जागरण संवाददाता, सीतापुर : शिक्षा विभाग के अफसरों के खेल निराले हैं। निहित स्वार्थों की पूर्ति और चहेतों को रेवड़ियां बांटने के लिए वह नियमों से परे जाने से भी गुरेज नहीं करते हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है खंड शिक्षा अधिकारी पिसावां ने। शासन ने परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण व संबद्धीकरण पर रोक लगा रखी है, लेकिन बीईओ इससे इत्तफाक नहीं रखते। बीईओ ने दर्जनों शिक्षकों व शिक्षामित्रों को एक साल से दूसरे विद्यालयों में संबद्ध कर रखा है। हैरानी की बात तो यह है उनके इस कारनामे से महकमे के अफसर भी अनजान हैं। पिसावां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय ढकियाकला के सहायक अध्यापक दीपक तिवारी को पिछले एक साल से पूर्व माध्यमिक विद्यालय मूड़ाखुर्द में संबद्ध कर रखा है। दीपक तिवारी शिक्षण कार्य की जगह बीईओ के निजी कार्यों में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। अंकिता सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय बबुर्दीपुर में तैनात है लेकिन बीईओ ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिसावां से संबद्ध कर रखा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक रतन कुमार को उच्च प्राथमिक विद्यालय देवरिया से संबद्ध कर रखा है। प्राथमिक विद्यालय हदीरा में कार्यरत शिक्षक रघुनाथ का प्राथमिक विद्यालय गुरसंडा से संबद्धीकरण किया गया है। जूनियर हाईस्कूल कोटरा में तैनात सहायक अध्यापक जसवंत सिंह को लेखा कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। प्राथमिक विद्यालय रामनगर में कार्यरत शैलेंद्र पांडेय को उच्च प्राथमिक विद्यालय कचूरा से संबद्ध किया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय भिठौरा में तैनात अवनीश शर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय कैमहरा पंवार से संबद्ध किया गया है। प्राथमिक विद्यालय बिचपरिया के सहायक अध्यापक दिलीप को प्राथमिक विद्यालय रुकुंदीपुर से संबद्ध कर दिया है। प्राथमिक विद्यालय खेरवा में तैनात शिक्षामित्र पंकज दीक्षित को खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने कार्य के लिए नियुक्त कर रखा है। इसके अलावा पिसावां ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी शिवेश कुमार सिंह ने दर्जनों शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों से संबद्ध कर रखा है।
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