परिषदीय सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों में वेद और रामायण भी पढ़ेंगे नौनिहाल, सांस्कृतिक विभाग की इस पहल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई मुहर
ग्रीष्मकालीन रामायण-वेद कार्यशाला के खिलाफ जनहित याचिका खारिज
27 मई 2025
प्रयागराज। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के नौनिहाल समर कैंप के साथ वेद और रामायण का पाठ भी पढ़ेंगे। सांस्कृतिक विभाग की इस पहल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है। कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में आयोजित होने वाली ग्रीष्मकालीन रामायण एवं वेद कार्यशाला के खिलाफ दाखिल याचिका को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति शैलेंद्र क्षितिज की अदालत ने देवरिया निवासी डॉ. चतुरानन ओझा की जनहित याचिका पर दिया है। याची ने सांस्कृतिक विभाग के अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें गर्मी की छुट्टियों में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को रामायण और वेद की शिक्षा देने की बात कही गई थी।
रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक ने पांच मई 2025 को प्रदेश के सभी बीएसए को पत्र लिखकर कहा था कि स्कूलों में पांच से 10 दिन की रामायण व वेद अभिरुचि कार्यशाला आयोजित की जाए। इसमें रामलीला, क्ले मॉडलिंग, मुख सज्जा, वेदगान और सामान्य ज्ञान जैसे सत्र शामिल हों।
याची ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता व जागरूक नागरिक बताया। संविधान के अनुच्छेद 51ए (एच) का जिक्र कर कहा कि रामायण कार्यशाला वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर हमला है। यह न केवल सांविधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि जातिगत, लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाली कार्यशाला है। धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की पहचान है। लिहाजा, स्कूलों में धार्मिक कार्यशाला का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार की दलील...
ऐसी कार्यशाला के जरिये बच्चों में सांस्कृतिक, संस्कार व कला के प्रति रुचि बढ़ाई जाएगी। बच्चों का नैतिक विकास होगा। प्रभु श्रीराम के आदर्शों से नई पीढ़ी परिचित होगी।
गर्मी की छुट्टियों में परिषदीय बच्चे बनेंगे राम-लक्ष्मण, रामायण से सीखेंगे भारतीय संस्कृति के तत्व
7 मई 2025
गर्मी की छुट्टियों में परिषदीय विद्यालयों में बच्चे राम लक्ष्मण बन कर रामायण के संदेश और भारतीय संस्कृति के तत्वों को सीखेंगे। इससे बच्चों में संस्कार के अंकुर प्रस्फुटित होंगे ही साथ ही वे अभिनय और कला की बारीकियां भी सीख पाएंगे। अपने तरह की अनूठी पहल के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में अभिरुचि कार्यशालाएं आयोजित कराने की रुपरेखा तैयार की गई है। ग्रीष्मकालीन रामायण एव वेद कार्यशाला के आयोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक आईएएस संतोष कुमार शर्मा ने निर्देश जारी कर तैयारी कर सभी जनपदों में तैयारियां करा लेने को कहा है।
अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान (संस्कृति विभाग उप्र) अयोध्या द्वारा ग्रीष्मकालीन रामायण व वेद अभिरुचि कार्यशाला का आयोजन प्रदेश के सभी 75 जिलों में कराया जाएगा। इसमें रामलीला कार्यशाला, रामचरित मानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण, मुख सज्जा, एवं हैंडप्राब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। आगामी दिनों में पांच से दस दिनों की कार्यशाला को लेकर बच्चों में संस्कृति और संस्कार के अंकुर पिरोए जाने का इसे प्रयास माना जा रहा है। स्थान और समन्वयक का चयन संस्थान के द्वारा करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रयागराज। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश में रामायण एवं वेद अभिरुचि कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके तहत 5 से 10 दिनों तक रामलीला कार्यशाला, रामचरितमानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण क्ले मॉडलिंग कार्यशाला, रामायण मुख सज्जा एवं हैंडप्रॉब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन होगा।
संस्कृति विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या के निदेशक संतोष कुमार शर्मा ने सभी 75 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पांच मई को पत्र भेजकर बच्चों में अपनी संस्कृति के संस्कार पिरोने और कला के प्रति रुचि विकास के लिए विद्यालयों में कार्यशाला आयोजन में समन्वयक समेत प्रबंधकीय सहयोग प्रदान करने को कहा है।
No comments:
Write comments