लखनऊ । सरकारी स्कूलों की तिमाही ग्रेडिंग की व्यवस्था ठीक से लागू करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन से 50 लाख रुपये मांगे हैं। यह राशि वेबसाइट संचालित करने और जरूरी सुविधाएं जुटाने पर खर्च की जाएगी। प्रस्ताव शासन को मिल गया है, जिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राजकीय बालक और बालिका इंटर कॉलेजों में तिमाही ग्रेडिंग व्यवस्था लागू की है। इसमें हर तिमाही के अंत में यह देखा जाता है कि विद्यालय में उस तिमाही के लिए निर्धारित सभी विषयों का कोर्स पूरा हुआ है या नहीं। भवन, खेल का मैदान, पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला किस स्थिति में हैं। इनके मूल्यांकन के आधार पर विद्यालयों को ए, बी, सी और डी ग्रेड दिया जाता है। आंकड़े उत्तर प्रदेश सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को जिला विद्यालय निरीक्षक मुहैया कराते हैं, जबकि तय फार्मूले पर इन आंकड़ों का विश्लेषण करके ग्रेड देने का काम यूपीडेस्को करता है।
पिछले एक साल से यह योजना लागू है, मगर विभाग ने शासन से इस मद में अलग से राशि की डिमांड नहीं की थी। लेकिन, शुरुआती नतीजे अच्छे आने पर इसे और भी व्यापक तौर पर लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए वेबसाइट के संचालन में आने वाले खर्च के अलावा अलग से स्टाफ रखने की भी जरूरत है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन से 50 लाख रुपये का बजट जारी करने का प्रस्ताव भेजा है।
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