आदेश के बाद भी तदर्थ शिक्षकों को नहीं मिला नौ महीने का वेतन
माध्यमिक विद्यालयों से हटाए गए तदर्थ शिक्षकों की खराब हुई दिवाली
माध्यमिक शिक्षक संघ ने अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई नाराजगी
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में 20 साल से अधिक काम करने वाले लगभग 2300 तदर्थ शिक्षकों को उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद भी नौ महीने का वेतन नहीं दिया गया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इन शिक्षकों व परिजनों की दिवाली खराब करने का भी आरोप लगाया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह पटेल व संगठन प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि ये वे शिक्षक हैं जिन्हें 2000 के पूर्व में तय व्यवस्था के तहत नियुक्त किया गया था। वे लगातार सेवा में रहकर देश की भावी पीढ़ी के निर्माण में गत 20 साल से ज्यादा से अपना योगदान दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें नियमित करने और नियमित वेतन भुगतान के स्पष्ट आदेशों के बाद भी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
डॉ. पटेल ने इस संवेदनशील मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का व्यक्तिगत ध्यान आकृष्ट करते हुए उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अपनी स्वेच्छाचारिता से शिक्षकों का वेतन रोककर उनका आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं।
उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा से भी इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए शिक्षकों का वेतन जल्द जारी कराने की मांग की।
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