छात्रवृत्ति घोटाले में 200 स्कूलों पर जल्द होगा मुकदमा
शासन गंभीर
आलोक मिश्र ’ लखनऊ : गरीब छात्रों का हक मारकर अफसरों ने अपनी झोलियां भर डाली। पूर्ववर्ती सरकारों में इटावा व मेरठ के स्कूलों में कागजी खानापूर्ति कर छात्रवृत्ति की 15 करोड़ से अधिक रकम हड़पी गई थी। शासन ने इस गंभीर मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) को 200 से अधिक सहायता प्राप्त विद्यालयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। जांच में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बीएसए, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा स्कूल संचालकों व प्रधानाचार्यो की भूमिका दागी पाई गई।
शासन ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करीब तीन साल पहले ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। बताया गया कि वर्ष 2004-05 में इटावा स्थित सहायता प्राप्त विद्यालयों में अल्पसंख्यक, एससी-एसटी व पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्रओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के 10 करोड़ रुपये से अधिक का घपला किया गया। शासन ने यह सहायता राशि छात्रों के बैंक खातों में पहुंचाने का निर्देश दिया था लेकिन, अधिकारियों की सांठगांठ से कागजी खानापूर्ति कर रकम हड़प ली गई। इटावा के 116 विद्यालयों के खिलाफ जांच की गई, जिसमें शासन ने 94 विद्यालयों के खिलाफ एफआइआर का निर्देश दिया है। ऐसे ही मेरठ में 150 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था। यहां मामला वर्ष 2010 से 2012 के बीच का है। मेरठ में छात्रवृत्ति की पांच करोड़ से अधिक रकम की धांधली सामने आई है। मेरठ में 110 से अधिक स्कूलों के खिलाफ एफआइआर की तैयारी है। जांच में कुछ स्कूलों में छात्रों के रजिस्टर व उन्हें छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रमाण भी मिले।
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