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Thursday, December 24, 2015

मास्साब सीखेंगे की जरूरतों के लिहाज से अंग्रेजी, दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण का खाका खींचा गया, जल्द शुरू होंगे प्रशिक्षण

इलाहाबाद : अब एबीसीडी से लेकर अंग्रेजी साहित्य तक का ज्ञान देने वाले गुरुओं को भी पढ़ाने की तैयारी है। मास्साब को अंग्रेजी का व्याकरण या फिर साहित्य नहीं पढ़ाया जाना है, बल्कि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिहाज से अंग्रेजी बुलवाई जाएगी। शिक्षकों को दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण का खाका खींच लिया गया है।

आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश प्राथमिक स्कूलों से लेकर इंटर तक के शिक्षकों को समय-समय पर अंग्रेजी का प्रशिक्षण देता है। साथ ही प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाए जाने वाली अंग्रेजी की किताबों का पाठ्यक्रम तय करने से लेकर उसमें निरंतर संशोधन किया जाता रहता है। संस्थान में कई डिप्लोमा कोर्स भी चलते हैं। इस समय कक्षा छह से बारह तक के शिक्षकों की दक्षता संवर्धन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए अंग्रेजी का साथ लेने पर जोर देना है। मसलन यात्र करते समय, बाजार में खरीदारी, अस्पताल एवं अन्य कामकाज को निपटाने में प्रयोग होने वाले शब्दों को अपने बोलचाल में शामिल करने पर जोर दिया जाएगा। अभी हाल यह है कि इंटर में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने वाले तक इंग्लिश में बातचीत नहीं कर पाते। 1ऐसा माना जा रहा है कि यदि शिक्षक रोजमर्रा में अंग्रेजी बोलने लगेंगे तो छात्र-छात्रएं भी उनका अनुसरण करेंगे और अंग्रेजी स्कूलों के बच्चों की तर्ज पर छात्रों की जुबान पर अंग्रेजी होगी।

शिक्षण संस्थान के प्राचार्य राजेंद्र सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि दक्षता संवर्धन का विशेष प्रशिक्षण पहले अक्टूबर एवं नवंबर में चलाया जाना था, लेकिन पंचायत चुनाव के कारण उसे टाल दिया गया था, क्योंकि आम तौर पर सभी शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगी थी। अब यह कार्यक्रम जनवरी में पूरा होगा। इसमें अब इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी एवं फतेहपुर जनपदों में प्रशिक्षण की कार्यशालाएं होंगी। यह प्रशिक्षण जूनियर, हाईस्कूल एवं इंटर के शिक्षकों के लिए अलग-अलग होगा।

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