हिसाब न देने पर सभी बीईओ को भेजा नोटिस
पांच करोड़ का मामला
कई माह बाद भी नहीं दिए धन के उपभोग प्रमाणपत्र
ड्रेस के लिए भेजा गया था सर्वशिक्षा अभियान का धन
रामपुर निज संवाददातासर्वशिक्षा अभियान के पांच करोड़ का हिसाब न देने पर जनपद के समस्त खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने बच्चों की ड्रेस के लिए स्कूलों का पैसा मुहैया कराया था, लेकिन कई माह बाद भी उपभोग प्रमाणपत्र नहीं दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की अधिकतर योजनाएं सर्वशिक्षा अभियान पर निर्भर हैं। इसी मद से उनके संचालन को पैसा दिया जाता है। विभाग एसएसए से बच्चों और शिक्षकों को तमाम सुविधाएं दे रहा है। किताबें, झूले, साइकिल, बिजली, स्कूल भवनों का निर्माण आदि सर्वशिक्षा अभियान से चल रहे हैं। यहां तक कि हर साल बच्चों को ड्रेस भी इसी मद से दी जा रही है। करीब आठ करोड़ रुपये तक बच्चों की ड्रेस पर खर्च हो रहे हैं। इस साल भी पांच करोड़ रुपये स्कूलों को भेजे गए थे। प्रत्येक बच्चे को दो जोड़ी ड्रेस दी जानी है। इसके लिए चार सौ रुपये बच्चे के हिसाब से पैसा दिया जा रहा है। विभाग ने प्रथम चरण में स्कूलों को 75 प्रतिशत पैसा जारी किया था। इसके तहत पांच करोड़ रुपये दिए गए। साथ ही ड्रेस खरीदने के निर्देश भी जारी किए गए, जिसमें यह भी बताया कि ड्रेस खरीदने के बाद फौरन विभाग को सूचना दें। उपभोग प्रमाणपत्र भी जमा किए जाएं, जिन्हें शासन को बतायाजा सके, लेकिन धन का हिसाब कोई देने को तैयारी नहीं है, जबकि शासन जनपद से उपभोग प्रमाणपत्र मांग रहा है। इससे विभाग में खलबली मची है। उब उपभोग प्रमणपत्र जमा करने के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। बीएसए एसके तिवारी और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी जयपाल सिंह गौतम ने समस्त बीइओ को नोटिस जारी किए हैं। इसमें कहा है कि ड्रेस के लिए जो धन भेजा गया है, उसकी सूचना दें। कितना खर्च हो गया और कितना बचा है। खर्च किए गए धन का उपभोग प्रमाणपत्र जमा करें, ताकि शासन को सूचना भेजी जा सके। यदि सप्ताह भर में सूचना मुहैया नहीं कराई गई तो कार्रवाई के लिए वाध्य होना पड़ेगा। मिलक, बिलासपुर, स्वार, शाहबाद, चमरौआ, सैदनगर और नगर शिक्षाधिकारी को नोटिस दिए गए हैं। समस्त एबीआरसी को इस संबंध में चेतावनी दी गई है।
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