न जांच कमेटी बनाई गई न कार्रवाई की, संतकबीरनगर बीएसए कार्यालय में अनियमितता में एडी बेसिक की निष्क्रियता पर हाईकोर्ट नाराज
कोर्ट ने कहा- आदेश को हो पालन अन्यथा 25 अगस्त को हाजिर हों अपर मुख्य सचिव
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संत कबीरनगर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की कार्यप्रणाली एवं अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) मृदुल आनंद के खिलाफ नियुक्ति में धांधली के मामले की जांच के लिए कमेटी गठन में विलंब पर नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकलपीठ ने नंदू प्रसाद की याचिका की सुनवाई की। कोर्ट की नाराजगी इस बात पर है कि 25 मई 2023 के निर्देश का पालन अब तक नहीं हुआ। अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) को सुनवाई की अगली तिथि 25 अगस्त को उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
नंदू प्रसाद व मालती गुप्ता की नियुक्ति को लेकर विवाद है। कोर्ट के रिकार्ड मंगाने पर पता चला था कि मैनेजर रिटर्न में नंदू प्रसाद और अनीस अहमद खान के नाम के बीच बिना क्रमांक मालती गुप्ता का नाम है। इस पर तत्कालीन बीएसए मृदुल आनंद के हस्ताक्षर हैं। नियुक्ति में घपला की आशंका पर कमेटी गठन का आदेश हुआ था। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के समय संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। कहा था कि बस्ती मंडल का कोई अधिकारी कमेटी में न रखा जाय। कमेटी जांच रिपोर्ट पेश करे। जरूरी हो तो विजिलेंस जांच कराए। इस आदेश को सरकार को भेजा ही नहीं गया, न तो कमेटी बनाई गई न कार्रवाई की गई।
बेसिक शिक्षा निदेशक पिछले दो साल तक आदेश पर निष्क्रिय बने रहे। दो साल बाद केस की सुनवाई के समय जब कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के बारे में पूछा तो सरकारी वकील ने आदेश पालन के लिए एक महीने का समय मांगा। जानकारी दी कि 14 जुलाई 2025 को अपर मुख्य सचिव (बेसिक) को पत्र लिखा गया है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक से आदेश का अनुपालन कराने में हुई देरी पर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
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