बदायूं : सुरक्षित नहीं रखा जाता एमडीएम का नमूना , खिलाए गए एमडीएम का नमूना विद्यालय में सुरक्षित रखने का है नियम
जागरण संवाददाता, बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना में नियमों का ताक पर रखा जा रहा है। बिना किसी शेडयूल के भोजन बनाकर बच्चों को खिला दिया जाता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ज्यादातर विद्यालय भोजन का नमूना सुरक्षित नहीं रख रहे। निरीक्षण के दौरान जिम्मेदारों के सामने यह बात उजागर भी होती है, लेकिन चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को दोपहर का भोजन दिया जाता है। अलग-अलग दिनों के हिसाब से मेन्यू तैयार किया गया है, लेकिन तमाम विद्यालयों में मेन्यू का दरकिनार किया जा रहा है। कुछ भी बनाकर बच्चों को खिला दिया जाता है। यहीं नहीं विद्यालयों में कम से कम एक दिन तक एमडीएम सुरक्षित रखने के शासनादेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है। जबकि माना गया था कि नमूना सुरक्षित रखे जाने के बाद खाने की गुणवत्ता सुधरेगी, लेकिन सब पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। निरीक्षण के दौरान आए अधिकारी भी इस बात पर गौर नहीं करते और गौर करते भी हैं तो चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद भी नियमों की नजरअंदाजगी जारी रहती है। मध्यान्ह भोजन योजना की जिला समन्वयक हिना खान ने बताया कि कम से कम शिक्षण कार्य वाले दिन तक नमूना सुरक्षित रखा जाना चाहिए। भोजन खराब होने की वजह से उसी दिन तक सुरक्षित रखे जाने का निर्देश विद्यालयों को दिया था। विद्यालयों को एक बार फिर निर्देश जारी किए जाएंगे और नियमों का पालन कराया जाएगा। बीएसए के मुताबिक कोई शिकायत इस बाबत मिलने पर कार्यवाही करेंगे।
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