लखनऊ : समाज कल्याण मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाए जाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने मानवीय हित में उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश यह साबित करता है कि प्रदेश सरकार का निर्णय सही था। उन्होंने शिक्षा मित्रों से भी अपील की है कि वे अपने दायित्वों का ठीक से पालन करें और बच्चों को अच्छी शिक्षा दें।
लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री राम गोबिंद चौधरी ने शुक्रवार को शिक्षामित्रों को लेकर सरकार के निर्णय की सराहना की और कहा कि शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियमित करना मानवीय हित में उठाया गया कदम है। राज्य सरकार के इस शासनादेश को भले ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद से निरस्त कर दिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगित कर दिये जाने के निर्णय से प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के हित में उठाये गये कदम को सही साबित किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि पौने दो लाख परिवारों को न्याय मिला है, सर्वोच्च न्यायालय ने भी कानूनी पहलुओं के साथ मानवीय दृष्टिकोण की ध्यान में रखा है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि सामाजिक समरसता के लिए शिक्षामित्रों को न्याय मिलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार के फैसले पर सहमति व्यक्त करने से प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रखने में सहायता मिलेगी।
Enter Your E-MAIL for Free Updates :
No comments:
Write comments