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Wednesday, July 16, 2025

आगरा बीएसए का खेल, पहले निलंबन, दो दिन में ही बहाल और लीजिए मनचाहा स्कूल

आगरा बीएसए का खेल, पहले निलंबन, दो दिन में ही बहाल और लीजिए मनचाहा स्कूल



नियमावली का उल्लंघन


बेसिक शिक्षा विभाग की अपील नियमावली 1999 क्या कहती है

निलंबन के बाद जांच पूरी होने तक शिक्षकों को बीआरसी या अन्य विद्यालय से अटैच करना चाहिए, न कि तुरंत बहाली हो।

स्कूल बंद होने के दौरान जांच नहीं हो सकती, और बीईओ बिना बीएसए के अनुमोदन के आरोप पत्र तैयार नहीं कर सकता।

निलंबन से पहले और बाद में साक्ष्यों के आधार पर पारदर्शी जांच होनी चाहिए।

मनचाही तैनाती देने को पहले निलंबन कर देते है फिर पास वाले एचआरए ब्लाकों में तैनात किया जाता है।

को जिले के भीतर तबादलों पर शासन की रोक के बावजूद, निलंबन बहाली की आड़ में शिक्षकों लाभ पहुंचाया जा रहा है।



आगराः मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों में बेहतरीन पढ़ाई हो इसलिए शिक्षकों के बहुत सीमित स्थानांतरण कर रहे हैं। यहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) जितेंद्र कुमार गोंड ने उनकी मंशा को तार-तार कर दिया। स्थानांतरण का ऐसा रास्ता तलाशा कि सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे। शिक्षकों को मनचाही तैनाती देने के लिए पहले निलंबन किया, फिर दो से आठ दिन बाद बहाली। इसके साथ ही कर दी मुराद पूरी यानि मनचाहे नजदीकी शहरी स्थान पर तैनाती। इसमें शिक्षकों का एक लाभ और दिया गया उन्हें नान-एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) ब्लाक से मुक्ति प्रदान कर दी।

जिले के बाह, जगनेर, पिनाहट और फतेहाबाद ब्लाक ऐसे हैं जहां शहर के शिक्षक नहीं जाना चाहते परंतु वहां स्कूलों की स्थिति देखते हुए सरकार स्थानांतरण नहीं कर रही। ऐसे में नया रास्ता खोज लिया गया। बीएसए को वाह के जूनियर हाईस्कूल सुसार कंपोजिट के प्रभारी और स्कूल न आने वाले प्रधानाध्यापक बुद्धि प्रकाश को मनचाही तैनाती देनी थी। ऐसे में उन्हें अनुपस्थिति, मिड-डे मील में लापरवाही, कंपोजिट ग्रांट के दुरुपयोग और पदीय दायित्वों की अनदेखी के आरोप में तीन जून 2025 को निलंवित किया गया। सिर्फ दो दिन में न जाने कैसे जांच पूरी हो गई और 5 जून 2025 को उन्हें नान-एचआरए ब्लाक वाह से एचआरए ब्लाक बरौली अहोर के जूनियर हाईस्कूल बुढ़ेरा में बहाल कर दिया। यहां उनको मनचाहा स्कूल मिला और वेतन बढ़ गया।


जगनेर राजस्थान सीमा का मुश्किल रास्ते वाला ब्लाक है। यहां गढ़ी करीमपुर की प्रभारी प्रधानाध्यापक रजनी देवी अक्सर स्कूल नहीं पहुंचती थीं। ऐसे में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, अनुपस्थिति और मिड-डे मील न बनवाने जैसे आरोपों में ही तीन जून को ही निलंबित किया गया। इनके लिए 15 जून 2025 की सुबह रोशनी भरी हुई। उन्हें बहाली के साथ नान-एचआरए ब्लाक जगनेर से एचआरए ब्लाक खंदैली के नगला महाराम में तैनाती मिल गई। खंदौली वह ब्लाक है, जहां तैनाती के लिए शिक्षक डेढ़ लाख रुपये तक की रिश्वत देने को तैयार रहते हैं।

याह के प्राथमिक विद्यालय रानीपुरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक अमित पाल को 17 मई 2024 को निलंवित किया गया। उन्हें जगनेर के धनसेरा भोजपुर में बहाल किया गया। इसके अलावा चार अन्य शिक्षकों में अनीता बघेल, राजेश कुमार और मंजीत सिंह को 20-22 जून 2024 के बीच मुश्किल वाले विद्यालयों से निलंबित किया गया। बीएसए ने सिर्फ छह दिन बाद 28 जून 2024 तक सवेतन बहाल कर दिया। कुछ को एचआरए ब्लाकों में तैनाती दी गई, जो नियमों का उल्लंघन है। हालांकि, मामला जोर पकड़ने लगा तो तीन जुलाई 2024 को कुछ बहालियां निरस्त की गईं, लेकिन तब तक शिक्षकों को नियम-विरुद्ध तैनाती का लाभ मिल चुका था।


बीएसए की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

बीएसए जितेंद्र कुमार गोड की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। 28 जून 2024 को दो मामलों में निलंबित शिक्षकों को ब्लाक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) में अटैच किया गया और स्कूल बंद होने के दौरान जांच की गई। सवाल उठता है कि बंद स्कूलों में जांच और आरोप पत्र कैसे तैयार किए गए? ब्लाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने बीएसए के अनुमोदन के बिना कार्रवाई की, जो नियमों के खिलाफ है। बाह के सहायक अध्यापक अजय कुमार ने बीएसए से बुद्धि प्रकाश की तैनाती पर आपत्ति उठाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ऐश्वर्या लक्ष्मी ने अब शिकायत मिलने के बाद बीएसए से जवाब तलब किया है


भाजपा ही बोली, वीएसए ने चार करोड़ रुपये वसूले
भाजपा महानगर के पूर्व महामंत्री डा. यादवेंद्र शर्मा ने बीएसए जितेंद्र कुमार गौड़ पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बीएसए के खिलाफ शिकायत पर जांच की मांग की है। बताया कि बीएसए ने अपने निजी सहायक अभिलाष के साथ मिलकर निलंबन और बहाली कर 100-115 शिक्षकों से चार-चार लाख रुपये लिए है। आरोप है कि बीएसए ने शासनादेशों और उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना कर, लखनऊ के एनआइसी में तैनात कंप्यूटर आपरेटर की मदद से पोर्टल पर छेड़छाड़ की और शिक्षकों का मनचाहे स्कूलों में तबादला किया।


मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है, निलंबन-बहाली की प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन है। पोर्टल के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी की गई है। - जितेंद्र कुमार गोंड, वीएसए

बीएसए की ओर से किए गए निलंबन बहाली का मामला गंभीर है, इसकी शिकायतें मुझे मिली है। बीएसए से जवाब मांगा जा रहा है। उन्होंने अभी तक दिया नहीं है। ऐश्वर्या लक्ष्मी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक


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