लखनऊ (डीएनएन)। बिजली का बिल न जमा होने का खामियाजा अब परिषदीय विद्यालयों
के शिक्षकों और कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को भुगताना पड़ रहा है।
करीब 14 दिन पहले बिल न जमा होने की वजह से लेसा ने शिक्षा भवन की बिजली
काट दी थी। बावजूद इसके अब तक बिल का पूरा भुगतान नहीं किया गया, जिससे
बिजली चालू नहीं हो सकी। नतीजा, लेखा कार्यालय में कोई काम न हो पाने की
वजह से राजधानी के करीब छह हजार शिक्षकों का वेतन फंस गया है।
शिक्षा भवन
में एडी बेसिक, बीएसए कार्यालय से लेकर लेखा कार्यालय संचिालत है। इन
कार्यालय का नौ लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया था, लिहाजा होली के
आसपास बिजली विभाग ने यहां की बिजली काट दी। वित्तीय सत्र समाप्त होने के
चलते बीएसए कार्यालय ने करीब एक सप्ताह तक किराए पर जनरेटर की व्यवस्था कर
ली। लेकिन अब तक बिजली कनेक्शन नहीं जुड़ सका है। प्राथमिक शिक्षक
प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन विशिष्ट बीटीसी के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार
सिंह का कहना है कि बिजली का बिल जमा न होने की वजह से लाइट कटी हुई है और
लेखा कार्यालय में कोई काम नहीं हो पा रहा। इससे छह हजार शिक्षकों का वेतन
फंस गया है। वहीं विभाग ने बिजली बकाया में एक लाख रुपए का भुगतान कर दिया
है, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं जोड़ा गया। इस दौरान गुरुवार को भी दिन भर
अधिकारी व कर्मचारी गर्मी से बेहाल रहे।
बिजली का बिल करीब नौ लाख रुपए बकाया था, इनमें से एक लाख रुपए जमा कर दिए गए हैं। साथ ही बिजली कनेक्शन जोड़ने के लिए विभागीय अधिकारी से फोन से वार्ता की गई है।
- प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए लखनऊ
एडी बेसिक ने लिखा विभाग को पत्र : बिजली कटने से बीएसए, लेखा कार्यालय केसाथ-साथ एडी बेसिक कार्यालय भी बेहाल है। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि विभाग को एक लाख रुपए बिल का भुगतान कर दिया गया है। साथ ही कनेक्शन जोड़ने के संबंध में विभाग को पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि बजट मिलते ही शेष बिल का भुगतान भी कर दिया जाएगा।
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