पहले तबादले हो गए, अब पुराने स्कूल में वापसी, कई जिलों के बीएसए ने किए मूल विद्यालयों में वापसी के आदेश, जॉइनिंग देने के बाद एक बार फिर से शिक्षकों को मूल विद्यालय में वापसी
लखनऊ: जुलाई-अगस्त में बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) तबादले हुए। उनको दूसरे स्कूल में जॉइनिंग भी दे दी गई। अब कई जिलों में बहुत से शिक्षकों को वापस अपने मूल विद्यालय में भेजा जा रहा है। कई जिलों में बीएसए ने मूल विद्यालयों में वापसी के आदेश भी कर दिए हैं। तर्क दिया जा रहा है कि मूल विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं बचा या फिर एक शिक्षक रह गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों के ऐसे आदेशों से शिक्षक हैरान हैं।
ऐसे हुआ 5,378 शिक्षकों का तबादला
प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय तबादले की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी। उसके बाद 11 अगस्त को तबादला लिस्ट जारी की गई। इसमें कुल 5,378 शिक्षकों का तबादला किया गया था। शिक्षकों को जॉइनिंग देने से पहले भी यह बात आई थी कि कई स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात बिगड़ रहा है। उसी समय कुछ बीएसए ने शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने के आदेश जारी किए थे। बाद में महानिदेशक स्तर से कहा गया कि जिनका तबादला हो गया है, उनको रोका नहीं जाएगा। सभी को नई जगह जॉइनिंग दी जाएगी। उसके बाद यह जॉइनिंग दे दी गई।
इन जिलों में तबादले निरस्त
के आदेश दिए जा रहे हैं। सुलताननपुर और हमीरपुर के बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश दिया है कि जिन शिक्षकों के तबादले समायोजन से कोई विद्यालय शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक हो रहा है, उनको मूल विद्यालय में वापस किया जाए। औरैया में एक शिक्षक का तबादला निरस्त किया गया है। वहीं बस्ती और जालौन सहित कई जिलों के बीएसए ने नियमों का हवाला दिया है कि कोई विद्यालय एकल या शिक्षक विहीन नहीं होना चाहिए। इन नियमों के तहत ही शिक्षकों को कार्यमुक्त या कार्यभार ग्रहण करवाने की कार्यवाही की जाए।
समायोजन/तबादले से कोई विद्यालय एकल या शिक्षक विहीन होना ही नहीं चाहिए था। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पहले ही यह जांच पड़ताल करनी चाहिए थी। ये स्पष्ट निर्देश थे। अगर ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव-बेसिक शिक्षा परिषद
आखिर क्यों आई ये नौबत
यह पहले से नियम है कि कोई विद्यालय एकल या बंद होने की स्थिति में है तो वहां से शिक्षक का तबादला नही किया जाए। जब तबादले किए गए और सरप्लस स्कूलो की लिस्ट डाली गई, तो उस समय शिक्षामित्रों को भी जोड़कर शिक्षकों की संख्या का आकलन किया गया। ऐसे में कई ऐसे स्कूल थे जिनमे शिक्षा मित्र तो है लेकिन शिक्षक एक या दो ही थे। उनको भी सरप्लस मे जोड़ लिया गया। वहां से शिक्षको का तबादला कर दिया गया। प्रक्रिया के बीच में जब यह बात उठी तो यह कहकर मामला संभाल लिया गया कि तबादला पाने वाले किसी शिक्षक की जॉइनिंग रोकी नहीं जाएगी। बाद में पेयरिंग या दोबारा समायोजन से इसको ठीक किया जाएगा। औरैया में कोर्ट के आदेश से संबंधित शिक्षक को मूल जिले में वापस भेज दिया गया। विभाग से यह आदेश कर दिया गया कि कोई स्कूल एकल या शिक्षक विहीन न हो। इसी वजह से बीएसए ऐसे शिक्षको की मूल विद्यालय में वापसी के आदेश कर रहे है जो स्कूल एकल या शिक्षक विहीन हो गए है।
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