DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, June 24, 2021

बड़ी समस्या : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शहरी बेसिक स्कूल

बड़ी समस्या : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शहरी बेसिक स्कूल


वाराणसी : जिले के बेसिक स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए स्मार्ट सिटी से लेकर विभिन्न योजनाओं से इन्हें जोड़ा गया है। ऑनलाइन शिक्षण पद्धति मिशन प्रेरणा जैसी योजनाएं भी जारी है। मगर शहर के स्कूलों को देखकर लगता है कि योजनाओं को अभी लंबा सफर तय करना है। शहर के 101 बेसिक स्कूलों में 32 ऐसे हैं, जहां एक शिक्षक है और छह ऐसे भी हैं जहां शिक्षामित्र कमान संभाले हुए हैं।


 नए परिसीमन के मुताबिक शहरी स्कूलों की संख्या 161 हो जाएगी। वरुणापार का हाल सबसे खराबः शहर में बेसिक स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बरुणापार जोन का हाल सबसे खराब है। यहां 10 एकल स्कूल यानी एक शिक्षक के भरोसे चलने वाले स्कूल है। साथ ही शहर के छह शिक्षकविहीन स्कूलों में चार इसी जोन में हैं। इन कुल 16 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1260 है, जबकि इस जोन में कुल 3347 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। 


इस जोन के कंपोजिट विद्यालय शिवपुर में 313 विद्यार्थी हैं, इसे एकल विद्यालय बी में रखा गया है। इसके बाद दशाश्वमेघ जोन में 9 एकल और एक शिक्षकविहीन स्कूल में 560 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इस जोन के स्कूलों में कुल 1813 विद्यार्थी हैं। आदमपुर जोन के पांच एकल और एक शिक्षकविहीन स्कूल में 665 विद्यार्थी हैं। इसी जोन के छितनपुरा प्रा. विद्यालय में एक शिक्षामित्र के जिम्मे 82 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।

यह है परेशानी की बड़ी वजह

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए शहरी व ग्रामीण कैडर बेटा है। गांवों के स्कूल मुख्यालय से दूर पड़ते हैं। इसलिए वही ज्यादा शिक्षक तैनाती चाहते हैं। ऐसे में शहर के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम होती जा रही है। रविवार को आए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने भी इन हालात पर चिंता जताई थी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट में शिक्षकों का कैंडर खत्म करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसे स्वीकृति मिलते ही शिक्षकों की कम संख्या को पूरा किया जा सकेगा।


शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। नई भर्ती में वाराणसी को 27 शिक्षक मिलेंगे, जिन्हें इन स्कूलों में समायोजित करने की कोशिश रहेगी स्कूल में बच्चों के आने से पहले शिक्षकों की कमी पूरी कर ली जाएगी ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हों। राकेश सिंह, बीएसए-वाराणसी

No comments:
Write comments