मध्याह्न् भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का ही नवीनीकरण करने, मानदेय खाते में भेजे जाने, एमडीएम स्वयं सेवी संगठन को न देकर कार्यरत रसोइयों से बनवाए जाने व मानदेय बढ़ाने की मांग रसोइया जन कल्याण समिति की ओर से की गई। इस संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को दिया गया। पूरे प्रदेश के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के अंर्तगत लगभग सवा चार लाख महिला व पुरुष रसोइया कार्यरत हैं। जिसमें अधिकांश विधवा परित्यकता, निराश्रित महिलाएं हैं। इनको 000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है। रसोइयों का मानदेय कम से कम 5000 रुपये करने की मांग की गई। विभाग रसोइयों का मानदेय प्रधान व प्रधानाध्यापक के संयुक्त खाते में भेजता है जिससे उन्हें समय से मानदेय नहीं दिया जाता है। कहा कि विद्यालय में कार्य 11 महीने का होता है जबकि मानदेय 10 महीने का ही दिया जाता है। रामकुमार गौतम, लालन शर्मा, सियाराम प्रजापति, रेशमा, कमला मौजूद रहे।
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