रसोइया कार्यकत्री कल्याण समिति की बैठक में रसोइयों के प्रति केंद्र सरकार के उपेक्षित रवैए पर आक्रोश जताया गया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामललित वर्मा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार गरीब रसोइयों की सुधि नहीं ले रही है जिसके कारण रसोइए उपेक्षा के शिकार हो गए हैं।1उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों व राज्य सरकारें राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों का वेतन तो बढ़ी रही हैं लेकिन रसोइयों को देने के लिए पैसे के लाले पड़े हैं।1मनरेगा मजदूरों को श्रम मंत्रलय द्वारा न्यूनतम मजदूरी 300 रुपये निर्धारित की गई है जबकि रसोइयों को एक हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं। यह अत्यंत ही चिंतनीय और निंदनीय है। प्रदेश महासचिव रामपाल पांडेय ने कहा कि 10 वर्षो से कार्यरत गरीब रसोइयों को पाल्य व्यवस्था लगाकर बार-बार निकाला जा रहा है।1उन्होंने पाल्य व्यवस्था को समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि रसोइयों का मानदेय सीधे उनके खाते में भेजा जाए जिससे प्रधान व प्रधानाध्यापक शोषण न कर सकें। बैठक को रीता देवी, लक्ष्मी देवी, गोलू देवी, विमला, आशा, सोहराती, इतवारी, लालिमा, इसरावती, इंद्रावती, सुधा पांडेय आदि ने भी संबोधित किया।
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