वाट्सएप पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर विकास क्षेत्र उझानी के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को निलंबित किया गया है। निलंबन काल में वह अपनी उपस्थिति उसी विद्यालय में देंगे। शिक्षक-शिक्षिकाओं के शिकायत करने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद भी वह स्पष्टीकरण देने नहीं पहुंचे। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करना किसी के लिए भी सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए नजीर होते हैं, लेकिन वही अगर लोगों को भड़काने व धार्मिक भावनाएं आहत करने का काम करें तो अन्य पर बुरा असर पड़ना लाजमी है। विकास क्षेत्र उझानी के उच्च प्राथमिक विद्यालय रौरी के प्रधानाध्यापक असरार अहमद खां ने ऐसा ही किया। शिक्षक पद की मर्यादा को तार-तार करते हुए 6 मार्च को शाम के समय वाट्सएप के ग्रुप पर अमर्यादित टिप्पणी पोस्ट कर दी। ग्रुप के सदस्य शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बीएसए से शिकायत भी की। खंड शिक्षा अधिकारी के पास भी यह मैसेज पहुंचा। मैसेज शेयर करने वाले दिन आचार संहिता भी लगी थी। जिसपर बीएसए ने 10 मार्च को विभाग ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा, लेकिन स्वेच्छाचारिता अपनाते हुए उन्होंने स्पष्टीकरण नहीं दिया। जिसके चलते बीएसए ने उझानी विकास क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी की संस्तुति के आधार पर शिक्षक को निलंबित किया है। किसी व्यापार, व्यवसाय या सेवायोजन में न होने का प्रमाण पत्र देने के बाद ही उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
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