डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में बीएड एग्जाम में 12 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया लेकिन रिजल्ट आने पर 20 को पास कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
अंबेडकर विवि के बीएड फर्जीवाड़े की परत दर परत खुलती जा रही है। जागरण के खुलासे के बाद फर्जी छात्रों को परीक्षा में शामिल कराने के लिए 50 करोड़ की ‘बैड डील’ का मामला सामने आया है। विवि के अधिकारी, कॉलेज संचालक और एजेंसी के अधिकारियों ने मिलकर पूरा फर्जीवाड़ा किया।
डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के सत्र 2013-14 का है। बीएड के इस सत्र में दाखिले की जिम्मेदारी शासन ने गोरखपुर के दीनदयाल यूनिवर्सिटी को सौंपी थी। यूनिवर्सिटी ने प्रवेश परीक्षा के बाद 13 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को प्रवेश के लायक पाया और उनके डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध 190 कॉलेजों को अलॉट कर दिया गया। इसके बाद उनमे से करीब 12,822 अभ्यर्थियों
बीएड में 12,097 सीटें हैं। ऐसे में इस बात की जांच की जा रही है कि कैसे 20,089 अभ्यर्थियों के रिजल्ट बना दिए गए। - मनोज श्रीवास्तव, प्रवक्ता, बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी
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