संवाद सहयोगी, हाथरस : छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए चार माडल स्कूलों का निर्माण करोड़ों रूपये की लागत से कराया गया। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद निर्माण कार्य पूरा नही हो सका है। विद्यालयों का संचालन शुरू न हो पाने कारण छात्रों को मायूसी हाथ लगी है। 1राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत तमाम कार्य शिक्षा के क्षेत्र में कराये जा रहे है। करीब तीन साल पूर्व सिकंदराराऊ के वाजिदपुर, सादाबाद के सीस्ता, सहपऊ के गुतहेरा और मुरसान ब्लाक के टुकसान क्षेत्र में माडल स्कूल स्वीकृत हुए थे। करोड़ों रुपये की लागत से इन विद्यालयों का निर्माण कार्य होना था। सीएनडीएस और यूपीपीसीएल को निर्माण कार्य कराने का जिम्मा सौंपा गया। करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कराने वाली संस्था कार्य पूरा नही करा सकी। जिस कारण अभी विभागीय अधिकारी इन विद्यालयों को हैंड ओवर नहीं कर पाया है। बताते चले कि इन चारों विद्यालयों का निर्माण कार्य जब शुरू हुआ था। तब इन गांवों के आसपास रहने वाले ग्रामीण खुश थे। उन्हें लगा था कि अब शायद उनके बच्चों को शिक्षा लेने के लिए शहर की ओर रूख नही करना पड़ेगा। गत सत्र में तो शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों ने प्रदेश स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए आवेदन जारी कर दिए। तमाम पात्र बेरोजगारों ने आवेदन फार्म आनलाइन भर दिए। लेकिन तैनाती किसी भी विद्यालय में नहीं हो सकी। इस कारण अब आवेदन करने वाले युवकों की फीस वापस की जा रही है। इस साल का सत्र भी शुरू हो चुका है, लेकिन इन विद्यालयों में पढ़ाई की आस अब भी पूरी नहीं हो सकी। आने वाला समय चुनावी होगा,विद्यालयों के संचालित हो जाने की उम्मीद नहीं है
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