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Friday, January 6, 2017

कोटे के तहत दाखिला न देने पर नवोदय विद्यालय पर ₹5000 का  लगाया हर्जाना, नानी को अभिभावक न मानने का मामला

लखनऊ : नानी के देखरेख में पल रहे नातियों को दाखिला देने के आदेश के विरुद्ध अपील करना, नवोदय विद्यालय समिति को महंगा पड़ा है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने समिति पर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। न्यायालय ने कहा है कि हर्जाने की रकम अपील दाखिल करने वाले व्यक्ति के वेतन से काटी जाएगी। न्यायमूर्ति एपी शाही व न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने यह आदेश कमिश्नर, नवोदय विद्यालय समिति व दो अन्य की ओर से दाखिल अपील पर दिया। 

⚫ नवोदय विद्यालय समिति पर लगाया गया "5000 का हर्जाना
⚫ नातियों को दाखिला देने के आदेश के खिलाफ अपील पर हाई कोर्ट ने दिया आदेश


मामले में गौरीगंज में पीजीटी शिक्षिका निमतुलनिशा ने बतौर टीचिंग स्टाफ अपने संरक्षण में रह रहे दो नातियों के दाखिले की प्रार्थना विद्यालय प्रशासन से की थी। नवोदय विद्यालय समिति टीचिंग व नॉन-टीचिंग स्टाफ के बच्चों के दाखिले की सुविधा देती है, लेकिन निमतुलनिशा की प्रार्थना यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि दोनों बच्चे उनके वास्तविक बच्चे नहीं हैं और यह सुविधा स्टाफ के वास्तविक बच्चों को ही दिए जाने का प्रावधान है। इसके बाद निमतुलनिशा और दोनों बच्चों ने हाई कोर्ट की शरण ली। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकल सदस्यीय पीठ ने बच्चों का दाखिला तत्काल किए जाने के आदेश विद्यालय और सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) को दिए। समिति ने एकल पीठ के इसी आदेश को चुनौती दी थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मानवीय मूल्यों की पूरी तरह उपेक्षा करते हुए यह अपील दाखिल की गई है।

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