अहरौला (आजमगढ़) : इसे फिर से पद पाने की चाहत कहें या फिर कुछ और लेकिन एक प्रधानाध्यापक खुद विद्यालय की समस्याओं को लेकर एक सप्ताह से स्कूल के सामने अनशन पर बैठ जा रहा है। उनकी इस हरकत का जो भी मायने लगाया जा रहा हो लेकिन उनके द्वारा यह फरियाद विभागीय अधिकारियों के अलावा राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री तक पत्र के माध्यम से पहुंचाया जा चुका है। खास बात यह भी है कि स्कूल में प्रधानाध्यापक होते हुए जिम्मेदारी प्रभारी प्रधानाध्यापक देखते हैं। शिक्षा क्षेत्र अहरौला के प्राथमिक विद्यालय मिश्रौली के प्रधानाध्यापक अर¨वद कुमार पांडेय एक मार्च से रोज सुबह घर से नहा-धोकर हाथ में एक अटैची लिए पैदल विद्यालय के लिए निकल पड़ते हैं। विद्यालय से 500 मीटर पहले ही गांव की तरफ जाने वाले खड़ंजा के चौराहे पर अटैची रखकर सुबह सात बजे धूप में भूखे-प्यासे दो बजे तक बैठ रहते हैं। हाथ में गेरू लेकर जमीन पर लिख देते हैं कि विद्यालय जाने के लिए बच्चों को रास्ता दो। बारिश में बच्चों को रास्ता न रहने से काफी कठिनाई होती है। जब गांव के लोग उन्हें मनाने पहुंचते हैं तो उनका कहना होता है कि बच्चों की सुविधा व व्यवस्था में सुधार के लिए आम लोगों के लिए मेरी यह जागरुकता की लड़ाई है। जब तक रास्ता नहीं बन जाता तब तक मैं रोज इसी तरह यहां बैठकर गांव वालों को प्रेरित करता रहूंगा।
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