महराजगंज : बेसिक शिक्षा विभाग इस बार जिले भर में कुल 50 ही ऐसे बच्चों को ढूंढ पाया है, जो स्कूल नहीं जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक तो यह थोड़ा अटपटा लगता है, लेकिन है बिल्कुल सच। नौ ब्लाकों में एक भी बच्चों ऐसा नहीं मिला जो स्कूल नहीं जाता हो। बेसिक शिक्षा विभाग ने मई माह में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को संबंधित ग्राम में घूमकर 6 से 14 वर्ष के उन बच्चों का ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जो स्कूल नहीं जाते हैं। विभागीय निर्देश के मुताबिक शिक्षकों ने स्कूल न जाने वाले बच्चों का ब्योरा जैसे-तैसे एकत्र कर सूची खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दी। सूची के मुताबिक सदर ब्लाक में सर्वाधिक 43, सिसवा में एक तथा परतावल में छह बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। अन्य नौ ब्लॉकों में कोई ऐसा नहीं मिला जो स्कूल नहीं जाता हो। जिन नौ ब्लॉकों में स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे नहीं मिले, उनके सत्यापन से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा हो रहा है। जिले भर के 929 ग्राम सभा में स्थित 2282 परिषदीय विद्यालयों में महज 50 बच्चे ही स्कूल नहीं जाते थोड़ा अटपटा लगता है।
इन नौ ब्लाकों में नहीं मिले बच्चे : जिले के मिठौरा, पनियरा, नौतनवां, फरेंदा, धानी, बृजमनगंज, निचलौल, लक्ष्मीपुर व घुघली ब्लाक में ऐसे बच्चों के सत्यापन में लगे जिम्मेदार एक भी बच्चों को नहीं ढूंढ सके। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का होगा प्रयास : बीएसए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि जिले भर में जो भी 6 से 14 वर्ष के बच्चे जो स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास होगा।
इन नौ ब्लाकों में नहीं मिले बच्चे : जिले के मिठौरा, पनियरा, नौतनवां, फरेंदा, धानी, बृजमनगंज, निचलौल, लक्ष्मीपुर व घुघली ब्लाक में ऐसे बच्चों के सत्यापन में लगे जिम्मेदार एक भी बच्चों को नहीं ढूंढ सके। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का होगा प्रयास : बीएसए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि जिले भर में जो भी 6 से 14 वर्ष के बच्चे जो स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास होगा।
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