औरैया के परिषदीय शिक्षकों को सुनाई नहीं दे रहा है। यह पढ़कर आप चौंकियेगा नहीं। इसके प्रमाण पत्र उन्होंने खुद विभाग में लगाए हैं और सुविधाएं भी ले रहे हैं। करीब एक सौ से अधिक दिव्यांग शिक्षक विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से अकेले औरैया ब्लाक के 72 शिक्षकों के खिलाफ मंडल स्तर पर जांच चल रही है। दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। उनकी नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। औरैया ब्लाक के शिक्षकों में सुनाई न देने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यहां के 72 शिक्षक विकलांग प्रमाण पत्र लगाकर लंबे समय से एक ही स्कूल में डटे हैं। साथ ही प्रधानाध्यापक को पांच सौ और सहायक अध्यापक को चार सौ रुपये दिव्यांग भत्ता मिल रहा है। इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है।1 यह खेल किसी तरह पकड़ में आ गया। इस पर डीएम ने औरैया ब्लाक के दिव्यांग शिक्षकों की सूची तलब कर ली। तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसमें एक-दो स्कूलों में तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर प्रधानाध्यापक तक सुनाई न देने की सूची में शामिल हैं। कुछ स्कूल ऐसे मिले जिनमें दो व दो से अधिक शिक्षक दिव्यांग हैं। इसमें अधिकांश सुनाई न देने की समस्या वाले ही हैं। 72 दिव्यांग शिक्षकों की सूची में 50 सुनाई न देने, 21 हड्डी से संबंधित व एक दृष्टि कम होने से दिव्यांग हैं। यह देख डीएम ने मामले की जांच के लिए फाइल मंडल स्तर पर भेज दी। इसके अलावा नई नियुक्ति वाले पांच शिक्षकों की जांच रिपोर्ट आई है। इसमें दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र गलत पाए गए। उन्हें बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं। बीएसए राजेश कुमार श्रीवास ने बताया कि जिन दो शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश दिए गए हैं। उनकी नियुक्ति 15 हजार शिक्षकों वाली काउंसलिंग में हुई थी। उन्हें अभी स्कूल में तैनात नहीं किया गया था। डीएम माला श्रीवास्तव ने बताया कि 72 शिक्षकों के मामले की जांच मंडलीय बोर्ड कर रहा है। जिन दो शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट आई है। उनके खिलाफ कार्रवाई को लिखा गया है। साथ ही जांच के लिए उन्हें एसजीपीजीआई लखनऊ के लिए रेफर किया गया है। लेकिन वह लोग वहां जांच कराने नहीं जा रहे हैं।
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