अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण होने की दशा में नवीन जनपद पहुंचकर स्थानान्तरित बेसिक शिक्षक अपनी ज्येष्ठता का दावा नहीं कर सकेंगे। वरिष्ठता का दावा नहीं करने के बाबत बेसिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर स्थानान्तरण करने वाले शिक्षकों से शपथपत्र भराया गया। शिक्षकों ने शपथपत्र के जरिए कहा कि वह नए जनपद में अपनी वरिष्ठता का दावा नहीं करेंगे। हालांकि अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण पाने वाले शिक्षक काफी समय से वरिष्ठता खत्म नहीं करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अब तक इस मसले पर कोई रूचि नहीं दिखाई।बेसिक शिक्षा नियमावली के मुताबिक एक जिले से दूसरे जिले में स्थानान्तरण होने पर शिक्षक अपनी वरिष्ठता खो देंगे। दूसरे जनपद पहुंचने पर उनकी वरिष्ठता शून्य हो जाएगी और ज्येष्ठता क्रम में वह सबसे नीचे पहुंच जाएंगे। हालांकि स्थानान्तरण पाने वाले शिक्षक सरकार से काफी समय से मांग कर रहे हैं कि उनकी ज्येष्ठता को समाप्त नहीं किया जाए। उनका तर्क है कि चूंकि उनके पास प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार पर पढ़ाने का अनुभव तो होता ही है, इसलिए वरिष्ठता समाप्त नहीं होनी चाहिए। शासन ने अब तक इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया है। इसकी पुष्टि इस बार की जा रही स्थानान्तरण प्रक्रिया से हो रही है। परिषद ने अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों से एक शपथ पत्र भराया है। शपथपत्र में शिक्षकों से वचन लिया गया है कि वह स्थानान्तरण के बाद दूसरे जनपद में पहुंचने पर अपनी वरिष्ठता का दावा नहीं करेंगे। सोमवार को दिन भर शपथपत्र भरने और जमा कराने का दौर चलता रहा। गौरतलब है कि अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए आनलाइन आवेदन करने वाले शिक्षकों की काउन्सिलिंग बीएसए कार्यालय में आगामी 13 और 14 जुलाई को कराई गई थी।
अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण हासिल करने वाले शिक्षक वरिष्ठता जोड़ने के पीछे काफी महत्वपूर्ण तर्क दे रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक भर्ती भले ही राज्य स्तर पर नहीं हो रही है लेकिन सभी जिलों से आवेदन करने की स्वतंत्रता भर्ती प्रक्रिया को राज्य स्तर जैसा ही बनाती है। इसके अलावा दूसरे जिलों में शिक्षकों का स्थानान्तरण भी किया जा रहा है तो फिर वरिष्ठता क्यों छीनी जा रही है। कहने को तो बेसिक शिक्षा जिला संवर्ग की नौकरी है लेकिन पिछले करीब डेढ़ दशक से राज्य के किसी भी जिले का निवासी किसी भी जिले में भर्ती हो सकता है। राज्य स्तरीय भर्ती और स्थानान्तरण होने के बावजूद अभी भी बेसिक शिक्षा को जिला संवर्ग का बनाए रखा गया है। यह शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है। इस मुद्दे पर शिक्षकों ने नियमावली में संशोधन की मांग की है।
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