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Monday, April 3, 2017

शिक्षक संघ ने जारी की घूसखोरी की रेट लिस्ट, हर पद पर नियुक्ति और हर कार्य के अलग-अलग दाम


लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पोल-खोल अभियान शुरू कर दिया है। रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ ने राजधानी में नकल उद्योग, गलत ढंग से हुई शिक्षकों की भर्ती में की गई धन उगाही का खुलासा किया। साथ ही आरोप लगाया कि यूपी स्तर पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में नॉन डिस्टर्बेस व डिजायर्ड पोस्टिंग के नाम पर 30 से 60 लाख रुपये तक वसूली की जा रही है। फिलहाल अब आठ अप्रैल तक हर दिन शिक्षक संघ भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की मांग करेगा।




रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने कहा कि सूबे के नए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए अभियान छेड़ा है और यह जारी रहेगा।



किस काम का कितना रेट
● फर्जी छात्रों के पंजीकरण को मान्यता देने में 200 रुपये प्रति छात्र
● फर्जी छात्रों के पंजीकरण को मान्यता के लिए अतिरिक्त सेक्शन को मान्यता देने में एक लाख रुपये
● फर्जी छात्रों के परीक्षा फार्मो के अग्रसारण के लिए 200 रुपये प्रति छात्र
● परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रति केंद्र दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक
● योग्यता के अतिरिक्त मनचाहे कक्ष निरीक्षक के लिए प्रति शिक्षक परिचय पत्र के लिए 500 से एक हजार रुपये
● मनचाहे परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी भेजने के लिए प्रति छात्र 200 रुपये’ मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए तीन लाख से पांच लाख रुपये
● संबद्ध प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के लिए 12 लाख से 15 लाख रुपये
● माध्यमिक विद्यालय (अल्पसंख्यक) में शिक्षक पद के लिए 15 लाख से 20 लाख रुपये
● चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों के तबादले के लिए प्रबंधक स्तर पर एक लाख रुपये व जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर दो लाख रुपये
● जीपीएफ से अग्रिम भुगतान लेने के लिए 15 प्रतिशत घूस देनी पड़ती है
● चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति के लिए तीन लाख रुपये
● लिपिक की नियुक्ति के लिए पांच लाख रुपये घूस देनी पड़ती है
● नव नियुक्त और स्थानांतरित शिक्षकों को पहला वेतन लेने के लिए 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक घूस देनी पड़ती है।





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