प्राथमिक विद्यालयों में औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए जिले के बीस स्कूलों का चयन किया जा रहा है। इन औषधीय पौधों की समय समय पर प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसमें बच्चों को औषधीय गुणों के साथ ही साथ घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही प्रायोगिक जानकारियों से भी परिपक्व किया जा रहा है। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो ग्रामीण परिवेश के बच्चों में अक्सर छोटी छोटी दिक्कतें होती हैं। यदि इन दिक्कतों को समय रहते पहचान कर उपचार कर लिया जाए तो आसानी से दूर हो सकती हैं। लिहाजा, सरकार की ओर से शुरुआती स्तर पर ही बच्चों को सेहत के प्रति सजग करने की कवायद शुरू की जा रही है। इसके लिए स्कूलों में समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। अब इन शिविरों के साथ ही प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में औषधीय पौधे भी लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत जिले के बीस स्कूलों में लगाए जाने वाले इन पौधों और इनके औषधीय गुणों के बारे में बच्चों को विस्तार से जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी हर माह लगेगा, जिसमें दिखने, सुनने की समस्याओं का आंकलन, शारीरिक विकलांगता व त्वचा संबंधी रोगों का आंकलन किया जाएगा। बच्चों को रोगों के उपचार, कौन सी औषधी कारगर होगी, इसके बारे में बताया जाएगा। समय समय पर स्कूलों में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। औषधीय पौधों के संरक्षण का जिम्मा स्कूल के शिक्षकों पर होगा। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि जिले के बीस स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के साथ औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। इस कार्य को बेहतर तरीके से पूरा करने वाले शिक्षकों और बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। फिलहाल, इसके लिए बीस स्कूलों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे अमल में भी लाया जाएगा।
No comments:
Write comments