आखिर सात दिन के लंबे इंतजार के बाद पुलिस लाठीचार्ज मंे मरे शिक्षक के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच नामित सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने शुरू की। बुधवार को जांच अधिकारी ने इस प्रकरण के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के साथ घटना के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी अथवा साक्ष्य प्रस्तुत करने के इच्छुक लोगों को अगले एक सप्ताह के दौरान किसी भी कार्यालय दिवस में कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष संख्या 21 में बयान दर्ज कराने को आमंत्रित किया है। बीती सात दिसंबर को पुरानी पेंशन पहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अटेवा पेंशन बचाव मंच के कार्यकर्ता व शिक्षक की शक्ति भवन के समक्ष पुलिस लाठीचार्ज में घायल हो जाने के बाद आसमयिक मौत हो गई थी। इसको गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण में शिक्षक की मौत की जिम्मेदारी तय करने को जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार को सौंपी थी। उन्होंने बताया कि आदेश के बाद लगातार तीन दिन रहे अवकाश के कारण जांच संबंधी आदेश देर से सिटी मजिस्ट्रेट को मिलने के कारण ही इस प्रकरण की जांच प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो पायी। इस संबंध में सभी पक्षकारों के बयान दर्ज करने के साथ ही लाठीचार्ज के दौरान मौके पर उत्पन्न परिस्थित, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी और प्रशासनिक निर्देश बिना पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर किए गए लाठीचार्ज के औचित्य से जुड़े सभी पहलूओं की गहनता से जांच के बाद ही अंतिम तौर पर तैयार होने वाली रिपोर्ट में हादसे के लिए जिम्मेदारों को चिह्नित कर उनके खिलाफ तय होने वाली कार्रवाई की संस्तुति को भी शामिल किया जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट ने भरोसा दिलाया कि पूरी जांच प्रक्रिया को इसके लिए तय मियाद एक माह में पूरा करने का हर संभव प्रयास रहेगा।
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