गर्मी की छुट्टियों में परिषदीय बच्चे बनेंगे राम-लक्ष्मण, रामायण से सीखेंगे भारतीय संस्कृति के तत्व
गर्मी की छुट्टियों में परिषदीय विद्यालयों में बच्चे राम लक्ष्मण बन कर रामायण के संदेश और भारतीय संस्कृति के तत्वों को सीखेंगे। इससे बच्चों में संस्कार के अंकुर प्रस्फुटित होंगे ही साथ ही वे अभिनय और कला की बारीकियां भी सीख पाएंगे। अपने तरह की अनूठी पहल के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में अभिरुचि कार्यशालाएं आयोजित कराने की रुपरेखा तैयार की गई है। ग्रीष्मकालीन रामायण एव वेद कार्यशाला के आयोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक आईएएस संतोष कुमार शर्मा ने निर्देश जारी कर तैयारी कर सभी जनपदों में तैयारियां करा लेने को कहा है।
अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान (संस्कृति विभाग उप्र) अयोध्या द्वारा ग्रीष्मकालीन रामायण व वेद अभिरुचि कार्यशाला का आयोजन प्रदेश के सभी 75 जिलों में कराया जाएगा। इसमें रामलीला कार्यशाला, रामचरित मानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण, मुख सज्जा, एवं हैंडप्राब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। आगामी दिनों में पांच से दस दिनों की कार्यशाला को लेकर बच्चों में संस्कृति और संस्कार के अंकुर पिरोए जाने का इसे प्रयास माना जा रहा है। स्थान और समन्वयक का चयन संस्थान के द्वारा करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रयागराज। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश में रामायण एवं वेद अभिरुचि कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके तहत 5 से 10 दिनों तक रामलीला कार्यशाला, रामचरितमानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण क्ले मॉडलिंग कार्यशाला, रामायण मुख सज्जा एवं हैंडप्रॉब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन होगा।
संस्कृति विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या के निदेशक संतोष कुमार शर्मा ने सभी 75 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पांच मई को पत्र भेजकर बच्चों में अपनी संस्कृति के संस्कार पिरोने और कला के प्रति रुचि विकास के लिए विद्यालयों में कार्यशाला आयोजन में समन्वयक समेत प्रबंधकीय सहयोग प्रदान करने को कहा है।
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