अनदेखी शिक्षा विभाग पर भारी
एक साल से खाली है सर्वशिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी की कुर्सी
कभी-कभार ही आते हैं प्रभारी एएओ, शासन को पत्र लिख चुके हैं डीएम
लापरवाही
मार्च तक मांगी थी मोहलत
जागरण संवाददाता, श्रवस्ती: शिक्षा के क्षेत्र में देश के पिछड़े जिलों में शुमार श्रवस्ती जिले में सर्वशिक्षा अभियान की दशा दयनीय है। एक साल से यहां सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी की कुर्सी खाली चल रही है। बहराइच के लेखाधिकारी को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जिम्मेदारी मिलने के बाद भी प्रभारी एएओ कभी-कभार ही यहां आते हैं। इसके चलते शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। लगातार अनुपस्थित रहने वाले प्रभारी एएओ के विरुद्ध जिलाधिकारी शासन को पत्र लिख चुके हैं।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की आधारभूत व्यवस्था की जाती है। नौनिहालों को ड्रेस वितरण, पुस्तक खरीद, शिक्षकों व शिक्षामित्रों तथा अनुदेशकों का वेतन, मानदेय भुगतान में अधिकांश धनराशि सर्वशिक्षा अभियान के तहत ही खर्च होता है। एएओ की अनुपस्थिति का असर वित्तीय प्रबंधन पर पड़ता है। सर्वशिक्षा अभियान की धनराशि का समय से भुगतान हो सके। इसके लिए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी की तैनाती जरूरी है।
जून 2015 में यहां तैनात सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी जेके अग्रवाल का तबादला हो गया। इसके बाद यहां की जिम्मेदारी बहराइच के एएओ शशि कुमार को सौंपी गई। 1प्रभार मिलने के बाद भी सप्ताह में दो दिन भी नियमित रूप से कार्यालय में न आने से विभागीय कार्य अटके रहते हैं। इससे समय से स्कूलों को धनराशि भेजने में समस्या खड़ी हो जाती है। इसके अलावा अन्य शैक्षिक गतिविधियों के लिए बजट होने के बावजूद समय से भुगतान नहीं हो पाता है। 1पूर्व जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने प्रभारी एएओ को सप्ताह में दो दिन नियमित रूप से श्रवस्ती कार्यालय में बैठने के आदेश दिए थे।डीएम के आदेश के बाद भी उनके कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ। शैक्षिक सुधार के मामले में जब एएओ की अनुपस्थिति रोड़ा बनने लगी तो डीएम ने इनके विरुद्ध डीओ शासन को लिखा। पत्र में प्रभारी एएओ से श्रवस्ती का प्रभार लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को जिम्मेदारी देने की अनुशंसा की गई थी पर नतीजा सिफर रहा। डीएम के सख्त तेवर के बाद भी प्रभारी सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के कामकाज के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया है।
डीएम की ओर से सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी से प्रभार लेने के लिए शासन को लिखे गए पत्र का असर हुआ। परियोजना ने इसके लिए मार्च तक की मोहलत मांगी थी। निर्धारित समय बीतने से पहले ही जिलाधिकारी का तबादला हो गया। नए जिलाधिकारी नितीश कुमार की तैनाती होने के बाद यह मामला फाइलों में कैद होकर रहा गया।
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