आयोग की मुहर क्यों जरूरी . मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर मुख्य सचिव का आदेश . चुनाव आचार संहिता के दौरान परीक्षा कार्यक्रम की होगी घोषणा . परीक्षा शुरू होने के 15 दिन पहले प्रश्नपत्र केंद्रों पर जाएंगे, उस समय आचार संहिता प्रभावी रहेगी
आयोग को विश्वास दिलाना कि चुनाव के बाद परीक्षाएं हो रही हैं
विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो गई है, लेकिन यूपी बोर्ड प्रशासन 2017 की परीक्षा तारीखों का एलान करने की जल्दबाजी में नहीं है। संभावित परीक्षा कार्यक्रम लगभग तैयार भी हो गया है, लेकिन उसकी घोषणा चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद ही होगी। सोमवार को लखनऊ में अफसरों की अहम बैठक हो रही है इसमें तारीखों पर चर्चा करने के बाद चुनाव आयोग को पत्र भेजा जाएगा।
यूपी बोर्ड प्रशासन व चुनाव आयोग के बीच इस बार हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2017 के कार्यक्रम को लेकर हुई तकरार किसी से छिपी नहीं है। बीते आठ दिसंबर 2016 को बोर्ड के सभापति अमरनाथ वर्मा ने आयोग को बिना विश्वास में लिए परीक्षा कार्यक्रम (16 फरवरी से 20 मार्च 2017) जारी कर दिया था। आयोग ने तत्काल इस कार्यक्रम को स्थगित कराकर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश एवं बोर्ड के सभापति को दिल्ली तलब किया था। उसके बाद से बोर्ड प्रशासन को यूपी विधानसभा चुनाव कार्यक्रम जारी होने का इंतजार कर रहा था। चार जनवरी को चुनाव की घोषणा होने के बाद बोर्ड ने भी परीक्षा की तैयारियां तेज कर दी हैं। होली बाद परीक्षा शुरू कराने का संभावित कार्यक्रम भी तैयार कर लिया गया है, लेकिन तारीखों का एलान करने से अफसर बच रहे हैं।
दरअसल, प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पिछले दिनों मुख्य सचिव को पत्र भेजा था कि यूपी बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम आयोग से अनुमोदन कराकर ही जारी किया जाए। शासन ने आयोग का यह निर्देश यूपी बोर्ड प्रशासन को भी भेजा है। इसीलिए अभी संभावित कार्यक्रम तय हुआ है और सोमवार को लखनऊ में इस संबंध में बैठक हो रही है। इसमें पूरे परीक्षा कार्यक्रम पर मंथन होगा, इसके बाद पत्र भेजकर आयोग से अनुमति ली जाएगी, तभी तारीखों का औपचारिक एलान होगा। यूपी बोर्ड होली के तुरंत बाद परीक्षा शुरू कराना चाहता है
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