बेसिक शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी चल रही है। एक और चौंकाने वाला बड़ा मामला सामने आया है। सत्यता कितनी है यह तो जांच का विषय है लेकिन विभाग के अफसर इस मामले में पूरी तरह कटघरे में खड़े हो गए हैं। आरोप लगे हैं कि जिला व्यायाम शिक्षक के लिए जिस अभ्यर्थी का चयन किया जा रहा है उस साक्षात्कार कमेटी में आवेदक के पिता भी थे। आरोप यह हैं कि शिक्षा विभाग में व्यायाम शिक्षक के पटल का कार्य जो फाइल डील का है वह भी चयनित अभ्यर्थी के पिता ही कर रहे हैं। डीएम ने मामला संदिग्ध मानते हुए डीडीओ को जांच सौंपी है।
यह है मामला: बेसिक शिक्षा विभाग में जिला व्यायाम शिक्षक महिला व पुरुष के एक-एक पद होते हैं। खेल की गतिविधियों का जिम्मा इन्हीं के कंधे पर होता है। इस साल विभाग ने व्यायाम शिक्षक की तैनाती के लिए आवेदन मांगे। आवेदन प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक कर सकते हैं। विभाग को नौ अभ्यर्थियों के आवेदन मिले। उसके बाद साक्षात्कार बोर्ड बैठा दिया गया। साक्षात्कार देने पहुंचे शिक्षकों का आरोप है कि जिला स्काउट शिक्षक रामप्रसाद विश्वकर्मा भी साक्षात्कार बोर्ड में शामिल थे। उन्होंने ही अभ्यर्थियों की मेरिट बनाई, जिसमें उनका बेटा भी शामिल था।
साक्षात्कार में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने लगाया आरोप, पिता ही डील कर रहे फाइल जिलाधिकारी के पास पहुंचा प्रकरण, डीडीओ को सौंपी गई जांच में कई फंसेंगे
जांच की फाइल भी अभ्यर्थी के शिक्षक पिता लेकर पहुंचे डीएम ने मामला डीडीओ के पास जांच को भेजा है। डीडीओ राम रक्षपाल ने सभी अभ्यर्थियों की फाइलें जांच को रखी हैं। डीडीओ ने बेसिक शिक्षा विभाग से रिकॉर्ड मंगवाए तो मेरिट में सबसे आगे चल रहे अभ्यर्थी के वही पिता लेकर पहुंचे। डीडीओ ने पहले तो फाइल का मेंटीनेंस उन्हें समझाया और उसके बाद नोटशीट बनाने के आदेश दिए। कहा कि चयनित अभ्यर्थी का चयन किस आधार पर किया गया है यह साफ लिखकर दें।
जिला व्यायाम शिक्षक के चयन की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही निर्णय लिए जा सकेंगे। - राम रक्षपाल यादव, डीडीओ
जिला व्यायाम शिक्षक के साक्षात्कार बोर्ड में मैं शामिल नहीं था। यह जरूर है कि विभाग ने जिम्मेदारी सौंपी तो फाइल डील की। मेरे बेटे के पास योग्यता के पूरे प्रमाण पत्र हैं।- रामप्रसाद विश्वकर्मा, जिला स्काउट शिक्षक
No comments:
Write comments