एलसीएम से लेकर पहाड़ा और अंग्रेजी शब्दों में माहिर हुए बच्चे
पलियाकलां-खीरी। इन दिनों क्षेत्र के प्राथमिक
विद्यालयों का माहौल बदला नजर आ रहा है। प्रार्थना से लेकर बच्चों को
पढ़ाने और उन्हें अलग-अलग विषयों में माहिर करने के लिए प्रशिक्षु से
सहायक अध्यापक बने शिक्षकों ने पूरा दम लगाना शुरू कर दिया है। उन पर
फिलहाल किसी तरह के विभागीय अथवा अन्य कार्यों का बोझ नहीं है, इस वजह से
वे सीधे तौर पर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में पूरा ध्यान लगा पा
रहे हैं। पलिया ब्लॉक क्षेत्र में कुल 147 प्राथमिक विद्यालय हैं।
जहां पर अर्से से अध्यापकों का टोटा चल रहा था, जो थे भी उनके ऊपर विभागीय कार्यों का बेतहाशा बोझ था। चुनावी व्यवस्तता अलग से। ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। स्थिति बदली प्रशिक्षु शिक्षकों के आने के बाद। क्षेत्र के स्कूलों में 196 प्रशिक्षु शिक्षकों को बीते वर्ष 18 नवंबर से ज्वाइनिंग दी गई। पलिया प्राथमिक विद्यालय में इस वजह से कुल पांच सहायक अध्यापक हो गए हैं। जिन्होंने अपना काम बखूबी अंजाम देना शुरू कर दिया है। अध्यापकों की मेहनत बच्चों के ज्ञान में हुए इजाफा के रूप में सामने भी आ रही है। पलिया प्राथमिक विद्यालय कक्षा पांच की छात्रा प्रतिभा एलसीएम, एचसीएफ और भिन्न के मुश्किल सवालों का जवाब दे पाने में सक्षम हो चुकी है। उसे अंग्रेजी के तमाम शब्द भी कंठस्थ हो गए हैं। कक्षा पांच की भूमि का गणित ज्ञान और अंग्रेजी व्याकरण की समझ पहले से कहीं बेहतर हो गई है, उसने कई हिन्दी शब्दों की अंग्रेजी बताकर चौंका दिया। कक्षा चार के शिवम को अब स्कूल आना अच्छा लगता है। उसे पढ़ाने के लिए शिक्षक मौजूद हैं। पलिया प्राथमिक विद्यालय में इस समय नीलू शुक्ला, कन्नौज के अजीत कुमार, सुमि सहगल, कानपुर की शगुफ्ता बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षित करने के कार्य में जुटे हैं। ऐसा ही हाल नगर से कुछ ही दूर स्थित प्राथमिक विद्यालय नौरंगपुर का भी हैं। यहां पर कनक प्रभा और सना वारसी सहायक अध्यापक के रूप में तैनात किए गए हैं। कक्षा पांच के छात्र हरद्वारी और राज ने एलसीएम और एचसीएफ से जुड़े सवालों को मौखिक ही हल करके जवाब दे दिया। जबकि कक्षा पांच की छात्रा अनोखी ने अंग्रेजी बोलकर अपने शिक्षकों की मेहनत को सार्थक साबित किया। शिक्षिकाओं ने बताया कि पहले ही तुलना में अब बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। बच्चों को शिक्षित करने के अलावा उन्हें अनुशासन का पाठ और व्यवहारिक ज्ञान भी देने की लगातार कोशिश हो रही है। बच्चों के अभिभावक भी स्कूल में हुए इस महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर उत्साहित हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों को हाल ही में सहायक अध्यापक के रूप में विद्यालयों में तैनाती दी गई है, सभी अच्छा कार्य कर रहे हैं। जैसी उम्मीद थी वैसे परिणाम भी सामने आने लगे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होना यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी भी था। भरत कुमार वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी
जहां पर अर्से से अध्यापकों का टोटा चल रहा था, जो थे भी उनके ऊपर विभागीय कार्यों का बेतहाशा बोझ था। चुनावी व्यवस्तता अलग से। ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। स्थिति बदली प्रशिक्षु शिक्षकों के आने के बाद। क्षेत्र के स्कूलों में 196 प्रशिक्षु शिक्षकों को बीते वर्ष 18 नवंबर से ज्वाइनिंग दी गई। पलिया प्राथमिक विद्यालय में इस वजह से कुल पांच सहायक अध्यापक हो गए हैं। जिन्होंने अपना काम बखूबी अंजाम देना शुरू कर दिया है। अध्यापकों की मेहनत बच्चों के ज्ञान में हुए इजाफा के रूप में सामने भी आ रही है। पलिया प्राथमिक विद्यालय कक्षा पांच की छात्रा प्रतिभा एलसीएम, एचसीएफ और भिन्न के मुश्किल सवालों का जवाब दे पाने में सक्षम हो चुकी है। उसे अंग्रेजी के तमाम शब्द भी कंठस्थ हो गए हैं। कक्षा पांच की भूमि का गणित ज्ञान और अंग्रेजी व्याकरण की समझ पहले से कहीं बेहतर हो गई है, उसने कई हिन्दी शब्दों की अंग्रेजी बताकर चौंका दिया। कक्षा चार के शिवम को अब स्कूल आना अच्छा लगता है। उसे पढ़ाने के लिए शिक्षक मौजूद हैं। पलिया प्राथमिक विद्यालय में इस समय नीलू शुक्ला, कन्नौज के अजीत कुमार, सुमि सहगल, कानपुर की शगुफ्ता बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षित करने के कार्य में जुटे हैं। ऐसा ही हाल नगर से कुछ ही दूर स्थित प्राथमिक विद्यालय नौरंगपुर का भी हैं। यहां पर कनक प्रभा और सना वारसी सहायक अध्यापक के रूप में तैनात किए गए हैं। कक्षा पांच के छात्र हरद्वारी और राज ने एलसीएम और एचसीएफ से जुड़े सवालों को मौखिक ही हल करके जवाब दे दिया। जबकि कक्षा पांच की छात्रा अनोखी ने अंग्रेजी बोलकर अपने शिक्षकों की मेहनत को सार्थक साबित किया। शिक्षिकाओं ने बताया कि पहले ही तुलना में अब बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। बच्चों को शिक्षित करने के अलावा उन्हें अनुशासन का पाठ और व्यवहारिक ज्ञान भी देने की लगातार कोशिश हो रही है। बच्चों के अभिभावक भी स्कूल में हुए इस महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर उत्साहित हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों को हाल ही में सहायक अध्यापक के रूप में विद्यालयों में तैनाती दी गई है, सभी अच्छा कार्य कर रहे हैं। जैसी उम्मीद थी वैसे परिणाम भी सामने आने लगे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होना यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी भी था। भरत कुमार वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी
खबर साभार : डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट

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