जागरण संवाददाता, लखनऊ : कमाई के गोरखधंधे के कारण शिक्षा महंगी होती जा रही है। मुनाफे के व्यवसाय के तौर पर इससे प्राइवेट स्कूल मोटी कमाई कर रहे हैं और हर साल अभिभावकों की जेब ज्यादा से ज्यादा ढीली हो रही है। आम अभिभावक शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न होने से परेशान हैं। स्कूलों के रसूख के आगे आम अभिभावक नतमस्तक होने को मजबूर हैं। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग व जागरूक नागरिकों का मानना है कि अगर शासन-प्रशासन के अधिकारी स्कूलों पर शिकंजा कसे तो अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। पेश से बातचीत। अपने बच्चे के अच्छे भविष्य को लेकर अभिभावक चुप रहते हैं और स्कूलों की मनमानी सहते हैं। मगर उन्हें अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। प्रशासन भी कार्रवाई करें। -अनुराग मिश्र, शिक्षक क्वींस कॉलेज 1निजी स्कूलों में कॉपी-किताबें न बेची जाएं और फीस को रिव्यू किया जाए। शिक्षा विभाग व प्रशासन के अधिकारी स्कूलों पर कार्रवाई करें तो इनकी मनमानी रूकेगी। 1-आरजे पांडेय, अधिकारी बीएसएनएलजागरण संवाददाता, लखनऊ : कमाई के गोरखधंधे के कारण शिक्षा महंगी होती जा रही है। मुनाफे के व्यवसाय के तौर पर इससे प्राइवेट स्कूल मोटी कमाई कर रहे हैं और हर साल अभिभावकों की जेब ज्यादा से ज्यादा ढीली हो रही है। आम अभिभावक शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न होने से परेशान हैं। स्कूलों के रसूख के आगे आम अभिभावक नतमस्तक होने को मजबूर हैं। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग व जागरूक नागरिकों का मानना है कि अगर शासन-प्रशासन के अधिकारी स्कूलों पर शिकंजा कसे तो अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। पेश से बातचीत। 1अपने बच्चे के अच्छे भविष्य को लेकर अभिभावक चुप रहते हैं और स्कूलों की मनमानी सहते हैं। मगर उन्हें अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। प्रशासन भी कार्रवाई करें। -अनुराग मिश्र, शिक्षक क्वींस कॉलेज 1निजी स्कूलों में कॉपी-किताबें न बेची जाएं और फीस को रिव्यू किया जाए। शिक्षा विभाग व प्रशासन के अधिकारी स्कूलों पर कार्रवाई करें तो इनकी मनमानी रूकेगी। 1-आरजे पांडेय, अधिकारी बीएसएनएलनिजी स्कूल अभिभावकों को मनमाने ढंग से लूट रहे हैं। फीस हर साल बढ़ाते हैं और खुलेआम कॉपी-किताबें बेच रहे हैं। शासन-सत्ता द्वारा कार्रवाई न करने से हालात बिगड़ रहे हैं। 1-डॉ. आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ 1स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए जिला प्रशासन अलग-अलग टीमें गठित करे। महंगी फीस तो अभिभावक भर ही रहे हैं उन्हें हर बात पर ठगा जा रहा है। 1-डॉ. मौलिन्दु मिश्र, पूर्व अध्यक्ष लुआक्टा प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर लगाम लगनी चाहिए। आम अभिभावकों को राहत देने के लिए प्रशासन को सख्ती करनी चाहिए। आखिर फीस का कोई मानक है या नहीं? 1-संगीता अग्रवाल, प्राचार्य शशि भूषण गल्र्स इंटर कॉलेज 1प्राइवेट स्कूल तो शिक्षा को व्यवसाय के तौर पर देखते हैं। मोटी फीस वसूलने के साथ-साथ अन्य कई तरह के चार्ज लगाकर अभिभावकों की जेब काटते हैं। डीएम सख्त कार्रवाई करें। 1-इनायतुल्लाह खां, पूर्व प्राचार्य मुमताज इंटर कॉलेज 1कॉपी-किताब व ड्रेस इनमें भी प्राइवेट स्कूल अपनी मनमर्जी चलाकर पैसा कमा रहे हैं। स्कूलों की जांच की जाए और अभिभावक व अधिकारियों की संयुक्त कमेटी बनाकर कार्रवाई हो।1-इंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ 1स्कूलों की फीस का मुद्दा हर साल सुर्खियों में होता है मगर इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। नियम-कानून ढंग से लागू हो जाएं तो अभिभावक भी ताकतवर हो सकते हैं। 1-डॉ. रूचि सक्सेना, शिक्षिका नारी शिक्षा निकेतन डिग्री कॉलेज 1
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