स्कूलों पर धनराशि खर्च करेंगे प्रधान
जागरण संवाददाता, एटा: शासन और प्रशासन की मंशा सफल हुई तो परिषदीय स्कूलों का आगामी दिनों में कायाकल्प हो सकेगा। अब तक राज्य व 14वां वित्त आयोग से मिलने वाला बजट खर्च करने में प्रधानों और जिम्मेदारों की मनमानी पर अंकुश लग सकेगा। आने वाली विकास की धनराशि में से 50 फीसद अंश स्कूलों पर खर्च करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए ब्लाक स्तर पर स्कूलों में कार्य कराने के लिए कमेटी गठित की जाएगी, जोकि कार्यों का निर्धारण कर प्रधानों के जरिए कार्य कराएगी। 1हर साल ही ग्राम पंचायतों को राज्य व 14वां वित्त आयोग से मरम्मत कार्यों के लिए काफी बजट उपलब्ध कराया जाता है। चूंकि स्कूलों को रखरखाव व मरम्मत के लिए सिर्फ पांच हजार रुपये की धनराशि सालभर में दी जाती है। ऐसे में ग्राम पंचायत के अधीन होकर स्कूलों के कायाकल्प की बजाय मरम्मत के अभाव में भवन बदहाल होते रहते हैं। कुछ ऐसी ही स्थितियों के मद्देनजर प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी अमित किशोर ने स्कूलों में मरम्मत व सुंदरीकरण कार्य कराए जाने को लेकर निर्देशित किया है। निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्रधान प्राप्त बजट के आधे हिस्से से जहां ग्राम पंचायत के अन्य मरम्मत कार्य कराएं। वहीं शेष 50 फीसद अंश को विद्यालयों के ही कार्यों में खर्च करें। विद्यालयों को भी ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण परिसंपत्ति बताए जाने के साथ तय किया गया है कि ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत तथा खंड शिक्षाधिकारी की समिति गठित की जाए, जोकि प्रधानों द्वारा प्रस्तावित स्कूल संबंधी कार्यों को लेकर स्वीकृति प्रदान करेगी। 1इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रधान बाउंडीबॉल, शौचालय, फर्श, दीवार तथा छतों का प्लास्टर ही नहीं, बल्कि दरवाजे, खिड़कियां, रसोई घर में बर्तन, स्कूल जाने वाले मार्ग का निर्माण, पेंटिंग, टायल लगवाने के अलावा सबमर्सिबल, वॉशबेशन आदि व्यवस्थाएं कर सकते हैं। कार्यों को लेकर प्रस्ताव शिक्षा विभाग के अधिकारी देंगे। जिन पर अंतिम मुहर पंचायती राज विभाग द्वारा लगाई जाएगी। जिला पंचायती राज अधिकारी धनंजय जायसवाल ने बताया है कि सभी ब्लॉकों से कार्य योजना तैयार किए जाने को निर्देश दिए जा चुके हैं, जिनके निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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