का निर्देश दिया। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चार अक्तूबर से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोला जाए। इस तिथि से सभी आयु वर्ग के लाभार्थी सप्ताह में दो दिन (सोमवार एवं गुरुवार) केंद्रों पर उपस्थित होंगे। निर्धारित तिथि पर अवकाश होने की दशा में केंद्र अगले कार्य दिवस में खुलेंगे। केंद्रों पर तीन से पांच और पांछ से छह वर्ष के बच्चों को अलग-अलग पढ़ाया जाएगा। केंद्रों पर हर महीने के तीसरे मंगलवार को पीटीएम (अभिभावकों के साथ बैठक) आयोजित करने को भी कहा गया है। 


निदेशक ने आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों समेत प्री प्राइमरी की पढ़ाई से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना भी जारी कर दी है। इसमें अक्तूबर-नवंबर माह की गतिविधियों से संबंधित कैलेंडर भी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के गृह भ्रमण के दौरान दी जाने वाली सेवाओं में भी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। अनुपूरक पोषाहार, परामर्श सेवाओं, वृद्धि निगरानी और आयरन गोलियों के वितरण कार्य में परिवारों से सपर्क के समय सही ढंग से मास्क लगाने तथा सपर्क के दौरान कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखने को कहा गया है।


गर्भवती, धात्री महिलाओं, बच्चों या परिवार में कोविड का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का निर्देश भी दिया गया है। नवजात शिशु, चिह्नित अति कुपोषित बच्चों, पहले त्रैमास की गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा छह से आठ माह की उम्र के बच्चों के यहां प्राथमिकता पर भ्रमण पर जाना है। कोविड काल में संक्रमण के डर से स्तनपान न कराने वाली महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। 

असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं, साल 2021 में होने वाली भर्तियों के लिए अनिवार्यता खत्म

असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं, साल 2021 में होने वाली भर्तियों के लिए अनिवार्यता खत्म


अब पीजी डिग्री वाले उम्मीदवारजिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की हैअसिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। यूजीसी जल्द ही इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक परिपत्र जारी करेगा। इससे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सभी खाली सीटों को जल्दी भरने में मदद मिलेगी।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन करने के लिए अनिवार्य पीएचडी डिग्री को लेकर बड़ा ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। हालांकि यह अनिवार्यता केवल एक साल यानी कि इसी साल 2021 में होने वाली भर्तियों के लिए खत्म की गई है। 


केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल पीएचडी अनिवार्यता के लिए रोक लगी है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है। उम्मीदवारों को यह राहत इसलिए दी गई है कि, जिससे यूनिवर्सिटी में खाली पड़े शिक्षकों की भर्ती की जा सके।


शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि,देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य है। लेकिन अब इस मानदंड को शिक्षा मंत्रालय द्वारा सिर्फ इसी सत्र के लिए हटा दिया गया है ताकि रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके और संकाय / प्रोफेसरों की संभावित कमी के कारण शिक्षा प्रभावित न हो। दरअसल, हमें उन उम्मीदवारों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त हो रहे थे जो पद के लिए आवेदन करना चाहते थे, लेकिन पीएचडी पूरा करने में असमर्थ थे। इसलिए इस बाध्यता को महज इसी साल के लिए खत्म किया गया है।


अब पीजी डिग्री वाले उम्मीदवार, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है, असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। यूजीसी जल्द ही इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक परिपत्र जारी करेगा। इससे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सभी खाली सीटों को जल्दी भरने में मदद मिलेगी।


बता दें कि पहले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए नेट क्वालिफाई होना जरूरी था। लेकिन साल 2018 में, सरकार ने अनिवार्य किया था कि इस स्तर पर नौकरी पाने के लिए नेट के अलावा उम्मीदवारों की पीएचडी आवश्यक होगी। इस योजना को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 2018 के नियमों के तहत लागू किया गया था। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए यह उपाय अपनाया गया था।

UGC NET Exam Date : यूजीसी नेट का परीक्षा शेड्यूल बदला, अब 6 अक्टूबर से नहीं होगी परीक्षा

UGC NET Exam Date : यूजीसी नेट का परीक्षा शेड्यूल बदला, अब 6 अक्टूबर से नहीं होगी परीक्षा, ugcnet.nta.nic.in पर चेक करें




UGC NET Admit Card 2021 : यूजीसी नेट परीक्षा का कार्यक्रम बदल गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए - NTA) ने शुक्रवार (01-10-2021) को परीक्षा शेड्यूल में बदलाव करते हुए नया परीक्षा कार्यक्रम जारी दिया। 

यूजीसी एनटीए के लेटेस्ट नोटिस अनुसार, यूजीसी नेट दिसंबर 2020 और यूजीसी नेट जून 2021 की परीक्षाएं पहले से तय कार्यक्रय के अनुसार 6 अक्टूबर से नहीं होंगी। अब यह परीक्षा 17 अक्टूबर 2021 से 25 अक्टूबर 2021 तक आयोजित की जाएगी।


यूजीसी एनटीए के अनुसार, 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर, और 17 व 19 अक्टूबर परीक्षाएं निर्धारित थीं लेकिन इस दौरान कई अन्य बड़ी परीक्षाएं टकरा रही थीं। इन परीक्षाओं को देखते हुए अभ्यर्थियों ने यूजीसी-एनटीए से परीक्षा कार्यक्रम बदलने की गुजारिश की थी।


■ UGC-NET परीक्षा की पूरानी तिथियां - 
06 अक्टूबर से 08 अक्टूबर 2021 और 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2021 तक।

■ UGC-NET परीक्षा की नई तिथियां - 
रविवार, 17 अक्टूबर 2021 से सोमवार 25 अक्टूबर 2021।


एनटीए ने बताया है कि अभी परीक्षा की डिटेल्ड डेटशीट जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी। परीक्षा से जुड़ी अपडे, डेटशीट या एडमिट कार्ड के लिए nta.ac.in या ugcnet.nta.nic.in को भी विजिट करते रहें।

आपको बता दें कि इस बार एनटीए ने यूजीसी नेट परीक्षा दिसंबर 2020 सत्र की परीक्षा और जून 2021 सत्र की परीक्षा को मर्ज कर दिया है। यूजीसी नेट की परीक्षा 6 से 8 और 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी। पहले ये परीक्षा 6 से 11 अक्टूबर तक होनी थी।

विशिष्ट बीटीसी : प्रशिक्षुओं के मानदेय मामले में अंतिम अवसर, डायट प्राचार्य को हाजिर रहने का निर्देश, अगली सुनवाई आठ अक्तूबर को

विशिष्ट बीटीसी : प्रशिक्षुओं के मानदेय मामले में अंतिम अवसर,  डायट प्राचार्य को हाजिर रहने का निर्देश, अगली सुनवाई आठ अक्तूबर को



प्रयागराज : हाईकोर्ट ने जिला प्रशिक्षण शिक्षा संस्थान प्रयागराज के प्रधानाचार्य को नियमित नियुक्ति होने तक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को मानदेय का भुगतान करने के आदेश का पालन आठ नवंबर तक करने का अंतिम अवसर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना आरोप तय किया जाएगा।


यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचियों को नियमित नियुक्ति होने तक मानदेय का भुगतान करने का आदेश दिया था, जिसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका की गई है। 


कोर्ट ने कहा है कि 2004 विशिष्ट बीटीसी के प्रशिक्षुओं का कार्य अवधि सहित चार्ट तैयार कर पेश करें। यह भी बताएं कि कब नियुक्त किए गए और मानदेय की कितनी राशि का भुगतान किया गया। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक बकाये का सभी को भुगतान किया जाए। कोर्ट के आदेश पर प्रधानाचार्य उपस्थित हुए और हलफनामा दाखिल कर बताया कि 2015 के शासनादेश के अनुसार प्रशिक्षण अवधि का ही मानदेय देने की व्यवस्था है। 


कोर्ट ने कहा कि 2004 के शासनादेश में प्रशिक्षण अवधि से नियमित नियुक्ति होने तक मानदेय देने की व्यवस्था है। कोई शासनादेश भूतलक्षी प्रभाव नहीं रखता इसलिए 2004 के शासनादेश के तहत जारी आदेश का पालन किया जाए। कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट पर असंतोष जताया। प्रधानाचार्य ने बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का समय मांगा तो कोर्ट ने सुनवाई के लिए आठ अक्तूबर की तारीख लगा दी।

परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते 70% शिक्षक पढ़ा रहे सभी विषय

परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते 70% शिक्षक पढ़ा रहे सभी विषय


प्रयागराज : सूबे की बेसिक शिक्षा पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कहीं न कहीं कमी बनी हुई है। राज्य सरकार की ओर से समग्र शिक्षा अभियान 2021-22 के लिए भेजी गई रिपोर्ट पर गौर करने से साफ है कि उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं की जा सकी है।


स्थिति यह है कि कक्षा छह से आठ तक के 70 प्रतिशत शिक्षक तीनों विषय (भाषा, गणित/विज्ञान और सामाजिक विषय) पढ़ा रहे हैं। सामाजिक विषय में 1183 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक उपलब्ध है। शिक्षकों की कमी का मुख्य कारण उच्च प्राथमिक स्तर पर सीधी भर्ती और प्रमोशन न होना है।


आखिरी बार उच्च प्राथमिक स्तर पर 2013 में विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई थी। उसके बाद से भर्ती न होने और तमाम जिलों में प्रमोशन न होने के कारण इन स्कूलों में शिक्षकों के 9451 पद खाली हैं।

यूपी बोर्ड : अंकसुधार परीक्षा का मूल्यांकन नौ अक्तूबर से, सात व आठ अक्तूबर को होगी प्रायोगिक परीक्षा

यूपी बोर्ड : अंकसुधार परीक्षा का मूल्यांकन नौ अक्तूबर से, सात व आठ अक्तूबर को होगी प्रायोगिक परीक्षा

 
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की अंकसुधार परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 9 से 12 अक्तूबर तक 15 केंद्रों पर होगा। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की अंकसुधार परीक्षा क्रमश: चार व छह अक्तूबर को समाप्त हो रही है। इसी के साथ मूल्यांकन की तैयारियां शुरू हो गई है। बोर्ड ने अपने पांचों क्षेत्रीय कार्यालय वाले जिलों प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली और गोरखपुर में तीन-तीन केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। मूल्यांकन केंद्र प्रभारियों को निर्देश भेजे जा रहे हैं। 10वीं और 12वीं की अंकसुधार परीक्षा के लिए क्रमश: 37931 व 41355 छात्रों ने आवेदन किया था।


सात व आठ अक्तूबर को प्रायोगिक परीक्षा

प्रयागराज : अंकसुधार परीक्षा में शामिल इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षा सात और आठ अक्तूबर को होगी। जिले के राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में परीक्षा कराई जाएगी। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित ऐसे छात्र जिन्होंने अंकसुधार परीक्षा के आवेदन पत्र में प्रयोगात्मक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए विकल्प दिया था, उनके प्रैक्टिकल जिला मुख्यालय स्तर पर कराई जाएगी।

स्कूल खुलते ही बच्चों में संक्रमण बढ़ा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण बढ़ने के मद्देजनर राज्यों को कोरोना नियम पालन करने के निर्देश जारी किए

स्कूल खुलते ही बच्चों में संक्रमण बढ़ा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण बढ़ने के मद्देजनर राज्यों को कोरोना नियम पालन करने के निर्देश जारी किए


नई दिल्ली : कोरोना महामारी के डेढ़ साल बाद देश में स्कूल खुलना शुरू हो चुके हैं। बच्चे, अभिभावक और शिक्षकों में इसे लेकर खुशी है लेकिन एक चिंताजनक बात यह है कि कई राज्यों में स्कूल खुलने के बाद से बच्चों में कोरोना की संक्रमण दर बढ़ गई है।

कई राज्य हैं जहां संक्रमित बच्चों की संख्या में एक फीसदी से भी अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसे लेकर कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एक बार फिर सख्त कोविड नियमों का पालन करन का निर्देश जारी किया है।


बेंगलुरु के निजी स्कूल में 60 बच्चे संक्रमित : बेंगलुरु के श्री चैतन्य बोर्डिंग स्कूल में 60 छात्र संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले 480 छात्रों का सैंपल टेस्ट के लिए लिया गया था। स्कूल को बंद कर दिया गया है। स्कूल में काम करने वाले स्टाफ का भी सैंपल लिया गया था, लेकिन उनमें कोई भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिला।


मुंबई: 30 छात्र पॉजिटिव

मुंबई में नगरीय निकाय द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में 30 मेडिकल छात्रों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बीएमसी ने बताया कि एमबीबीएस के एक छात्र को उपचार के लिए सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि छात्र में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं।


तमिलनाडु में 400 संक्रमित

तमिलनाडु में 1 सितंबर से कक्षा 9-12 तक के स्कूलों के खुलने के बाद से अब तक 400 छात्र संक्रमित हुए हैं। कुछ शिक्षक भी इसकी चपेट में आए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया है कि राज्य में उच्च कक्षाओं के लिए स्कूल दोबारा खुलने के बाद से अब तक करीब 400 छात्र संक्रमित मिल चुके हैं।


तेलंगाना में पांच शिक्षक पॉजिटिव 56 बच्चे क्वारंटाइन

तेलंगाना में पिछले एक सप्ताह में भद्राद्री, कोठागुडेम और मुलुगु जिले में कम से कम पांच शिक्षक और पांच छात्र संक्रमित हुए हैं। वहीं, शिक्षकों के संपर्क में आने वाले करीब 56 छात्रों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रखा गया है।

डीएलएड में जितनी सीटें भरीं उससे कहीं ज्यादा रह गईं खालीं

DElEd Admission 2021: पिछला सत्र शून्य होने के बाद भी डीएलएड सत्र 2021 की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली

डीएलएड में जितनी सीटें भरीं उससे कहीं ज्यादा रह गईं खालीं


लखनऊ। डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में इस बार भी छात्रों ने कोई रुचि नहीं दिखाई हालांकि पिछले साल सत्र शून्य घोषित कर दिया गया था। एक साल बाद दाखिले के लिए काउंसिलिंग हुई तो जितनी सीटें भरीं उससे कहीं ज्यादा खाली रह गई हैं।

तीनों चरण की काउंसिलिंग खत्म होने के बाद 1,32,766 सीटें खाली हैं। डीएलएड का नया सत्र 11 अक्तूबर से प्रारंभ हो जाएगा। डीएलएड में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग 22 अक्तूबर से प्रारंभ हुई थी, लेकिन छात्रों ने इसमें खास रुचि नहीं दिखाई। काफी संख्या में सीटें रिक्त हैं। 

यहां तक कि डायट की भी कुछ सीटें रिक्त रह गई हैं। डायट में 10,600 सीटें हैं। इनमें से तीनों चरण में 10,134 सीटों पर दाखिले हुए हैं, जो सीटें रिक्त रह गई हैं वे आरक्षण वर्ग की हैं। डीएलएड की कुल 2,28,900 सीटें हैं। इनमें से 96,134 सीटों पर ही दाखिले हुए हैं जबकि 1,32,766 सीटें रिक्त रह गई हैं। वह भी तब जब पिछला सत्र शून्य घोषित कर दिया गया था।


डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2021 प्रवेश के तीसरे और अंतिम चरण का सीट आवंटन शुक्रवार को जारी कर दिया गया। कुल 228900 सीटों के सापेक्ष 96134 सीटों पर ही अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। शेष आधे से अधिक 132766 सीटें खाली रह गईं।


प्रशिक्षण 11 अक्तूबर से शुरू होगा। कोरोना के कारण 2020 सत्र शून्य होने के बावजूद युवाओं ने इस कोर्स में रुचि नहीं ली। कभी नौकरी की गारंटी माने जाने वाले डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) कोर्स को अधिकांश युवा करना नहीं चाहते।

अंतिम चरण में डायट की 10600 सीटों में 10134 ही भरी जा सकी। विशेष आरक्षण की 466 सीटें खाली रह गई। वहीं प्राइवेट कॉलेज में 86000 प्रवेश हुए हैं। पहले चरण में 12975, दूसरे में 28384 और तीसरे चरण में 54775 सीटें आवंटित की गई। ऑनलाइन काउंसिलिंग 22 सितंबर से शुरू हुई थी। 


आवेदन के लिए तीन बार बढ़ानी पड़ी तारीख
प्रयागराज। डीएलएड के लिए शुरू से खास रुचि नहीं दिख रही थी। सीटों के सापेक्ष पर्याप्त संख्या में आवेदन न मिलने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को तीन बार आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ानी पड़ी थी। इसके पीछे निजी डीएलएड कॉलेजों का दबाव भी था। पिछले साल शून्य सत्र होने के कारण प्राइवेट कॉलेजों की कमाई नहीं हो सकी थी।

Friday, October 1, 2021

हाथरस : डीएम के निर्देश पर परिषदीय शिक्षकों के संबद्धिकरण समाप्त कर मूल विद्यालय में शिक्षण कार्य का आदेश जारी

हाथरस : डीएम के निर्देश पर परिषदीय शिक्षकों के संबद्धिकरण समाप्त कर मूल विद्यालय में शिक्षण कार्य का आदेश जारी


15 परिषदीय शिक्षक-शिक्षिकाओं का संबद्धीकरण समाप्त

हाथरस : लंबे समय से मूल विद्यालय को छोड़कर दूसरे विद्यालयों से संबद्ध चल रहे 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब अपने मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर शिक्षण कार्य करने के निर्देश बीएसए शाहीन ने दिए हैं। बीएसए ने यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की है।


बेसिक शिक्षा विभाग के 15 शिक्षिक-शिक्षिकाओं का जिलाधिकारी (डीएम) रमेश रंजन के निर्देश पर बीएसए ने संबद्धीकरण समाप्त कर दिया है। इनमें किरन वार्ष्णेय संविलियन विद्यालय मोहनगंज, भावना कुमारी प्राथमिक विद्यालय रमनगला, जितेंद्र कुमार प्राथमिक विद्यालय नगला खरग, हरवीर सिंह प्राथमिक विद्यालय चंद्रगढ़ी, प्रियंका यादव उच्च प्राथमिक विद्यालय रमनपुर नगर क्षेत्र, रश्मि प्राथमिक विद्यालय बांधनू, रोहताश कुमार संविलियन विद्यालय लुटसान, आदर्श कुमारी, संविलियन विद्यालय दरकौली, सुशीला कुमारी संविलियन विद्यालय सासनी, सुनील कुमार प्राथमिक विद्यालय फतेलीपुर सिकंदराराऊ, बाल किशन प्राथमिक विद्यालय डंडेसरी सिकंदराराऊ, माधवी शर्मा प्राथमिक विद्यालय नगला मेवा सहपऊ, लोकेंद्र सिंह डायट हाथरस, प्रीति प्राथमिक विद्यालय नगर क्षेत्र ओढ़पुरा, योगेश कुमार प्राथमिक विद्यालय गढ़ी केसरी सादाबाद का संबद्धीकरण खत्म करके उन्हें मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश डीएम के आदेश पर बीएसए शाहीन ने दिए हैं।



 

हाथरस : परिषदीय शिक्षकों/कर्मचारियों के सेवानिवृत्तिक लाभों हेतु विकल्प पत्र स्वीकृत कराए जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : परिषदीय शिक्षकों/कर्मचारियों  के सेवानिवृत्तिक लाभों हेतु विकल्प पत्र स्वीकृत कराए जाने के सम्बन्ध में

 


डीएलएड ( बीटीसी) प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन हेतु प्राप्त कराए जाने के संबंध में निर्देश जारी

डीएलएड ( बीटीसी) प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन हेतु प्राप्त कराए जाने के संबंध में निर्देश जारी



बीएड : दूसरे चरण का सीट आवंटन जारी, 41,563 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित

बीएड : दूसरे चरण का सीट आवंटन जारी, 41,563 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित 


45,833 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग के लिए पंजीकरण किया और कुल 44,417 अभ्यर्थियों ने अपना च्वॉइस लॉक किया था।


लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में बीएड प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही काउंसलिंग के दूसरे चरण की सीट आवंटन का परिणाम बृहस्प्तिवार को जारी कर दिया गया। इस चरण में 45,833 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग के लिए पंजीकरण किया और कुल 44,417 अभ्यर्थियों ने अपना च्वॉइस लॉक किया था। 1416 अभ्यर्थियों ने कोई भी विकल्प लॉक नहीं किया था।


संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि काउंसलिंग के दूसरे चरण में कुल 41,563 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई। ये अभ्यर्थी 04 अक्टूबर तक अपना सीट कंफर्मेशन शुल्क जमा कर सकते हैं। इसके बाद अभ्यर्थियों को अपने आवंटन पत्र तथा मूल प्रमाण पत्रों के साथ आवंटित विश्वविद्यालय-महाविद्यालय में संपर्क कर रिपोर्टिंग करना चाहिए।


इसी क्रम में काउंसलिंग के तीसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गए हैं। इस राउंड में स्टेट रैंक 01 से 3,50,000 तक के अभ्यर्थी 03 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस राउंड में पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थी 01 से 04 अक्टूबर तक च्वाइस फिलिंग कर सकते हैं। जिसका परिणाम 05 अक्टूबर को लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। अभ्यर्थियों को सुझाव दिया गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों का विकल्प भरें।

वहीं दूसरी तरफ जिन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के चरण में सीट आवंटित हुई है और वे किन्हीं कारणों से अपना सीट कंफर्मेशन शुल्क अब तक जमा नहीं कर पाये हैं उनके लिये सीट कंफर्मेशन शुल्क जमा करने की तिथि भी 04 अक्टूबर तक बढ़ा दी गयी है। ऐसे अभ्यर्थी लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लॉगिन कर शेष महाविद्यालय शुल्क जल्द जमाकर अपना आवंटन पत्र अवश्य डाउनलोड कर लें, अन्यथा ऐसे अभ्यर्थियों का सीट आवंटन निरस्त हो जायेगा।

पेपरलीक की पुष्टि, डीएलएड परीक्षा रद्द होने की संभावना, दो केंद्रों की परीक्षा निरस्त

पेपरलीक की पुष्टि, डीएलएड परीक्षा रद्द होने की संभावना, दो केंद्रों की परीक्षा निरस्त



प्रयागराज। डीएलएड परीक्षा में पेपर वायरल की खबर को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने गुरुवार को आदेश जारी कर कहा कि मथुरा जनपद में गणित विषय की चतुर्थ सेमेस्टर और आगरा में तीसरे सेमेस्टर की एक-एक केंद्रों की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। अभी 46 जनपदों से रिपोर्ट मिली थी।


बरेली : डीएलएड का पेपर लीक करने के मामले में एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने डीएम के माध्यम से रिपोर्ट शासन को भेज दी है। रिपोर्ट में प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि की गई है। पुलिस को मिले पर्चे और प्रश्नपत्र में एक जैसे ही सवाल थे। इस रिपोर्ट के बाद डीएलएड की परीक्षा निरस्त होना तय है।


मंगलवार को रिखी सिंह इंटर कॉलेज, बिशप मंडल, मैथोडिस्ट और साहू गोपीनाथ इंटर कॉलेज में डीएलएड की परीक्षा थी। पुलिस ने पेपर लीक करने के आरोप में बदायूं में शाहनूर उर्फ इरशाद को गिरफ्तार किया था।